पंजाब सरकार भूजल संरक्षण के लिए सक्रिय: 11 परियोजनाओं से 365 हेक्टेयर भूमि होगी कवर, 178 किसानों को मिलेगा लाभ – Amritsar News h3>
डीसी अमृतसर जल परियोजनाओं से संबंधित बैठक करते हुए।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों के तहत मृदा एवं जल संरक्षण विभाग ने प्रदेश में गिरते जलस्तर को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में अमृतसर जिले में 11 परियोजनाओं के माध्यम से 365 हेक्टेयर भूमि को कवर करने की योजना बनाई
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इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी की अध्यक्षता में एक बैठक गई। बैठक में डिवीजनल भूमि संरक्षण अधिकारी रविंदर सिंह, उप-मंडल अधिकारी (नहरी विभाग) जसकरन सिंह और कृषि विभाग से पी. डी. हरनेक सिंह मौजूद रहे। बैठक में भूमि संरक्षण अधिकारी रविंदर सिंह ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अमृतसर के 11 गांवों – कोहाला, वरियाम नंगल, गुन्नवाल, कावे लीलियां, बुआ नंगल, पठान नंगल, कंदोवाली, गुज्जरपुरा, सेहनेवाली, कथुनंगल और कुमास्का में इस योजना को लागू किया जाएगा।
1.88 करोड़ रुपए की लागत से होगा सिंचाई सुविधा का विस्तार
सरकार द्वारा इन परियोजनाओं पर 1 करोड़ 88 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत नहरी मोघों से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे किसानों को भूजल पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। यह परियोजना खासतौर पर उन इलाकों में चलाई जा रही है, जहां भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है और किसानों को सिंचाई के लिए भूजल पर अत्यधिक निर्भर रहना पड़ता है।
178 किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
इस परियोजना का सीधा लाभ 178 किसानों को मिलेगा। इन किसानों को सिंचाई के लिए नहरी पानी मुहैया कराया जाएगा, जिससे वे अपनी फसलों की बेहतर पैदावार कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि यदि समय रहते भूजल संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यह एक गंभीर संकट का रूप ले सकता है।
भूजल दोहन रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम
मंडल भूमि संरक्षण अधिकारी रविंदर सिंह ने कहा कि सरकार भूजल के अंधाधुंध दोहन को रोकने के लिए लगातार कदम उठा रही है। नहरी पानी की उपलब्धता बढ़ाने की इस पहल से किसानों को राहत मिलेगी और पंजाब की कृषि व्यवस्था को संतुलित करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए तो कई क्षेत्रों में हालात बेहद गंभीर और खतरनाक हो सकते हैं।
सरकार का यह प्रयास न केवल किसानों को राहत देगा बल्कि पंजाब के जलस्रोतों को भी संतुलित करने में अहम भूमिका निभाएगा। योजना के तहत नहरी जल की उपलब्धता बढ़ने से ट्यूबवेल पर निर्भरता कम होगी और बिजली की खपत में भी कमी आएगी। पंजाब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भूजल संरक्षण उसकी प्राथमिकताओं में शामिल है और इस दिशा में लगातार योजनाएं बनाई जा रही हैं।