मुजफ्फरपुर में सामाजिक कार्यकर्ता एम. राजू नैयर ने महाराष्ट्र के नेता और एकनाथ शिंदे गुट के करीबी संजय निरुपम के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर किया है। यह मामला वक्फ संशोधन बिल के विरोध को लेकर दिए गए निरुपम के कथित विवादित बयान पर आधारित है। इसमें उन्होंने विरोध करने वालों की तुलना जलियांवाला बाग की घटना से करते हुए तीखा बयान दिया था।
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बयान से उपजा विवाद, कोर्ट में पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता
परिवादी एम. राजू नैयर ने कहा कि संजय निरुपम का बयान देश की सामाजिक सौहार्द और मुस्लिम-हिंदू एकता को नुकसान पहुंचाने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि निरुपम का बयान ब्रिटिश अफसर जनरल डायर की मानसिकता से प्रेरित प्रतीत होता है, जिसने जलियांवाला बाग में निहत्थे लोगों पर गोली चलवाकर नरसंहार कराया था। राजू नैयर ने कहा कि इस बयान से देशभर के मुसलमानों की भावना आहत हुई है और यह बयान जानबूझकर समुदायों में दरार पैदा करने के उद्देश्य से दिया गया है। उन्होंने जोर दिया कि इस तरह के बयानों को लोकतंत्र में किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने स्वीकार किया परिवाद, 19 अप्रैल को होगी सुनवाई
परिवादी के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि संजय निरुपम के बयान को लेकर विभिन्न धाराओं के तहत भारतीय दंड संहिता (IPC) में मामला दर्ज कराया गया है। कोर्ट ने इस परिवाद को स्वीकार करते हुए 19 अप्रैल 2025 को सुनवाई की तिथि तय की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक जिम्मेदार राजनीतिक नेता द्वारा देश के नागरिकों के विरोध को दबाने के लिए इस प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल किया गया, वह अत्यंत निंदनीय और असंवैधानिक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि न्यायालय इस मामले में सख्त कदम उठाएगा और ऐसे नेताओं को सख्त संदेश देगा जो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करते हैं।
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देशव्यापी प्रतिक्रिया, सोशल मीडिया पर भी उबाल
संजय निरुपम के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई सामाजिक संगठन और बुद्धिजीवी वर्ग इस बयान को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बता रहे हैं। फिलहाल मामला अब कानूनी प्रक्रिया में पहुंच चुका है। 19 अप्रैल को मुजफ्फरपुर कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह देखा जाएगा कि न्यायालय इस विवादास्पद बयान को किस नजरिए से देखता है और आगे की प्रक्रिया क्या होती है।