‘मंत्रीजी दशरथ से मतलब नहीं, सम्राट अशोक पर बोलिए’: झांसी में राज्यमंत्री को रामायण पर नहीं बोलने दिया, कार्यक्रम छोड़कर चले गए – Jhansi News h3>
झांसी में एक कार्यक्रम में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा को दशरथ और रामायण पर बोलने नहीं दिया।
झांसी में एक कार्यक्रम में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा को दशरथ और रामायण पर बोलने नहीं दिया। जैसे ही उन्होंने रामायण की चौपाई पढ़नी शुरू की तो युवक बोला- “मंत्रीजी टाइम बर्बाद मत करो। दशरथजी और रामायण से मतलब नहीं है, सम्राट अशोक पर बाे
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मगर कुछ लोग युवक के समर्थन में आ जाते हैं। इस पर हरगोविंद कुशवाहा नाराज होकर कार्यक्रम छोड़कर चले जाते हैं। यह वाक्या 5 अप्रैल को बंगरा के मगरवारा गांव में सम्राट अशोक महान जन्मोत्सव का है। लेकिन इसका वीडियो रविवार शाम को सामने आया है।
मंच पर लगने लगे सम्राट अशोक के नारे
बंगरा ब्लॉक के मगरवारा गांव में 5 अप्रैल को सम्राट अशोक महान जन्मोत्सव कार्यक्रम था। इसमें दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान के उपाध्यक्ष हरगोविंद कुशवाहा को अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। हरगोविंद कुशवाहा ने रामायण और भगवान श्रीराम पर बोलते हुए जैसे ही रामायण की चौपाई पढ़ना शुरू किया तो एक युवक ने विरोध कर दिया।
मंच के सामने खड़े होकर बोला कि मंत्रीजी सम्राट अशोक पर बोलिए। आज रामायण का कुछ काम नहीं है। यह सुनते ही हरगोविंद कुशवाहा नाराज हो जाते हैं। कहते हैं कि मुझे क्या बोलना है, आपसे पूछकर नहीं बोलेंगे। कुछ देर तक गहमागहमी हुई और अंत में हरगोविंद कुशवाहा माइक रखकर कार्यक्रम छोड़कर चले गए।
1:28 मिनट का वीडियो सामने आया
इस घटना का 1 मिनट 28 सेकेंड का एक वीडियो सामने आया है। इसमें राज्यमंत्री जैसे ही चौपाई पढ़ना शुरू करते हैं, तभी एक युवक बोलता है- मंत्रीजी सम्राट अशोक पर बोलिए। आज रामायण का कुछ काम नहीं है। हरगोविंद कुशवाहा कहते हैं- मुझे क्या बोलना है, आपसे पूछकर नहीं बोलेंगे।
युवक कहता है- आप टाइम खा (बर्बाद) कर रहे हैं। राज्यमंत्री बोले- तो मैं बोलना बंद कर देता हूं और माइक बंद करके पीछे देने लगते हैं। लोग कहते हैं कि नहीं बोलिए आप।
युवक फिर कहता है- सम्राट अशोक पर बोलिए, लोगों को जानकारी हो। राज्यमंत्री के पूछने पर युवक अपना नाम प्रेम कुशवाहा बताता है। वो फिर कहता है- आज रामयण का कुछ नहीं है। दशरथजी से हमें कुछ मतलब नहीं है।
राज्यमंत्री कहते हैं- अरे हम लवकुश की संतान है तो रामायण पर जाएंगे। युवक कहता है कि लवकुश की नहीं हैं, सम्राट अशोक की हैं।
राज्यमंत्री कहते हैं सम्राट अशोक बहुत बाद में आए। तब युवक कहता है नहीं आए बाद में। फिर लोग सम्राट अशोक के जयकारे लगाने लगते हैं। इसके बाद राज्यमंत्री कहते हैं कि हम एक उदाहरण दे रहे थे, अब बोल ही नहीं रहे। फिर जय हिंद जय भारत कहकर वो माइक रखकर मंच से उतरकर कार्यक्रम छोड़कर चले जाते हैं।
जिन्होंने विरोध किया, धन्यवाद
हरगोविंद कुशवाहा ने कहा कि यदि कोई राजनीति के प्रेरित होकर विरोध कर रहा है तो करता रहे। मैं उनको धन्यवाद दूंगा कि आज समाज में एक ऐसी चर्चा शुरू हुई। जिसको लेकर काफी दिनों से लोग गलतफहमी में थे। विरोध करने वालों को यदि रामायण की चौपाइयां पढ़ने से दिक्कत है तो होती रहे।