भोपाल की नई कलेक्टर गाइडलाइन पर 100 से ज्यादा आपत्ति: दावे-आपत्ति का आज आखिरी दिन; अवकाश के दिन भी हो रही प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री – Bhopal News h3>
भोपाल में नई कलेक्टर गाइडलाइन का विरोध हो रहा है।
भोपाल की प्रस्तावित नई कलेक्टर गाइडलाइन पर 100 से ज्यादा दावे-आपत्ति आ चुके हैं। आज शाम तक दावे-आपत्ति लगाए जा सकेंगे। इसके बाद सुनवाई होगी। इधर, रंगपंचमी पर छुट्टी के दिन भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हो रही है।
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13 मार्च को उप मूल्यांकन समिति की मीटिंग हुई थी। जिसमें भोपाल की 1283 लोकेशन पर एवरेज 18% तक कलेक्टर गाइडलाइन दरें बढ़ाने का प्रस्ताव है। आज (19 मार्च) की शाम 5 बजे तक दावे-आपत्ति लिए जाएंगे और 1 अप्रैल से प्रॉपर्टी की नई गाइडलाइन लागू हो जाएगी। इससे पहले विरोध भी हो रहा है। इस पर रोक के लिए क्रेडाई पदाधिकारी-सदस्य अब तक मंत्री-विधायकों से मिल चुके हैं।
वहीं, जनप्रतिनिधि भी गाइडलाइन बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। सांसद आलोक शर्मा तो जनप्रतिनिधियों के साथ मीटिंग किए जाने की बात भी कह चुके हैं। इसी बीच दावे-आपत्तियों का दौर भी जारी है। अकेले क्रेडाई ने ही 80 से अधिक आपत्तियां दर्ज कराई है। आम लोगों ने भी दावे-आपत्ति लगाए हैं।
क्रेडाई पदाधिकारी-सदस्य प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप से भी मुलाकात कर चुके हैं।
दावे-आपत्ति की डेट बढ़ेगी या नहीं, स्पष्ट नहीं क्रेडाई पदाधिकारी प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप, मंत्री कृष्णा गौर और विधायक भगवानदास सबनानी से मंगलवार को मिले थे। इसके बाद दावे-आपत्ति की तारीख 23 मार्च तक बढ़ाने की बात सामने आई थी। हालांकि, इस बारे में जब वरिष्ठ जिला पंजीयक स्वप्नेश शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बुधवार शाम तक ही दावे-आपत्ति लगाए जाने की समय सीमा होने की बात कही है। ऐसे में दावे-आपत्ति की तारीख बढ़ेगी या नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
गाइडलाइन के विरोध में जनप्रतिनिधियों का समर्थन
- प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप: सुझावों को न्यायसंगत बताते हुए अधिकारियों को निर्देशित करने का आश्वासन दिया।
- मंत्री विश्वास सारंग: गाइडलाइन दरों में हुई वृद्धि से आमजन प्रभावित हो रहा है। मैं सुझाव आपत्तियों से सहमत हूं।
- मंत्री कृष्णा गौर: क्रेडाई और अन्य व्यापारी संगठनों को पूरी तरह से समर्थन का भरोसा दिया।
- विधायक भगवानदास सबनानी: प्रभारी मंत्री के साथ बैठक में शामिल होकर पारदर्शिता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
- विधायक रामेश्वर शर्मा: बढ़ती गाइडलाइन दरें लोगों के लिए बोझ बन रही है। बाजार को प्रभावित कर रही हैं। मैं इस विषय को मजबूती से रखूंगा।
13 मार्च को हुई थी उप मूल्यांकन समिति की बैठक।
यह मांग उठाई
- कलेक्टर गाइडलाइन दरों में वृद्धि पर तुरंत रोक लगाई जाए।
- वर्ष 2019-20 (Pre-COVID) के स्तर पर दरों को वापस लाया जाए।
- कृषि भूमि सहित सभी अनावश्यक उपबंध समाप्त किए जाएं।
- तीन वर्ष तक किसी भी वृद्धि पर प्रतिबंध लगाया जाए।
- स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित कर गाइडलाइन दर निर्धारण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।
क्रेडाई अध्यक्ष बोले-जनता पर बेवजह बोझ बढ़ेगा क्रेडाई अध्यक्ष मनोज मीक ने कहा, गाइडलाइन दरों की असंतुलित वृद्धि न केवल शहरी विकास बल्कि आम नागरिकों, व्यापार और औद्योगिक विकास के लिए भी बाधक है। पारदर्शिता और संतुलन के बिना की गई बढ़ोतरी बाजार में अस्थिरता लाती है। निवेश को हतोत्साहित करती है और आवासीय व व्यवसायिक संपत्तियों को आमजन की पहुंच से बाहर कर देती है। प्रस्तावित गाइडलाइन जनता पर बेवजह बोझ बढ़ाएगा।