जिले में खेल मैदान और आवास योजना की समीक्षा: 15 अप्रैल तक 51 खेल मैदान पूरे करने के निर्देश, पीएमएवाई में 57 फीसदी काम – Hanumangarh News h3>
जिला कलेक्टर काना राम ने जिले में चल रहे खेल मैदान निर्माण कार्यों की बैठक में समीक्षा की।
जिला कलेक्टर काना राम ने जिले में चल रहे खेल मैदान निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में जिला परिषद के सीईओ ओपी बिश्नोई सहित सभी बीडीओ उपस्थित थे। समीक्षा के दौरान सीईओ ने बताया कि स्वीकृत 60 कार्यों में से 9 कार्य पूर्ण हो चुके हैं,
.
इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायतों में ओपन जिम और खेल मैदानों की आवश्यकताओं का सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए गए। उन पंचायतों की पहचान की जानी है, जहां ओपन जिम की आवश्यकता है और जहां भूमि उपलब्ध है। जिन पंचायतों में ओपन जिम और खेल मैदान विकसित नहीं हैं, उनके प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृतियां ली जाएं। बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार कुल 2,436 स्वीकृत कार्यों में से सभी पूरे हो चुके हैं।
जिला कलेक्टर ने सीईओ, जिला परिषद को निर्देशित किया कि नरेगा कार्यों की स्पष्ट जवाबदेही तय की जाए और किसी भी कार्य को बिना उचित कारण के रद्द न किया जाए। साथ ही, उन फर्मों की पहचान की जाए जो निर्माण सामग्री की आपूर्ति में असफल रही हैं और आवश्यक कार्रवाई कर उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाए। नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए गए, ताकि प्रथम तिमाही में 50 फीसदी कार्यों को स्वीकृति दी जा सके।
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-जी) की प्रगति
फेज प्रथम में 3,323 आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से 3,315 कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। तृतीय किस्त प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की संख्या 1,905 है। रावतसर, नोहर और भादरा में अपेक्षाकृत कम प्रगति दर्ज की गई, जिससे जिले की औसत प्रगति दर 57.47 फीसदी रही। जिला कलेक्टर ने निर्देश दिया कि लंबित कार्यों को एक सप्ताह के भीतर पूरा किया जाए। पीएमएवाई-जी के तहत निर्मित मकानों की पेंटिंग और सौंदर्यीकरण कर उन्हें एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाए। आंगनबाड़ी भवन निर्माण में स्वीकृत 37 भवनों में से 19 पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 18 अभी निर्माणाधीन हैं। भादरा में 4 भवन अधूरे हैं, जिन्हें शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
आगामी मानसून हेतु पौधारोपण की तैयारी
जिला कलेक्टर ने निर्देश दिया कि मानसून से पहले पौधारोपण की पूरी तैयारी की जाए। पिछले पौधारोपण अभियान में लगाए गए पौधों में से 30 फीसदी नष्ट हो चुके पौधों के स्थान पर नए पौधे लगाए जाएं और मनरेगा के तहत इस कार्य को सुनिश्चित किया जाए। ‘हरियालो राजस्थान’ योजना के अंतर्गत नर्सरी एवं वन विभाग से पौधों की उपलब्धता की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए गए।