बरेली में फर्जी इंटेलिजेंस नेटवर्क का भंडाफोड़: 12वीं फेल आरोपी गिरफ्तार, पुलिस में नौकरी देने के नाम पर करता था ठगी – Bareilly News h3>
बरेली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने एक फर्जी इंटेलिजेंस नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस नेटवर्क को संचालित करने वाला आरोपी विजय, जो खुद को किसी कंपनी का डायरेक्टर बताता था, लोगों से पैसे लेकर पुलिस के फर्जी आईकार्ड और नारकोटिक
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आरोपी की कार पर लिखा है डायरेक्टर इंटेलीजेंस नेटवर्क
फर्जी इंटेलिजेंस नेटवर्क का खुलासा
बरेली पुलिस को सूचना मिली थी कि शहर में एक शख्स फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोगों को ठग रहा है। जांच में पता चला कि विजय नाम का यह शख्स एक संगठित तरीके से फर्जी इंटेलिजेंस नेटवर्क चला रहा था। वह लोगों को पुलिस और नारकोटिक्स विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटी रकम वसूलता था। पुलिस के मुताबिक, विजय खुद को किसी कंपनी का डायरेक्टर बताकर अपनी बातों में विश्वसनीयता लाने की कोशिश करता था।
आरोपी का ऑफिस
SP सिटी मानुष पारीक ने संभाला मोर्चा
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए SP सिटी मानुष पारीक ने त्वरित कार्रवाई की। उनकी अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने पटेल नगर इलाके में छापेमारी की। इस ऑपरेशन में पुलिस को कई अहम सबूत हाथ लगे। छापे के दौरान विजय के पास से पुलिस के फर्जी आईकार्ड और तीन लिफाफे बरामद किए गए, जिनमें नारकोटिक्स विभाग के कथित नियुक्ति पत्र थे। इन दस्तावेजों को देखकर साफ हो गया कि यह एक सुनियोजित ठगी का खेल था।
12वीं फेल निकला मास्टरमाइंड
हैरानी की बात यह है कि इस पूरे फर्जी नेटवर्क का मास्टरमाइंड विजय महज 12वीं फेल है। उसकी शैक्षिक योग्यता कम होने के बावजूद, उसने अपनी चालाकी से लोगों को अपने जाल में फंसाया। पुलिस पूछताछ में विजय ने स्वीकार किया कि वह पिछले कुछ समय से यह धंधा चला रहा था और कई लोगों से पैसे ऐंठ चुका था। उसकी इस ठगी से न सिर्फ आम लोग प्रभावित हुए, बल्कि पुलिस और नारकोटिक्स विभाग की साख पर भी सवाल उठने लगे थे।
पुलिस ने बरामद किए अहम सबूत
छापेमारी के दौरान पुलिस ने विजय के पास से कई आपत्तिजनक सामग्रियां जब्त कीं। इनमें फर्जी पुलिस आईकार्ड, नारकोटिक्स विभाग के नियुक्ति पत्र और अन्य दस्तावेज शामिल हैं। पुलिस का मानना है कि विजय ने इन दस्तावेजों को जालसाजी के जरिए तैयार किया था। एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हो सकता है।
आरोपी को जेल भेजा गया
पुलिस ने विजय को हिरासत में लेने के बाद उससे सख्ती से पूछताछ की। उसके खिलाफ ठगी और जालसाजी के तहत मामला दर्ज किया गया। सबूतों और पूछताछ के आधार पर उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि विजय के इस नेटवर्क से कितने लोग प्रभावित हुए और उसने कितनी रकम जमा की।
पुलिस की सख्ती का असर
SP सिटी मानुष पारीक ने कहा कि बरेली पुलिस अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी नौकरी या दस्तावेज के लिए संदिग्ध लोगों पर भरोसा न करें और ऐसे मामलों की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस इस मामले में विजय के सहयोगियों की तलाश में जुट गई है। यह भी जांच की जा रही है कि क्या इस फर्जी नेटवर्क का दायरा बरेली से बाहर तक फैला हुआ था।