जेडीए का फर्जी पट्टा बना 4 करोड़ में प्लाट बेचा: कर्जा उतारने के लिए चली जाल, गैंग बनाकर रुपयों का कर लिया बटवारा – Jaipur News h3>
जयपुर में जेडीए का फर्जी पट्टा बनाकर 4 करोड़ रुपए में प्लाट बेचने वाली गैंग का श्याम नगर थाना पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने फेक डॉक्यूमेंट से प्लाट बेचने वाले गैंग के तीन आरोपियों को अरेस्ट किया है। पूछताछ में कर्जा उतारने के लिए जालसाजी कर प्लाट
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डीसीपी (साउथ) दिगंत आनंद ने बताया- धोखाधड़ी के मामले में आरोपी अंशुल खन्ना (35) पुत्र भारत भूषण खन्ना निवासी ई-ब्लॉक वैशाली नगर, रिषभ देव शर्मा (35) पुत्र अशोक कुमार शर्मा निवासी साकेत कॉलोनी हिण्डौन सिटी करौली और राकेश कुमार सैनी (27) पुत्र हरदेव सैनी निवासी बासदयाल अलवर को अरेस्ट किया है। सितम्बर-2024 में गोविन्द नारायण परतानी ने श्याम नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने अपनी पत्नी श्यामा देवी के नाम से साल-1981 में एक प्लाट विवेक विहार में खरीदा था। साल-2021 में जेडीए का शिविर लगने पर लीज रकम जमा करवाकर पत्नी के नाम जेडीए पट्टा ले लिया था। प्लाट की बाउंड्रीवाल बनाकर गेट व ताला लगाकर स्वामित्व में ले रखा है। रिश्तेदार ने कॉल कर बताया कि उनके प्लाट के फेक पेपर मार्केट में आए है। जिसमें उनकी पत्नी की जगह श्यामा परतानी नाम से आदमी का रजिस्टर्ड पट्टा, साइट प्लान व मुख्त्यारनामा आदि भी है। उसके साथ मिले मोबाइल नंबर पर कॉल करने वाला खुद का नाम विक्रम सिंह बता रहा है। प्लाट बेचने वाले के संबंध में पूछने पर प्रॉपर्टी डीलर का पता नहीं बताया।
जांच में खुली पोल एसएचओ दलबीर सिंह के नेतृत्व में मामले की जांच की गई। जांच में सामने आया है कि विवेक विहार का मुख्त्यारनामा पंजीयन ऑफिस-5 में रजिस्टर्ड ही नहीं है। प्लाट का ओरिजिनल पट्टे से बनाए गए फेक पट्टे में महिला की जगह आदमी की फोटो लगाई गई है। फेक मुख्त्यारनामा धारक अंशुल खन्ना और गवाह राकेश कुमार सैनी व रिषभ शर्मा है। पुलिस टीम ने शुक्रवार रात दबिश देकर तीनों आरोपियों को अरेस्ट किया।
प्लानिंग के तहत बनाई गैंग पूछताछ में अंशुल खन्ना ने बताया- रुपयों की जरूरत के चलते जून-2024 में उसने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर 38 लाख रुपए का कर्ज लिया था। बदले में 56 लाख रुपए का चैक भरकर गिरवी रखा था। उधार लिए रुपयों को एक महीने बाद ही मांगना शुरू कर दिया। रुपयों की व्यवस्था नहीं होने पर उसने दोस्तों के साथ मिलकर गैंग बनाई। जेडीए की बेवसाइट से प्लाट के मालिक के बारे में डिटेल ली। एडिटिंग टूल्स का यूज कर फेक मुख्त्यारनामा व चालान रसीदें तैयार की। उस पर उप पंजीयक-5 जयपुर की फेक सील-मोहर लगाकर तैयार कर ली। ऑरिजनल ऑनर श्यामा परतानी के आधार कार्ड में एडिटिंग कर महिला की जगह पुरुष की फोटा लगा दी। महिला की जगह पुरूष और पति की जगह पुत्र कर दिया।
दो जनों को प्लाट बेच उठाई रकम प्लान के तहत सीए दोस्त चेतन शर्मा को प्लाट बेचने के लिए खरीदार लाने की जिम्मेदारी दी। चेतन शर्मा ने अपने जानकार नरेश कुमार गुप्ता को प्लाट व डॉक्यूमेंट दिखाए। डील फाइनल होने पर नरेश कुमार गुप्ता से एग्रीमेंट कर कुल 75 लाख रुपए ले लिए, लेकिन उसको रजिस्ट्री नहीं करवाई। राकेश सैनी ने बताया- वह जिस सेठ के पास काम करता है, वह बहुत पैसे वाला है। उसको प्लाट दिखाने पर वह नरेश कुमार से ज्यादा रुपयों में खरीदने को राजी हो गया। प्लाट का सौदा सेठ जानकी शरण से 3.20 करोड़ में कर बेचान कर दिया। उनकी बहू सपना के नाम उपपंजीयक ऑफिस 10 जयपुर में रजिस्ट्री करवा दी। उनसे मिले रुपयों को गैंग के सदस्यों ने आपस में बांट ली।