प्रिंसिपल ने लोहे के एंगल पर सिर मारा, घसीटकर पीटा: कोटा के आवासीय स्कूल की छात्राएं बोलीं- बिना बताए हॉस्टल आते, अभद्र भाषा बोलते – Rajasthan News

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प्रिंसिपल ने लोहे के एंगल पर सिर मारा, घसीटकर पीटा:  कोटा के आवासीय स्कूल की छात्राएं बोलीं- बिना बताए हॉस्टल आते, अभद्र भाषा बोलते – Rajasthan News

प्रिंसिपल ने लोहे के एंगल पर सिर मारा, घसीटकर पीटा: कोटा के आवासीय स्कूल की छात्राएं बोलीं- बिना बताए हॉस्टल आते, अभद्र भाषा बोलते – Rajasthan News

कोटा के सांगोद में डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय स्कूल हिंगी की छात्राएं प्रिंसिपल सुरेश कुमार मीणा के टॉर्चर से डरी सहमी हैं। छठवीं क्लास की छात्रा की बेरहमी से पिटाई करते हुए वीडियो सामने आने के बाद आरोपी प्रिंसिपल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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छात्राओं ने अपने साथ प्रिंसिपल पर अभद्र शब्दों का उपयोग करने, गर्ल्स हॉस्टल कैंपस में बिना जानकारी बार-बार आने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं।

छात्राओं के आरोपों के पीछे क्या सच्चाई है? बच्ची के साथ मारपीट का पूरा घटनाक्रम क्या है? ये जानने NEWS4SOCIALटीम आवासीय स्कूल पहुंची।

दूसरे दिन दशहत में छात्राएं, बोलीं– मुझे बेरहमी से मारा, बाद में घसीटा भी 6 अप्रैल की सुबह 11 बजे आवासीय स्कूल में दाखिल हुए। चार-पांच टीचर्स हॉस्टल कैंपस के पास बने केयर टेकर रूम के बाहर बैठे थे। कुछ छात्राओं से बातचीत चल रही थी। प्रिंसिपल सुरेश कुमार द्वारा मारपीट के मुद्दे पर छात्राओं से बात करने की कोशिश की गई।

जिस कक्षा 6 की छात्रा के साथ मारपीट की घटना हुई, उसने इसी साल दाखिला लिया था। छात्रा ने पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। कहा- प्रिंसिपल (सुरेश कुमार मीणा) सर ने पहले तो मुझे बाहर बुरी तरह थप्पड़ों से मारा। इसके बाद मेरा सिर लोहे के एंगल पर दे मारा। इतना ही नहीं, प्रिंसिपल सर मुझे घसीट कर केयर टेकर रूम में ले गए, वहां भी मुझे थप्पड़ मारे। फिर वापस बाहर लाकर मुझे पीटा।

हॉस्टल कैंपस में मौजूद छात्राओं ने बताया कि मारपीट की घटना के बाद दहशत है।

बाथरूम में दूसरी छात्रा पर पानी गिराने की शिकायत पर पिटाई छात्रा ने बताया कि प्रिंसिपल के पास उसकी एक शिकायत आई थी। बाथरूम में एक दूसरी छात्रा के ऊपर उससे पानी गिर गया था। इस बात की शिकायत हुई थी। प्रिंसिपल गुस्से में बेकाबू हो गए। इससे पहले भी मुझे और कई छात्राओं को छोटी-छोटी बात पर बुरी तरह पीट चुके हैं। मुझे बेवजह तीन बार पीटा, जबकि मेरी पहली बार ही शिकायत आई थी। सर ऐसे ही बिना बात हम छात्राओं पर गुस्सा करते हैं।

आरोप है कि कक्षा छह क्लास की छात्रा को प्रिंसिपल सुरेश कुमार मीणा ने जमकर पीटा था।

छात्राएं बोली- बिना बताए अकेले हॉस्टल कैंपस में आ जाते हैं लंच ब्रेक के समय छात्राएं हॉस्टल से निकलकर, मेस में खाना खाने के लिए निकलीं। इसी दौरान हमने छात्राओं के एक ग्रुप को रुकवाकर बात शुरू की। इनमें से एक छात्रा ने कहा कि छोटी क्लास की बच्ची के साथ जिस बेरहमी से मारपीट हुई वह बहुत गलत है। ऐसा पहली बार नहीं है। कई छात्राएं प्रिंसिपल के गुस्से का शिकार हो चुकी हैं।

12वीं कक्षा की एक छात्रा ने बताया कि पहले जो प्रिंसिपल थे, वो जब भी हॉस्टल कैंपस में आते थे, हमेशा लेडी टीचर या लेडी स्टाफ उनके साथ होता था। लेकिन मौजूदा प्रिंसिपल जब मर्जी आए बिना किसी जानकारी के गर्ल्स हॉस्टल कैंपस में आ जाते हैं। उनका अचानक हॉस्टल में आना हमें असहज कर देता है। उनका बर्ताव बहुत बुरा है। जो मर्जी हो छात्राओं को बोल देते हैं। गाली-गलौज करते हैं।

एक अन्य छात्रा ने बताया कि ये तो बच्ची को बेरहमी से मारा और उसका वीडियो वायरल हो गया तो प्रिंसिपल की पोल खुली। हमें जहां साबुन तेल मिलता है, वहां आकर बैठ जाते हैं, वहां उनका क्या काम है?

स्कूल में कई बच्चियां कुछ भी बोलने से बचती रहीं।

टीचर पास खड़े थे, बोलने से डरती रहीं छात्राएं ग्रुप की एक छात्रा ने बताया- सर हमसे ही नहीं, हमारे पेरेंट्स के साथ भी ऐसे बदतमीजी से बात करते हैं। कुछ दिन पहले एक छात्रा के मामा आए थे। अभद्र तरीके से बोलते हुए उनको धक्के दे दिया था। हम कुछ बोल नहीं सकते, हमारे घरवाले कुछ नहीं बोल सकते। कोई कुछ बोले तो टीसी काटने की धमकी देते रहते हैं। एक छात्रा ने दबी आवाज में कहा कि प्रिंसिपल सर कपड़ों को लेकर भी कमेंट करते थे कि ऐसे कपड़े पहना करो, ऐसे नहीं।

शिकायत पेटी में क्यों नहीं डाली शिकायत? हॉस्टल में कुल 465 बच्चियां रहती हैं। शिकायत पेटी भी है। लेकिन बच्चियां शिकायत करने से ही घबराती हैं। छात्राओं ने बताया कि शिकायत पेटी प्रिंसिपल के सामने ही खुलती है। उनके सामने ही समस्या पढ़ी जाती है। उनकी ही शिकायत करते तो हम स्कूल में नहीं पढ़ पाते। हम गरीब घर से यहां पढ़ने आई हैं। डर की वजह से कभी कुछ नहीं कहा।

आरोपी प्रिंसिपल सुरेश कुमार मीणा के खिलाफ सांगोद थाने में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। अभी मारपीट की ही शिकायत है।

एक छात्रा ने बताया कि कुछ दिन पहले अचानक लाइट चली गई। हॉस्टल में छात्राएं अपने रूम में मस्ती कर रही थीं। अचानक प्रिंसिपल अंदर आए और जो छात्रा दिखी उसे बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। मारपीट और अभद्र व्यवहार का ये सिलसिला एक साल से चल रहा है। हम तो प्रिंसिपल का ट्रांसफर चाहते हैं। बाकी स्कूल में कहीं कोई समस्या नहीं है।

टीचर्स बोले- अनुशासन के लिए सख्ती जरूरी सुरेश कुमार मीणा करीब डेढ़ साल से इस स्कूल में प्रिंसिपल हैं। इससे पहले झुंझुनूं में सरकारी स्कूल में पोस्टेड थे। आवासीय स्कूल के सीनियर टीचर हरीश मेहर ने बताया कि 5 अप्रैल की दोपहर करीब साढ़े तीन बजे मारपीट का ये वीडियो वायरल हुआ। हमें भी घटना का तब ही पता लगा। बच्ची से ऐसे मारपीट तो सही नहीं। लेकिन बच्ची की भी कई शिकायतें थीं।

छात्राओं का एक धड़ा प्रिंसिपल के पक्ष में, बोली- ट्रांसफर कर दो पर माफ कर दो स्कूल में एक धड़ा प्रिंसिपल के पक्ष में भी है। कुछ छात्राओं ने तर्क दिया कि डिसिप्लिन के लिए प्रिंसिपल सर सख्ती करते थे। अभद्रता जैसी कोई बात नहीं है। हां, ऐसे मारपीट करना बिल्कुल गलत है। लेकिन इस गलती को माफ कर देना चाहिए। चाहे तो उनका ट्रांसफर कर दो पर उन्हें माफी मिलनी चाहिए।

एक अन्य छात्रा ने कहा कि जिस बच्ची को प्रिंसिपल ने पीटा, उसके खिलाफ बार-बार शिकायतें आ रही थीं। उसकी वजह से दूसरे बच्चे परेशान हो रहे थे। हॉस्टल कैंपस में अकेले जाने के सवाल पर स्कूल स्टाफ ने कहा- कभी कोई इमरजेंसी होती है तो सर आते थे। इससे पहले केयरटेकर ही जाती थी। एक-दो बार छात्राएं जब केयरटेकर की नहीं मानती थी, तब प्रिंसिपल को बुलाना पड़ता था।

स्कूल और हॉस्टल परिसर में सुरक्षा के लिहाज से लगे हुए सीसीटीवी कैमरे।

स्कूल में स्थाई वार्डन नहीं, ठेके पर 463 छात्राओं की केयरिंग भीमराव आवासीय स्कूल में छात्राओं की सुरक्षा और केयरिंग ठेके पर है। अभी एक महिला कर्मी के पास इसका जिम्मा है। जो केयर टेकर का काम संभाल रही हैं। साल 2004 में इस स्कूल का संचालन शुरू हुआ था। तब से आज तक स्थाई वार्डन यहां नहीं लगाई गई। इस आवासीय स्कूल में 463 बच्चियां रहती हैं।

यहां पहले दो महिला केयर टेकर थीं। इनमें से एक शनिवार को ही छोड़कर गई है। उसका बेटा भी यहां दसवीं में पढ़ता था। बताया जा रहा है कि मारपीट का वीडियो उसी केयर टेकर ने बनाया था। स्कूल में 2 ब्लॉक बने हुए हैं जहां हॉस्टल है। हर ब्लॉक में 72 रूम हैं। स्कूल में 13 सीसीटीवी कैमरा भी लगाए हुए हैं। स्कूल कक्षा 6 से 12 तक है।

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