दुष्कर्म मामले में आसाराम को मिली अंतरिम जमानत: पीड़िता के पिता ने कहा- वकील ने अपील दाखिल नहीं की, वकील और डॉक्टर दोनों ने धोखा दिया – Shahjahanpur News h3>
शाहजहांपुरकुछ ही क्षण पहले
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रेप के दोषी आसाराम को तीन महीने की अंतरिम जमानत मिल गई है। शाहजहांपुर में पीड़िता के पिता ने अपने वकील और आसाराम का मेडिकल कराने वाले डाक्टरों पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा-आपत्ति लगाने के लिए वकील से कहा कि लेकिन वो टहलाते रहे, उनके वकील प्रलोभन में आ गए हैं। पिता ने कहा- लंबी लड़ाई लड़ने के बाद अब परिवार में मायूसी है। उन्होंने कहा कि अगला कदम करीबियों से बात करके उठाएंगे।
आसाराम पर रेप का केस दर्ज कराने वाली नाबालिग पीड़िता शाहजहांपुर जिले की रहने वाली है। आसाराम पैरोल पर बाहर थे, जिसको को कुछ ही दिनों में फिर से जेल जाना था। इस बीच आसाराम दोबारा जमानत पाने के लिए कोशिश में लगा था। इधर उसकी फिर से जमानत अर्जी पर आपत्ति लगाने के लिए पीड़िता के पिता लगातार अपने वकील से संपर्क करते रहे। लेकिन उनके वकील ने आपत्ति दाखिल नहीं की।
पीड़िता के पिता को जानकारी मिली कि आसाराम को तीन महीने की अंतरिम जमानत मिल गई है। जिसके बाद उनके परिवार में मायूसी छा गई। NEWS4SOCIALरिपोर्टर ने पीड़िता के पिता से फोन पर बात की।
पीड़िता के पिता ने कहा- हमारे वकील ने धोखा दिया और डॉक्टर तो धोखा दे ही रहे हैं।
वकील ने अपील दाखिल नहीं की, वह आसाराम के प्रभाव में पीड़िता के पिता ने बताया- हमने अपने वकील से अपील करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने अपील नहीं की। हम वकील के भरोसे बैठे रहे। सभी कागज भी दस्तखत कराकर भेज दिए थे। उनको 15 दिन पहले कागज मिल भी गए थे। फिर वकील टहलाते रहे। पहले कहा कि अपील कर दी है फिर कहा कि अब अपील वापस लेना पड़ेगी। वकील आसाराम के प्रभाव में है। हमारे अनुसार काम नहीं कर रहा है।
आसाराम अपनी मनमर्जी से डाक्टरों से बनवाया रिपोर्ट उन्होंने कहा- आसाराम को जमानत मिली है। वो इस केस और भी प्रभावित करेगा। अपनी मनमर्जी की डाक्टरों से रिपोर्ट बनवाकर कोर्ट लगा देता है और कोर्ट मान लेती है। आसाराम कभी इंदौर, उज्जैन अगर कोई बीमार आदमी होता तो इतना सफर थोड़ी करता। हमे हमारे वकील ने धोखा दिया और डॉक्टर तो धोखा दे ही रहे हैं। सलाह मशविरा करके अगला कदम उठाएंगे।
अब पढ़िए आसाराम कैसे मिली जमानत…
फोटो 13 दिन पहले का है। जब आसाराम जोधपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा था।
अंतरिम जमानत को बढ़ाने के लिए आसाराम की ओर से जोधपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट में जाने को कहा था। इस पर यहां से ये याचिका विड्रॉ हो गई थी।
आसाराम की ओर से गुजरात हाईकोर्ट में 6 महीने की अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट में 25 मार्च को जज इलेश जे वोरा और संदीप एन भट्ट की बेंच में सुनवाई हुई। जिस पर शुक्रवार को फैसला आया।
दोनों जजों ने अलग-अलग राय दी थी जस्टिस इलेश जे वोरा ने 3 महीने की अंतरिम जमानत स्वीकार कर ली थी। जबकि जस्टिस संदीप एन भट्ट ने कहा- इस बात से आंखें बंद नहीं की जा सकती कि आसाराम रेप के मामले में दोषी है। ऐसे में उसकी अंतरिम जमानत आगे बढ़ाने का औचित्य नजर नहीं आता है और याचिका को खारिज कर दिया। ऐसे में ये याचिका चीफ जस्टिस को ट्रांसफर हो गई।
चीफ जस्टिस ने बढ़ाई अंतरिम जमानत आसाराम के वकील जीगर साल्वी ने बताया कि शुक्रवार सुबह 11 बजे फैसले में डिफरेंस ऑफ ओपिनियन के कारण चीफ जस्टिस तक ये मामला पहुंचा। यहां बहस होने के बाद मेडिकल ग्राउंड पर बेल देने का फैसला सुनाया। आसाराम कई बीमारियों से पीड़ित है। 30 जून तक उन्हें राहत मिली है। इस फैसले के बाद अब आसाराम की ओर से जोधपुर रेप केस में भी अंतरिम जमानत को बढ़ाने को लेकर याचिका दायर की जाएगी।
11 साल बाद मिली थी 75 दिन की राहत जोधपुर की कोर्ट से आसाराम को 14 जनवरी को 31 मार्च तक की अंतरिम जमानत मिली थी। उसी रात वह पाली रोड स्थित आरोग्यम से निकलकर रात 10:30 बजे अपने पाल गांव स्थित आश्रम पहुंचा था। अस्पताल के बाहर और पाल आश्रम के बाहर बड़ी संख्या में समर्थकों की भीड़ जुटी थी, जिन्होंने आसाराम पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया था। वहां कुछ देर साधकों से चर्चा के बाद रात 11 बजे आसाराम एकांतवास पर चला गया था।
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गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम को 3 महीने की जमानत दी:सुप्रीम कोर्ट से 31 मार्च तक की जमानत मिली थी, दुष्कर्म केस में उम्र कैद मिली है
दुष्कर्म के दोषी आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट्स के आधार पर तीन महीने की जमानत दे दी है। आसाराम ने 6 महीने की जमानत मांगी थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस इलेश वोरा की राय का जस्टिस एएस सुपेहिया ने समर्थन किया और आसाराम की तीन महीने की जमानत मंजूर हो गई। पढ़ें पूरी खबर…
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शाहजहांपुरकुछ ही क्षण पहले
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रेप के दोषी आसाराम को तीन महीने की अंतरिम जमानत मिल गई है। शाहजहांपुर में पीड़िता के पिता ने अपने वकील और आसाराम का मेडिकल कराने वाले डाक्टरों पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा-आपत्ति लगाने के लिए वकील से कहा कि लेकिन वो टहलाते रहे, उनके वकील प्रलोभन में आ गए हैं। पिता ने कहा- लंबी लड़ाई लड़ने के बाद अब परिवार में मायूसी है। उन्होंने कहा कि अगला कदम करीबियों से बात करके उठाएंगे।
आसाराम पर रेप का केस दर्ज कराने वाली नाबालिग पीड़िता शाहजहांपुर जिले की रहने वाली है। आसाराम पैरोल पर बाहर थे, जिसको को कुछ ही दिनों में फिर से जेल जाना था। इस बीच आसाराम दोबारा जमानत पाने के लिए कोशिश में लगा था। इधर उसकी फिर से जमानत अर्जी पर आपत्ति लगाने के लिए पीड़िता के पिता लगातार अपने वकील से संपर्क करते रहे। लेकिन उनके वकील ने आपत्ति दाखिल नहीं की।
पीड़िता के पिता को जानकारी मिली कि आसाराम को तीन महीने की अंतरिम जमानत मिल गई है। जिसके बाद उनके परिवार में मायूसी छा गई। NEWS4SOCIALरिपोर्टर ने पीड़िता के पिता से फोन पर बात की।
पीड़िता के पिता ने कहा- हमारे वकील ने धोखा दिया और डॉक्टर तो धोखा दे ही रहे हैं।
वकील ने अपील दाखिल नहीं की, वह आसाराम के प्रभाव में पीड़िता के पिता ने बताया- हमने अपने वकील से अपील करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने अपील नहीं की। हम वकील के भरोसे बैठे रहे। सभी कागज भी दस्तखत कराकर भेज दिए थे। उनको 15 दिन पहले कागज मिल भी गए थे। फिर वकील टहलाते रहे। पहले कहा कि अपील कर दी है फिर कहा कि अब अपील वापस लेना पड़ेगी। वकील आसाराम के प्रभाव में है। हमारे अनुसार काम नहीं कर रहा है।
आसाराम अपनी मनमर्जी से डाक्टरों से बनवाया रिपोर्ट उन्होंने कहा- आसाराम को जमानत मिली है। वो इस केस और भी प्रभावित करेगा। अपनी मनमर्जी की डाक्टरों से रिपोर्ट बनवाकर कोर्ट लगा देता है और कोर्ट मान लेती है। आसाराम कभी इंदौर, उज्जैन अगर कोई बीमार आदमी होता तो इतना सफर थोड़ी करता। हमे हमारे वकील ने धोखा दिया और डॉक्टर तो धोखा दे ही रहे हैं। सलाह मशविरा करके अगला कदम उठाएंगे।
अब पढ़िए आसाराम कैसे मिली जमानत…
फोटो 13 दिन पहले का है। जब आसाराम जोधपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा था।
अंतरिम जमानत को बढ़ाने के लिए आसाराम की ओर से जोधपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट में जाने को कहा था। इस पर यहां से ये याचिका विड्रॉ हो गई थी।
आसाराम की ओर से गुजरात हाईकोर्ट में 6 महीने की अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट में 25 मार्च को जज इलेश जे वोरा और संदीप एन भट्ट की बेंच में सुनवाई हुई। जिस पर शुक्रवार को फैसला आया।
दोनों जजों ने अलग-अलग राय दी थी जस्टिस इलेश जे वोरा ने 3 महीने की अंतरिम जमानत स्वीकार कर ली थी। जबकि जस्टिस संदीप एन भट्ट ने कहा- इस बात से आंखें बंद नहीं की जा सकती कि आसाराम रेप के मामले में दोषी है। ऐसे में उसकी अंतरिम जमानत आगे बढ़ाने का औचित्य नजर नहीं आता है और याचिका को खारिज कर दिया। ऐसे में ये याचिका चीफ जस्टिस को ट्रांसफर हो गई।
चीफ जस्टिस ने बढ़ाई अंतरिम जमानत आसाराम के वकील जीगर साल्वी ने बताया कि शुक्रवार सुबह 11 बजे फैसले में डिफरेंस ऑफ ओपिनियन के कारण चीफ जस्टिस तक ये मामला पहुंचा। यहां बहस होने के बाद मेडिकल ग्राउंड पर बेल देने का फैसला सुनाया। आसाराम कई बीमारियों से पीड़ित है। 30 जून तक उन्हें राहत मिली है। इस फैसले के बाद अब आसाराम की ओर से जोधपुर रेप केस में भी अंतरिम जमानत को बढ़ाने को लेकर याचिका दायर की जाएगी।
11 साल बाद मिली थी 75 दिन की राहत जोधपुर की कोर्ट से आसाराम को 14 जनवरी को 31 मार्च तक की अंतरिम जमानत मिली थी। उसी रात वह पाली रोड स्थित आरोग्यम से निकलकर रात 10:30 बजे अपने पाल गांव स्थित आश्रम पहुंचा था। अस्पताल के बाहर और पाल आश्रम के बाहर बड़ी संख्या में समर्थकों की भीड़ जुटी थी, जिन्होंने आसाराम पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया था। वहां कुछ देर साधकों से चर्चा के बाद रात 11 बजे आसाराम एकांतवास पर चला गया था।
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