जहां रेप हुआ..पूर्व मंत्री के बेटे की वह बिल्डिंग अवैध: एक मकान की अनुमति पर बनाया अपार्टमेंट; बनाने थे तीन फ्लैट, बना दिए 15 – Shahdol News h3>
शहडोल के पांडव नगर इलाके में बीजेपी के पूर्व मंत्री और अनूपपुर से विधायक बिसाहूलाल के छोटे बेटे रामराज सिंह का बंगला इस वक्त प्रदेशभर में चर्चा में है। इसकी वजह तो कई हैं, लेकिन यहां सिर्फ तीन के बारे में बात करेंगे।
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पहली – 9 अप्रैल को पंकज कटारे (54) नाम के शख्स को स्थानीय लोगों ने पकड़ा। वो इसलिए कि वह 13 साल की छात्रा से बार-बार दुष्कर्म करने लेकर आता था। जिस दिन आरोपी पकड़ाया, उस दिन भी दुष्कर्म किया था।
दूसरी- मंत्री के बेटे का यह बंगला अभी पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुआ है। दो साल से काम बंद है। इसी वजह से ये शहर के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में गुंडे-बदमाशों और नशेड़ियों का अड्डा बन गया है।
तीसरी- बिल्डिंग का जो नक्शा नगरपालिका ने पास किया है, निर्माण उसके उलट है। हैरानी की बात तो ये है कि पूरी बिल्डिंग लगभग बनकर तैयार है, लेकिन रसूख ऐसा कि प्रशासनिक अधिकारी यहां देखने तक नहीं आए।
बिल्डिंग में पूरा निर्माण नगरपालिका से पास हुए नक्शे के विपरीत किया गया है।
नमस्कार, मैं सौरभ पांडेय
मैं इस वक्त पांडव नगर के बीचों-बीच बसे आशीर्वाद कॉलोनी के उस निर्माणाधीन बंगले में हूं, जिसमें बच्ची के साथ कई बार गलत काम हो चुका था।
मेरे साथ शहर के जाने-माने आर्किटेक्ट यानी नक्शा बनाने वाले वास्तुकार भी हैं।
आप सोच रहे होंगे कि आर्किटेक्ट मेरे साथ यहां क्यों है? वो इसलिए, क्योंकि जो आप खबर में पढ़ने वाले हैं, वो इनकी मदद के बगैर पूरी नहीं हो सकती थी। यानी एक-एक बात जो कागज पर है, उसकी जमीनी हकीकत कितनी है, ये बताने के लिए ही इन्हें साथ लाया हूं।
जिस दिन बिल्डिंग में घटना हुई, उस दिन दोपहर के वक्त मैं वहां गया था। यहां के हर कमरे के एक-एक कोने को बारीकी से देखा। तीन फ्लौर 15 फ्लैट बने हैं।
अपना काम खत्म कर वहां से आ गया था। दूसरे दिन किसी काम से नगर पालिका के ऑफिस जाना हुआ। बातों-बातों में उच्च पदस्थ अधिकारी से मैंने कहा कि बिल्डिंग सूनी पड़ी है। अपराधियों का अड्डा बन गई है। 15 फ्लैट तैयार हैं, तो बेचे क्यों नहीं जा रहे?
मेरी बात सुनते ही वे अधिकारी हैरान रह गए। उन्होंने बुदबुदाते हुए कहा। 15 फ्लैट कैसे बन सकते हैं। नगर पालिका ने ऐसी तो परमिशन दी ही नहीं। वहां तो तीनों फ्लोर पर चार-चार बेडरूम वाले सेपरेट पार्टीशन बनना है, वो भी निजी उपयोग के लिए।
बात सुनकर मेरा माथा ठनका। किसी तरह से उसी दिन बिल्डिंग परमिशन से लेकर नक्शा तक का एक-एक कागज जुटा लिया।
पांडव नगर जैसे पॉश इलाके में यह बिल्डिंग मौजूद है, इसकी अप्रूवल आवासीय भवन के तौर पर ली गई थी।
अब समस्या थी कि अपनी बात को कैसे फैक्ट के साथ सामने लाऊं। कई सरकारी सिविल इंजीनियर और आर्किटेक्ट से बात की। बिल्डिंग का नक्शा देखने के बाद सभी कहा कि बिल्डिंग में अवैध निर्माण हुआ है। लेकिन, कोई मेरे साथ वहां जाने को तैयार नहीं हुआ।
तीन दिन ऐसे ही निकल गए। मैंने फिर उन सरकारी विभाग के जानकारों से बात की। उनसे कहा कि आपका न तो खबर में नाम आएगा और न ही वीडियो में चेहरा। आप बस मेरे साथ चलकर उस बंगले के फिजिकल फैक्ट को वैरिफाई कर दीजिए।
आखिरकार शहर के एक जाने-माने सरकारी आर्किटेक्ट मान गए। उन्होंने कहा कि मैंने जो वादा किया है, उसे याद रखूं। कहीं मुसीबत में नहीं पड़ जाऊं।
मैंने भरोसा दिलाया। अगले दिन दोपहर के वक्त नक्शा लेकर उनके साथ बिल्डिंग में पहुंच गया। यह समय इसलिए चुना, क्योंकि इस गर्मी में इक्का-दुक्का लोग ही कहीं आते-जाते हैं।
बिल्डिंग में दाखिल होते ही हमने नक्शा खोला, तो पार्किंग एरिया में खास बदलाव नहीं किया गया था। लेकिन, अवैध निर्माण की शुरुआत यहीं से हो जाती है।
आर्किटेक्ट ने नक्शा देखते हुए कहा- ये देखिए नीचे से ऊपर तक डक्टनुमा जगह देख रहे हो, ये लिफ्ट लगाने के लिए छोड़ी गई है। लेकिन, इस नक्शे में लिफ्ट के लिए जगह नहीं हैं।
फिर वे मेरे साथ जल्दी-जल्दी पहली मंजिल पर आ गए। मैंने उन्हें पहली मंजिल का नक्शा दिया। नक्शे में चार मास्टर साइज बेडरूम, अटैच्ड वॉशरूम, दो किचन, दो बरामदे, वॉश एरिया, सीढ़ी और बीच में लंबी सी खुली जगह दिख रही थी।
साल 2021 में नगर पालिका ने इस नक्शे को पास किया था। दैनिक NEWS4SOCIALके पास इसकी मूल प्रति मौजूद है।
नक्शा देखने के बाद आर्किटेक्ट ने पूरा फ्लोर देखा। नक्शे के अनुसार तो एक ईंट भी नहीं लगी थी। छोटे-छोटे पांच टू बीएचके फ्लैट बने थे। किसी कमरे में प्लास्टर हो चुका था, तो किसी में नहीं।
उन्होंने कहा कि नक्शे जैसा तो कुछ भी नहीं है। यहां जो बनाया गया है, उसको देखकर तो ऐसा लगता है कि ये नक्शा इस बिल्डिंग का है ही नहीं।
इसके बाद हम दोनों सेकंड और थर्ड फ्लोर पर पहुंचे। नक्शा तो इसका भी वैसा ही था, जैसा पहली का। लेकिन, यहां भी हर फ्लोर पर पांच-पांच फ्लैट बने मिले।
ये देखकर आर्किटेक्ट ने कहा कि नक्शे जैसा तो यहां कुछ भी नहीं हैं। ऐसा लगता है कि जो भी इस बिल्डिंग का मालिक है, उसका प्लान इस बिल्डिंग में बनाए गए फ्लैट्स बेचने का होगा।
यहां से निकलने के बाद मैंने भवन मालिक रामराज सिंह को फोन किया। कई बार कोशिश के बाद भी उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद उनके पिता और पूर्व मंत्री बिसाहूलाल को भी फोन किया, लेकिन उन्होंने भी रिसीव नहीं किया।
क्या बिना वेरिफिकेशन के नक्शा पास किया
भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र जारी करते समय नक्शा बनाने वाले रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट को नगर पालिका में फार्म 16(9), फार्म फॉर सुपर विजन भरना पड़ता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि जैसा नक्शा है, वैसा ही निर्माण हो।
लेकिन इस बिल्डिंग का नक्शा आर्किटेक्ट ख्याति चौबे (रजिस्ट्रेशन नंबर- 3725/2018) ने बनाया था। ख्याति ने इसे प्रूव कर नगर पालिका से भी अप्रूव कराया। फॉर्म भरकर अपने सुपर विजन निर्माण शुरू करवा दिया।
अब दिल्ली में कर रहीं प्राइवेट नौकरी
दैनिक NEWS4SOCIALकी पड़ताल में खुलासा हुआ है कि जिस आर्किटेक्ट ख्याति चौबे ने नगर पालिका में फार्म 16(9) के तहत फार्म फॉर सुपर विजन भरा, वो दिल्ली में किसी कंपनी में प्राइवेट जॉब कर रही हैं।
एक और किरदार आया सामने
पड़ताल में यह भी सामने आया है कि भवन निर्माण की परमिशन नगर पालिका के अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल का बेटा विवेक भी शामिल है।
पेशे से सिविल इंजीनियर विवेक ने बताया,
‘यह बात सही है कि नगर पालिका से अप्रूव नक्शा के अनुरूप निर्माण नहीं हो रहा है। आवासीय निर्माण की जगह कमर्शियल निर्माण हो रहा है। आर्किटेक्ट ख्याति चौबे को इस बात की जानकारी नहीं होगी, क्योंकि वह दिल्ली में किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब कर रही हैं। उनकी जगह मैंने ही अनुमति की प्रकिया पूरी कराई। काम कैसा हो रहा है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है।’
2024 को समाप्त हो चुकी भवन निर्माण की अनुमति
नगर पालिका के सीएमओ अक्षत बुंदेला ने बताया कि
‘ ” मुझे भवन निर्माण संबंधी विस्तार से जानकारी नहीं है। नगर पालिका से अप्रूव इंजीनियर और आर्किटेक्ट की जवाबदारी होती है कि वो अप्रूव्ड नक्शे के अनुसार निर्माण कार्य कराएं। यदि ऐसा नहीं हुआ होगा, तो अतिरिक्त निर्माण को कंपाउंड करने की व्यवस्था होती है। भवन निर्माण की अनुमति समाप्त हो चुकी है। अब भवन निर्माता को काम दोबारा शुरू करने से पहले नए सिरे से अनुमति लेनी होगी, उसी दौरान निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण करवाकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
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8 साल बाद छूटा रेपिस्ट, लौटकर फिर दुष्कर्म
शहडोल का पॉश इलाका पांडव नगर। यहां पुलिस-प्रशासन के बड़े अफसरों, नेताओं और बिजनेसमैन के बंगले, स्कूल-कॉलेज हैं। 9 अप्रैल को भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री और अनूपपुर से विधायक बिसाहूलाल के बेटे रामराज के तीन मंजिला अपार्टमेंट में 13 साल की छात्रा से दुष्कर्म हुआ। घटना ने शहर के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके की हकीकत उजागर कर दी। ये जगह शातिर, कुख्यात, नशेड़ियों और अनैतिक कामों का अड्डा बन गई है। पढ़ें पूरी खबर
आरोपी को 9 अप्रैल को ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
शहडोल में स्कूल जा रही नाबालिग से रेप
शहडोल में 8वीं क्लास की नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। कोतवाली थाना क्षेत्र के पांडव नगर में स्कूल जा रही 13 वर्षीय छात्रा के साथ एक व्यक्ति ने दुष्कर्म किया। आरोपी की पहचान पंकज कटारे (54) के रूप में हुई है। वह कोतवाली थाना क्षेत्र का रहने वाला है। घटना बुधवार सुबह की बताई जा रही है। पढ़ें पूरी खबर