बिहार विधान सभा का सत्र अब अंतिम पड़ाव में है। बिहार विधान सभा का चुनाव भी अब बहुत नजदीक आ चुका है। सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं, ऐसे में एक नाम फिर सामने आया है- प्लुरल्स पार्टी की नकाब वाली नेत्री पुष्पम प्रिया। सामने आते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आराम करने की सलाह दे डाली।
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प्लुरल्स पार्टी की सुप्रीमो और नकाब वाली नेत्री पुष्मप प्रिया चौधरी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रगान के दौरान हरकत के मामले पर कहा कि अब बुढापा आ गया है। इसमें ऐसा होता है। हममें से भी कई लोग ऐसे हैं, जिनसे ऐसी हरकत हो जाया करती है। उससे ज्यादा जरूरी यह है कि उनके आस-पास कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो बता सके कि अब बस आपका टाइम हो गया है। अब आपसे इस तरह की चीजें हो जा रही है। आपको या वह इस कारण नही बोलते वे लोग क्योंकि उनके आस-पास के लोगों को इतना फायदा है कि कोई उनकी गलती को बताना नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि हम तो यही कहेंगे कि अगर उनका कोई शुभचिंतक है या रहा है तो उनसे बताए कि आपसे यह गलती हो जा रही है। आगे हमलावर होते हुए कहा है कि अब उनकी उम्र हो गई है। जो कर किसी व्यक्ति की होनी है। लोगो की रिटायरमेंट का उम्र को कुछ ध्यान में ही रखकर बनाया गया होगा। बिहार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी बहुत कुछ दिया है। इसको हमलोगों को बड़ी विनम्रता से स्वीकारना चाहिए। अगर उनका सम्मान करने वाला कोई भी व्यक्ति जो उनके आस-पास रहता है उसे मुख्यमंत्री को समझाना चाहिए कि अब बस आपकी रिटायरमेंट की उम्र हो चुकी है।
पुष्मप प्रिया ने कहा है कि पहले के दस साल का कार्यकाल ठीक रहा था, लेकिन अब बिल्कुल कोई काम नही हो रहा है। हम अगर कह रहे है कि काम नही हुआ है बिहार में तो उसके पीछे कारण यह कि सरकार के अंदर 45 विभाग हैं। ऐसे हालत में अगर बिहार की सरकार सिर्फ दो ही काम- सड़क बनाया और बिजली लोगों को दी तो दुर्भाग्यपूर्ण बात है। हमारा राज्य बिहार विकास के मामले में देश मे सबसे अंतिम स्थान पर है। इतना हंगामा करने से सच नही बदल जायेगा। मुख्यमंत्री को विकास पुरूष कह देने से बिहार विकसित राज्य नहीं हो जाएगा। पुष्पम प्रिया ने कहा कि वो आंकड़े हैं, जिस दिन नीतीश जी आये थे उस दिन भी हम पीछे थे और आज 20 साल बाद भी हम पीछे ही है। जब नीतीश जी आए थे तब उनका लालू जी के खिलाफ एजेंडा था कि हम कृमिलाइजेशन ऑफ पॉलिटिक्स को खत्म कर देंगे। यही उनका जुमला था आज भी वही सारी चीजें हो रही है।