वक्फ संशोधन बिल से डैमेज होगा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट: ​​​​​​​ज्ञानवापी मस्जिद के पैरोकार एसएम यासीन बोले- अन्य मजहब के पूजा स्थल सरकारी पार्कों में उनके लिए क्या नियम ? – Varanasi News

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वक्फ संशोधन बिल से डैमेज होगा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट:  ​​​​​​​ज्ञानवापी मस्जिद के पैरोकार एसएम यासीन बोले- अन्य मजहब के पूजा स्थल सरकारी पार्कों में उनके लिए क्या नियम ? – Varanasi News

वक्फ संशोधन बिल से डैमेज होगा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट: ​​​​​​​ज्ञानवापी मस्जिद के पैरोकार एसएम यासीन बोले- अन्य मजहब के पूजा स्थल सरकारी पार्कों में उनके लिए क्या नियम ? – Varanasi News

ज्ञानवापी मस्जिद के पैरोकार एसएम यासीन ने वक्फ बिल को बताया प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के लिए खतरनाक।

‘वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पारित हो गया है। राज्यसभा में भी इसकी चर्चा चल रही है। मेरा मानना है कि इस एक्ट से पैलेसेज ऑफ़ वर्शिप एक्ट डैमेज होगा। इससे ज्ञानवापी का केस भी कमजोर पड़ सकता है। इसके अलावा सरकारी जमीनों पर वक्फ संपत्तियों की बात हो रही है।

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ये कहना है अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी और ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में ज्ञानवापी के पैरोकार एसएम यासीन का; उन्होंने कहा की हमारी हाई कमान (आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) जो फैसला लेगा वो हम करेंगे। इसके लिए शायद हम सड़क पर न उतरें। कोर्ट एक सहारा लिया जाएगा।

ऐसे में दैनिक NEWS4SOCIALने एमएस यासीन से इस मामले में विस्तार से बातचीत की। और वक्फ संशोधन बिल और वक्फ संपत्तियों के सरकार जमीन पर होने को लेकर उनकी राय जानी। पेश है खास रिपोर्ट…

ये इम्तिहान की घड़ी हिम्मत से लेना होगा काम अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी और ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में ज्ञानवापी के पैरोकार एसएम यासीन ने कहा – वक्फ संशोधन बिल मेरा मानना है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट इस नए बिल से डैमेज होगा और कमजोर होगा। दूसरी बात फंडामेंटल राइट्स हमारे; उनका हनन हो रहा है। कथनी और करनी में हमेशा इस सरकार में फर्क रहा है।

इसके अलावा हमारे साथ जो नहीं है। हम उसके साथ नहीं हैं। हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे अगर ये बिल जारी हुआ तो। यह वक्त हम लोगों के लिए बहुत सख्त है। लेकिन इस इम्तिहान की घड़ी में हमें हिम्मत से काम लेना है।

पूरा बिल अभी सामने नहीं आया है। हमारी जो सेंट्रल लीडरशिप है। वो इसपर नजर बनाए है। जो वो कहेंगे हम उसपर अमल करेंगे। वो लोग भी सड़क पर नहीं आना चाहते हैं। हम भी सड़क पर नहीं आएंगे और कोर्ट से ही इसका फैसला होगा।

कमेटी में गैर मुस्लिम रखना गलत अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइन सेक्रेटरी एसएम यासीन ने कहा- कमेटी में गैर मुस्लिमों को स्थान देना गलत है। ये बिल्कुल गलत है। रामजन्म भूमि हो या विश्वनाथ धाम हो। इसकी कमेटी का चेयरमैन कमिश्नर होगा। वहां कोई मुसलमान नहीं रखा गया और ना ही कोई बैकवर्ड रखा गया। तो हमारे मामले में गैर मुस्लिम को क्यों सदस्य बनाएंगे। आप कंट्रोलर रखिये लेकिन कमेटी में वैसे लोगों को जगह क्यों जिन्हें ABCD नही मालूम वक्फ की। यह सरासर गलत है।

दूसरे मजहब के पूजा स्थल पार्कों और सड़कों पर, उनपर कार्रवाई कब एसएम यासीन ने बिना नाम लिए बड़ा बयान देते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय के अलावा अन्य समुदाय के पूजा स्थल सड़कों, पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बने हुए हैं। हमें कोई एतराज नहीं है उसपर, लेकिन यदि नियम है तो सबके साथ बराबर का नियम होना चाहिए।

वक्फ प्रापर्टी; सरकारी जमीन पर है ये कैसे डिक्लेयर हुआ पूरे प्रदेश में कराए गए सर्वे के बाद हजारों वक्फ सम्पतियां राजस्व विभाग ने सरकारी जमीन पर होना बताया है। वाराणसी में भी 406 प्रॉपर्टी की लिस्ट भेजी गयी है। इस सवाल के जवाब में एसएम यासीन ने कहा- वक्फ प्रॉपर्टी सरकारी जमीन पर है। यह कैसे डिक्लेयर हुआ ?

उन्होंने मिसाल देते हुए कहा – कमलगड़हा इलाके में एक कब्रिस्तान है जिसे सरकारी जमीन बताया जा रहा है। सैकड़ों साल से वह कब्रिस्तान है। उस वक्त लोग कहां थे। क्या सरकारी सम्पतियां उस समय चिह्नित नहीं थी। अचानक कैसे चिह्नित हो गई। अचानक कैसे सरकार की संपत्ति हो गई वो।

शहर में कहीं भी सड़क पर नहीं है वक्फ संपत्तियां एसएम यासीन ने कहा- वाराणसी में कहीं भी सड़कों पर वक्फ की संपत्तियां नहीं है। एक्का-दुक्का को छोड़कर। उन्होंने कहा सभी संपत्तियां सड़क छोड़कर अंदर हैं। ऐसे में सरकारी जमीन का क्या मतलब। लेकिन फिर भी कौम को परेशान करने के लिए नया शिगूफा छोड़ा गया है।

जानिए क्या है प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट देश के अलग-अलग धर्मों के पूजास्थलों की यथास्थित कायम रखने के लिए 15 अगस्त 1991 को पूजा स्थल अधिनियम लागू किया गया था। कानून में ये भी अंकित किया गया था कि देश में आजादी के समय यानी 15 अगस्त 1947 को जो भी पूजास्थल जिस स्थिति में थे, वो वैसे ही रहेंगे। पूजा स्थल अधिनियम (प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट) सभी धार्मिक स्थलों पर लागू होता है।

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