‘अर्थ आवर’ में जल और ऊर्जा संरक्षण का संदेश: पुलिस बैंड और नन्ही कलाकार ने मोहा मन; मार्च के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है – Bhopal News

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‘अर्थ आवर’ में जल और ऊर्जा संरक्षण का संदेश:  पुलिस बैंड और नन्ही कलाकार ने मोहा मन; मार्च के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है – Bhopal News

‘अर्थ आवर’ में जल और ऊर्जा संरक्षण का संदेश: पुलिस बैंड और नन्ही कलाकार ने मोहा मन; मार्च के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है – Bhopal News

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया द्वारा शनिवार को डीबी सिटी मॉल में अर्थ आवर का आयोजन किया गया। इस दौरान पुलिस बैंड और नन्ही कलाकार इशिता कौर सोढ़ी ने जल एवं ऊर्जा संरक्षण का संदेश दिया। मध्य प्रदेश पुलिस के प्रतिष्ठित बैंड ने अपने शानदार प्रदर्शन से लोगों को

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कार्यक्रम के दौरान डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य कार्यालय की राज्य संचालिका संगीता सक्सेना ने शहरवासियों से जल और बिजली बचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि, जल और ऊर्जा संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है और इसके प्रति हमें गंभीरता से कदम उठाने होंगे।

डीबी सिटी मॉल में अर्थ आवर के दौरान पुलिस बैंड ने प्रस्तुति दी।

इस कार्यक्रम में भोपाल की उभरती हुई नन्ही कलाकार इशिता कौर सोढ़ी ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से जल एवं ऊर्जा संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने भोपालवासियों से अपील की कि वे अपने दैनिक जीवन में जल और बिजली की बचत को प्राथमिकता दें, ताकि पर्यावरण सुरक्षित रह सके। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे और उन्होंने जल व ऊर्जा संरक्षण का संकल्प लिया।

क्या है अर्थ आवर

अर्थ आवर (Earth Hour) एक वैश्विक पर्यावरणीय पहल है। जिसे वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) द्वारा शुरू किया गया था। यह हर साल मार्च के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है, जिसमें दुनिया भर के लोग, संस्थान, व्यवसाय और सरकारी भवन एक घंटे के लिए गैर-आवश्यक बिजली बंद करके जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।

अर्थ आवर हर साल मार्च के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है।

अर्थ आवर का उद्देश्य

  • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना।
  • ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों की बचत करना।
  • लोगों को पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक बनाना।
  • सरकारों और संगठनों को हरित नीतियों को अपनाने के लिए प्रेरित करना।

कैसे मनाया जाता है?

अर्थ आवर के दौरान, रात 8:30 से 9:30 बजे तक विश्वभर में प्रमुख स्मारकों, सरकारी भवनों, व्यवसायों और घरों की गैर-जरूरी लाइटें बंद कर दी जाती हैं। यह एक प्रतीकात्मक कदम होता है, जो यह संदेश देता है कि हमें ऊर्जा संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

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