बीएमएचआरसी में डीएनए पढ़ेगी हाईटेक मशीन: राज्यपाल ने कहा- आशंका हो तो जांच कराओ, सिकल सेल हो तो दवा दिलाओ – Bhopal News h3>
भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमएचआरसी) में गुरुवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अस्पताल के सिकल सेल एनीमिया सक्षमता केंद्र में स्थापित आनुवंशिक विश्लेषण लैब और डीएनए सीक्वेंसर मशीन का लोकार्पण किया। इस दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा
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कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह, एनएचएम की निदेशक डॉ. सलोनी सिडाना, आईसीएमआर राष्ट्रीय प्रतिरक्षा रुधिर विज्ञान संस्थान, मुंबई की निदेशक डॉ. मनीषा मडकईकर और बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव उपस्थित रहीं। वहीं, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े।
लोग शादी से पहले पूछ रहे सिकल सेल स्टेटस एनएचएम (मप्र) की निदेशक डॉ. सलोनी सिडाना ने कहा कि सिकल सेल उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों का असर दिखने लगा है। प्रदेश के डिंडोरी, झाबुआ, अलीराजपुर जैसे जिलों में लोग शादी तय करने से पहले सिकल सेल स्टेटस पूछ रहे हैं। सिकल सेल के खिलाफ इस लड़ाई में अब हमें स्वयंसेवी संस्थाओं, महिला बाल विकास विभाग, जनजातीय विभाग का सहयोग प्राप्त हो रहा है। प्रदेश में अब तक 1 करोड़ से अधिक लोगों की सिकल सेल की स्क्रीनिंग हो चुकी है।
अब तक हुई 800 जनजातीय विद्यार्थियों की जांच वर्चुअल रूप से जुड़े आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि बीएमएचआरसी को मध्य भारत में सिकल सेल एनीमिया के लिए सक्षमता केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। यह केंद्र सिकल सेल स्क्रीनिंग, निदान, उपचार और अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अब तक 800 से अधिक जनजातीय विद्यार्थियों के नमूनों की जांच की जा चुकी है।
सिकल सेल उन्मूलन में आईसीएमआर का रोल
- ऐसे अनुसंधान किए जाएंगे जो यह समझने में मदद करें कि इस रोग में अंगों को होने वाले नुकसान को कैसे रोका जा सकता है।
- सिकल सेल के मरीजों को होने वाले दर्द को दूर करने के लिए बीमारी से लड़ने के लिए नई दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल किए जाएंगे।
डीएनए सीक्वेंस मशीन समाधान खोजने में सहायक राज्यपाल पटेल ने कहा कि चूंकि सिकल सेल एक अनुवांशिक बीमारी है, इसलिए इसका उन्मूलन जटिल और चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में डीएनए सीक्वेंस मशीन की स्थापना एक सकारात्मक पहल है। यह मशीन सिकल सेल रोग से संबंधित चुनौतियों और जटिलताओं को समझने और समाधान खोजने में सहायक होगी।