लुधियाना में किसानों ने घेरा डीसी दफ्तर: लक्खोवाल बोले-आम आदमी पार्टी भाजपा की बी टीम,उप-चुनाव के कारण हुआ एक्शन – Ludhiana News h3>
लुधियाना में डी.सी दफ्तर के बाहर रोष धरना देते किसान नेता।
पंजाब के लुधियाना में आज समस्त किसान नेताओं की अलग-अलग जत्थेबंदियों ने डी.सी दफ्तर का घेराव करके रोष प्रदर्शन किया। किसान नेताओं ने पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। करीब 1 घंटे से अधिक किसानों का रोष प्रदर्शन जारी रहा। भारतीय किसान यूनियन लक
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सरकार ने किसानों के धरनों के आगे झुक कर आज छोड़े डिटेन किए किसान
मीटिंग में बुलाकर किसानों को डिटेन कर लिया था। आज बेशक सरकार ने हमारे धरनों के आगे झुकते हुए डिटेन किए गए किसान नेताओं को छोड़ दिया है लेकिन किसानों में अभी भी सरकार के प्रति गुस्सा है। शंभू बार्डर और खनौरी बार्डर पर किसान शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे लेकिन भाजपा की बी पार्टी आम आदमी की सरकार ने कारपोरेट घरानों के दबाव तले मोर्चे पर कार्रवाई करके इसे हटाया है।
भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल के प्रधान हरिंदर सिंह लक्खोवाल।
आंदोलन दौरान जो भी किसानों का कीमती सामान था उसे चुरा लिया गया है। लाखों करोड़ों रुपए का सामान किसानों को खुर्द बुर्द कर दिया गया है। किसानों का सामान विधायकों और उनके वर्करों ने चुराया है। लक्खोवाल ने कहा कि आज समस्त डिप्टी कमिश्नरों को दफ्तर के बाहर धरने दिए गए है। प्रशासन के अधिकारी भी आज सरकार के दबाव में आ गए है। लक्खोवाल ने कहा कि सिर्फ लुधियाना में होने जा रहे उप-चुनाव की सीट जीतने के लिए सरकार ने उनके मोर्चे को हटाकर जुल्म किया है।
उप-चुनाव में किसान करेंगे सरकार का विरोध
किसानों के साथ बातचीत करके भी धरना हटाया जा रहा था लेकिन किसानों को पीट-पीटकर हटाया गया है। केजरीवाल अब दिल्ली हार गए है जिस कारण अब राज्य सभा की सीट संजीव अरोड़ा से खाली करवाई जा रही है। उन्हें हल्का पश्चमी से चुनाव लड़वाए जा रहे है। केजरीवाल को राज्य सभा में भेजने के लिए ही किसानों पर सरकार ने एक्शन लिया है। उप-चुनाव में सरकार का पुरजोर विरोध भी करेंगे।
अब जल्द किसान आने वाले दिनों में मीटिंग करेंगे ताकि अगली रणनीति बनाई जा सके। आज करीब 30 से अधिक जत्थेबंदियों ने धरने में भाग लिया है। आज का ये धरना केन्द्र और पंजाब दोनों के खिलाफ है।
उधर, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार ने किसानों का जो हाल किया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। सरकार को चेतावनी है कि यदि अमेरिका जैसे देशों से फ्री ट्रेड समझौता करेंगे तो इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा। अमेरिका और कारपोरेट के अन्य घरानों के दबाव तले सरकार ने ये कदम उठाया है।