1 महीने बाद भी आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई पुलिस: 20 फरवरी को वाणेश्वरी भगवती मंदिर में हुई थी चोरी, 10 लाख के गहने ले गए थे चोर – Darbhanga News

11
1 महीने बाद भी आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई पुलिस:  20 फरवरी को वाणेश्वरी भगवती मंदिर में हुई थी चोरी, 10 लाख के गहने ले गए थे चोर – Darbhanga News

1 महीने बाद भी आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई पुलिस: 20 फरवरी को वाणेश्वरी भगवती मंदिर में हुई थी चोरी, 10 लाख के गहने ले गए थे चोर – Darbhanga News

दरभंगा के मनीगाछी थाना क्षेत्र के मकरंदा भंडारिसम गांव स्थित मां वाणेश्वरी भगवती स्थान में हुई लाखों की चोरी केस का एक महीने बाद भी खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस की ओर से किसी की गिरफ्तारी न होने के विरोध में गुरुवार को मिथिला स्टूडेंट यूनियन के आदित

.

आदित्य मंडल ने कहा कि प्रशासन को पर्याप्त समय दिया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यह केवल मंदिर की चोरी नहीं, बल्कि आस्था पर हमला है। जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होगी, अनशन जारी रहेगा। रमेश बाबा ने कहा कि सनातन धर्म के मंदिरों को लूटकर आस्था को कमजोर करने की साजिश हो रही है। लेकिन सनातनी पीछे हटने वालों में से नहीं हैं। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, मां भगवती के चरणों में बैठे रहेंगे।

मंदिर में हुई चोरी से सनातन समाज में आक्रोश है। प्रशासन को पहले ही चेतावनी दी गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। भक्तों में नाराजगी बढ़ रही है। अनशनकारियों ने साफ कर दिया कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होगी, अनशन जारी रहेगा।

अनशन पर बैठे मिथिला स्टूडेंट यूनियन के आदित्य मंडल और रमेश बाबा।

अनशन के समर्थन में भारी संख्या में जुटे श्रद्धालु

मंदिर प्रांगण में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग समर्थन में जुटे। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन होगा। एमएसयू संगठन की ओर से 27 फरवरी को मनीगाछी थाना का घेराव भी किया गया था। इसके बावजूद एक महीना बीत गया लेकिन मनीगाछी पुलिस आज तक कोई कार्रवाई नही की, जबकि चोरी के दौरान का सारा घटना सीसीटीवी में कैद है। चोरों का मुंह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को उपलब्ध करवाया गया है। फिर चोरों की गिरफ्तारी और सामान बरामदगी नही होने से स्थानीय लोग खासे नाराज हैं।

600 साल से ज्यादा पुरानी है मां भगवती की मूर्ति

मिथिलांचल में वाणेश्वरी भगवती स्थान श्रद्वा एवं आस्था का केंद्र बना हुआ है। मनीगाछी प्रखंड मुख्यालय से करीब 5 किमी दक्षिण पश्चिम कोने में मां भगवती का मंदिर भंडारिसम गांव में एक प्राचीन ऐतिहासिक विशाल डीहनुमा भूखंड में अवस्थित है। वैसे तो सालभर अपनी मनोकामना पूर्ण होने वाले भक्तों का आगमन होता रहता है। लेकिन, नवरात्र जैसे विशेष पर्व की अवधि में यहां मिथिलांचल से बाहर के हजारों लोगों के आगमन से यह परिसर तीर्थस्थान जैसा बन जाता है।

आमरण अनशन पर बैठे आदित्य मंडल और रमेश बाबा के साथ श्रद्धालु।

स्थानीय लोगों के अनुसार भगवती की यह मूर्ति करीब 600 वर्ष पुरानी है। बताया जाता है कि मिथिला के राजा भैरव सह के शासनकाल में भंडारिसम मूलक वत्सशोभिय वाण नाम के मैथिल ब्राह्मण की ओर से स्थापित होने के कारण इसे वाणेश्वरी के नाम से प्रसिद्वि मिली। काले प्रस्तर की अति प्राचीन मूर्ति के संबंध में बताया जाता है कि इसी गांव में एक ब्राह्मण के घर में इस देवी ने बेटी के रूप में करीब 600 वर्ष पूर्व जन्म लिया। शील, स्वभाव एवं रूप की चर्चा तत्कालीन शासकों तक पहुंची। उन्होंने इन्हें जबरन अंगीकार करने की कोशिश की, जिसके बाद देवी पत्थर के रूप में परिणत हो गई। बाद में इसे लोगों ने एक स्थानीय कुएं में फेंक दिया।

सैकड़ों साल तक जल समाधि में रहने के बाद देवी ने 200 वर्ष पूर्व स्थानीय रामलाल ठाकुर को स्वप्न में जल से निकालने की आज्ञा दी। स्थानीय लोगों द्वारा निकाले जाने पर इस मूर्ति को एक पीपल के पेड़ के नीचे रखकर पूजा की जाने लगी। वर्ष 1915 में दरभंगा महाराजा सर लक्ष्मेश्वर सिंह की ज्येष्ठ धर्मपत्नी महारानी लक्ष्मीवती ने अपने मातृकुल की रक्षा के लिए बेटे की याचना की। मनोकामना पूर्ण होने पर महारानी ने वर्ष 1915 में भव्य मंदिर का निर्माण करवाया।इसमें भगवती की स्थापित मूर्ति की पूजा होती है।

मनीगाछी रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर व जगदीशपुर स्टेशन से दो किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। सड़क मार्ग से जाने पर दरभंगा-बाजितपुर मार्ग पर अवस्थित है। नवरात्र के मौके पर यहां शक्ति साधकों की काफी भीड़ लगी रहती है। दूर-दूर से आए महिला पुरुषों से यह परिसर तीर्थ स्थान में परिणत हो जाता है। सच्चे मन से पूजा करने पर माता भक्तों की मनोकामना पूरी करती है। इस स्थान का ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व है।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Bihar News