मौत के बाद छह लोगों को दी नई जिंदगी: किडनी, लिवर, आंखों को किया दान; सूरत में बिहारी मजदूर की हादसे में हुई थी मौत – Bhagalpur News h3>
भागलपुर के एक मजदूर की मौत के बाद उसके अंगदान से छह लोगों को नई जिंदगी मिली है। शिवनारायणपुर के बभनगामा कलगीगंज के रहने वाले 46 साल के चमक लाल यादव गुजरात के सूरत में 15 साल से काम करते थे। 28 मार्च 2025 को अपनी कंपनी में काम खत्म करने के बाद वे किरा
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हादसे के बाद चमन लाल को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। एक अप्रैल को उन्होंने दम तोड़ दिया। मामले की जानकारी के बाद सूरत के ‘डोनेट लाइफ’ संस्था के संस्थापक और अध्यक्ष नीलेश मंडेलवाला आशुतोष हॉस्पिटल में अंतिम सांस लेने वाले चमक लाल के परिवार के पास पहुंचे। उन्होंने परिवार से अंगदान की पहल की। कुछ देर बाद ही चमक के परिवार ने इसकी सहमति दी। चमक लाल यादव के 6 अंगों को निकाल कर जरूरतमंद मरीजों को दिया गया। किसी को हार्ट, तो किसी को लीवर और किसी को आंख मिली।
अंगदान के बाद डोनेट लाइफ संस्था की ओर से अहमदाबाद से चमक लाल यादव की लाश को भागलपुर तक लाने के लिए एरोप्लेन और एंबुलेंस का खर्च दिया गया और शव को 2 अप्रैल को भागलपुर शिवनारायणपुर के बभनगामा कलगीगंज उनके घर लाया गया। संस्था की ओर से ये भी आश्वासन दिया गया कि चमन लाल यादव के तीनों बच्चों की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी संस्था उठाएगी।
बेटे संजीव और नीतीश ने कहा कि हमारे पिताजी का देहांत हम लोगों के लिए शोक का विषय है, लेकिन हमारे पिता ने 6 लोगों की जिंदगी बचाई जिससे हम लोग गर्व महसूस कर रहे हैं।
चमक के भतीजे विनोद यादव ने बताया कि हम लोगों को इसकी सूचना 28 मार्च को मोबाइल के जरिए मिली और कहा गया कि चमक लाल यादव की तबीयत खराब है। हम लोगों ने 29 मार्च को ट्रेन पकड़ लिया और 31 मार्च को सूरत पहुंच गए। यहां पता चला कि चाचा आशुतोष हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर हैं।
सूरत में क्रेन ऑपरेटर थे चमक लाल यादव
चमक लाल सूरत में क्रेन ऑपरेटर के रूप में काम कर रहे थे। वे साल में एक बार 10 दिनों के लिए घर आते थे। चमक लाल के घर में उनकी पत्नी ललिता देवी, तीन बेटे नीतीश, संजीव और जयकांत हैं। चमक उन्नत इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करते थे। कंपनी की ओर से चमक लाल यादव के परिवार को मुआवजा राशि के रूप में 2 लाख रुपए दिए गए हैं। साथ ही और भी राशि देने का आश्वासन दिया गया है।
मृतक चमन लाल की फाइल फोटो।
मृतक के परिजनों के लिए मुआवजा और नौकरी की मांग
इस घटना के बाद राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है। पीरपैंती के पूर्व विधायक रामविलास पासवान ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि गुजरात सरकार बिहारी मजदूरों के साथ सौतेला व्यवहार करती है। आरोप लगाया कि यह कोई पहली घटना नहीं है, कई बार बिहारी मजदूरों की मौत के मामले में स्थानीय प्रशासन औपचारिकता निभाकर उन्हें रवाना कर देता है।
श्रम संसाधन विभाग ने जताई संवेदना, दिलाएगा अनुदान
भागलपुर के श्रम अधीक्षक निखिल कुमार रंजन ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार के बहुत से प्रवासी मजदूर रोजगार के लिए अन्य राज्यों में जाते हैं और कभी-कभी ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसे हो जाते हैं। यदि किसी प्रवासी श्रमिक के साथ कोई दुर्घटना होती है तो श्रम संसाधन विभाग और जिला प्रशासन परिवार की हर संभव सहायता करता है।
मुख्यमंत्री राहत कोष, प्रवासी मजदूर अनुदान कोष सहित कई योजनाओं के तहत परिवार को सहायता दी जाती है। चमन लाल के मामले में भी विभाग संज्ञान लेकर परिवार को अनुदान दिलाने का कार्य करेगा।