5 राज्यों में चोरियां करने वाली युवती का दिल बदला: पुलिस से बोली- शादी करना चाहती हूं, घरवाले मदद नहीं कर रहे – Madhya Pradesh News

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5 राज्यों में चोरियां करने वाली युवती का दिल बदला:  पुलिस से बोली- शादी करना चाहती हूं, घरवाले मदद नहीं कर रहे – Madhya Pradesh News

5 राज्यों में चोरियां करने वाली युवती का दिल बदला: पुलिस से बोली- शादी करना चाहती हूं, घरवाले मदद नहीं कर रहे – Madhya Pradesh News

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राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा के सामने पहुंची एक युवती ने जब ये बात कही, तो वो भी एक पल के लिए हैरान रह गए। उन्होंने उससे पूछा कि चोरी छोड़ने की इच्छा है तो दिक्कत क्या है। युवती बोली- परिवार के लोग सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने इस युवती को वन स्टॉप सेंटर पर भेज दिया है।

दरअसल, एसपी के पास पहुंची युवती सांसी समुदाय से ताल्लुक रखती है। राजगढ़ और आसपास के इलाकों में रहने वाले सांसी समुदाय का पेशा ही चोरी करना है। ये अपने बच्चों को भी चोरी करने की ट्रेनिंग देते हैं। युवती समुदाय के इस पारंपरिक पेशे को क्यों छोड़ना चाहती है और परिवार क्यों सपोर्ट नहीं कर रहा है। पढ़िए रिपोर्ट

सांसी समुदाय की युवती चोरी छोड़कर घर बसाना चाहती है। मगर, परिवार साथ नहीं दे रहा।

पहले जानिए सांसी समुदाय किस तरह की वारदातों में शामिल हैं राजगढ़ जिले के कड़िया, गुलखेड़ी गांव में बड़ी संख्या में सांसी समुदाय के लोग रहते हैं। इनके ज्यादातर परिवार चोरी, लूट सहित अन्य अपराधों से जुड़े हैं। इनकी गैंग देशभर में सक्रिय रहती है। गैंग में नाबालिग बच्चे और महिलाएं भी रहती हैं। माता-पिता अपने बच्चों को चोरी की ट्रेनिंग देते हैं।

थाना बोड़ा के टीआई धर्मेंद्र शर्मा बताते हैं यह गैंग वारदात को अंजाम देने से पहले रेकी करता है। ये लोग अक्सर रुपयों से भरा बैग चोरी करना, शादियों से गहने चुराने जैसी वारदातें करते हैं। इसमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं रहती हैं। यदि ये पकड़े जाते हैं, तो इन्हें जमानत मिल जाती है। गैंग का सरगना हमेशा ही फरार होने में कामयाब होता है।

​​चोरी के लिए बच्चों को लेते है किराए पर टीआई शर्मा बताते हैं कि कई लोग चोरी नहीं करते, लेकिन उसमें इन्वॉल्व रहते हैं। नाबालिग बच्चों की गैंग चलाते हैं। गैंग को बैठे-बैठे ऑपरेट करते हैं। पकड़े जाने पर जमानत भी करवाते हैं। इतना ही नहीं दूसरे जिले से 1 साल के लिए बच्चे भी किराए पर लेकर आते हैं। इसके लिए बच्चों के माता-पिता को लाख दो लाख रु. की रकम देते हैं।

ये भी देखते हैं कि बच्चा इस काम में कितना एक्सपर्ट है। कुछ बिल्कुल नए होते हैं, उन्हें फ्री में ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग में इन्हें सिखाया जाता है कि किस तरह से जेब काटना है, भीड़ में रुपयों से भरा बैग कैसे पार करना है? काम को अंजाम देने के बाद फरार कैसे होना है? पुलिस पकड़े तो पिटाई से कैसे बचना है।

टीआई शर्मा कहते हैं कि बोड़ा थाना क्षेत्र में आने वाले कड़िया-गुलखेड़ी गांव के 150 लोग फरार है। दरअसल, ये लोग पूरे देश में जाकर चोरियां करते हैं, तो हर दिन बाहरी राज्यों से पुलिस की टीम यहां आरोपियों की तलाश में आती है।

युवती का बैकग्राउंड- 8 साल की उम्र से चोरी जिस युवती ने चोरी छोड़ने का मन बनाया है वह अब तक 100 से ज्यादा चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुकी है। युवती ने बताया कि उसने एमपी, यूपी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में चोरियां की है। उसने ये भी बताया कि सारी चोरियां उसने माता-पिता के कहने पर की है।

पुलिस बोली- युवती के खिलाफ मामला दर्ज नहीं बोड़ा थाने के टीआई धर्मेंद्र शर्मा बताते हैं कि सांसी समुदाय के लोग ग्रुप में चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं। एक ग्रुप में 4-5 लोग रहते हैं। ये छोटी चोरियां करते हैं। जैसे, किसी सोने-चांदी की दुकान में कुछ लोग सामान खरीद रहे हैं, तो ये लोग वहां जाकर बैठ जाएंगे।

सामान खरीदने के बाद जब महिलाएं दुकान से बाहर निकलती हैं तो ये लोग उसका पीछा करते हैं। मौका मिलते ही सामान चुरा लेते हैं। छोटी चोरियां करते हैं इसलिए एफआईआर भी कम होती है। युवती जिस कड़िया-गुलखेड़ी गांव से आती है वहां की महिलाएं छोटी चोरियां करती हैं, दूसरे राज्यों में भी जाती हैं। ये कभी पकड़ाई नहीं, इसलिए कोई केस दर्ज नहीं है।

अब जानिए कैसे बदला युवती का मन टीआई शर्मा बताते हैं कि पिछले महीने राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा कड़िया गांव गए थे। भागवत कथा के मंच से उन्होंने चोरों को सलाह दी थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था। उन्होंने कहा था कि – मैं आपके बीच प्रशासन का हनुमान बनकर आया हूं, सुधर जाओ। रावण को हनुमानजी भी समझाने गए थे, वह नहीं माना तो लंका जल गई।

उन्होंने आगे कहा- यदि ऐसा होता कि साहब हमें यह धन मिला, हमने यह स्कूल खोल दिए, हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा दे दी। जब ये सब नहीं हो पा रहा है तो बच्चों को अंधेरे में धकेलने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? एसपी ने कहा कि मैंने पिछली बार कहा था कि यदि सूचना देने वाले व्यक्ति को धमकी मिली तो सबसे आखिरी पंचायत इसी गांव में लूंगा।

युवती बोली- एसपी साहब सही बोल रहे हैं

एसपी की इस मीटिंग के बाद से ही कड़िया गुलखेड़ी गांव की रहने वाली युवती ने चोरी छोड़ने का फैसला किया। युवती का कहना है कि एसपी साहब ने हमें समझाया और कहा कि यदि चोरी छोड़ेंगे तो जो रोजगार होगा वो दिलवाएंगे। मैं भी चाहती हूं कि चोरी का काम छोड़ दूं। मैं तो गांव के लोगों से भी कहना चाहती हूं कि वो भी चोरी करना छोड़ दे।

राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा ने कड़िया-गुलखेड़ी गांव में हुई भागवत कथा में हिस्सा लिया था।

अब जानिए परिवार क्यों कर रहा युवती का विरोध

टीआई शर्मा बताते हैं कि सांसी समाज के लोग लड़कियों की शादी समाज के लड़के से ही करते हैं। जिस लड़के से शादी होती है, वो एक तरह से घर जमाई बनकर रहता है। शादी से पहले तक लड़की चोरियों की वारदात में शामिल रहती है। शादी के बाद दामाद और ससुर मिलकर वारदातों को अंजाम देते हैं। इस तरह परिवार को रोजी-रोटी चलती है।

टीआई शर्मा के मुताबिक अब युवती समाज के किसी लड़के के बजाय किसी दूसरे समाज के लड़के से शादी करना चाहती है। उसके परिवार के लोग इसी वजह से विरोध कर रहे हैं। घरवालों को लगता है कि उनकी कमाई का साधन चला जाएगा। युवती के परिवार में दो भाई और दो से तीन बहनें हैं।

युवती को वन स्टॉप सेंटर भेजा युवती ने जिस तरह से परिवार के विरोध में जाकर चोरी छोड़ने का फैसला किया है उससे परिवार के सदस्य नाराज हैं। प्रशासन ने उसे राजगढ़ के सखी वन स्टॉप सेंटर के सुपुर्द किया है। सेंटर की प्रशासक रश्मि चौहान ने कहा कि युवती बालिग है, वह खुद अपने फैसले लेने में सक्षम है। अगर, वह किसी के साथ जाना चाहती है, तो जा सकती है। उसे माता-पिता के साथ रहना है या नहीं रहना है ये वो खुद ही तय करेगी। रश्मि कहती है-

यदि उसे प्रशासन की मदद चाहिए, तो ऐसी कई संस्थाएं हैं जहां महिलाएं रहती हैं। हम उसे वहां शिफ्ट कर देंगे। अभी इस बारे में कुछ बता नहीं सकते। उससे बात करने के बाद भी आगे की स्थिति साफ होगी।

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