लखनऊ में नौकरी के नाम पर बैंकॉक भेजने वाला गिरफ्तार: म्यांमार में बंधक बना कराते थे साइबर ठगी, दो साथी पहले पकड़े जा चुके – Lucknow News

10
लखनऊ में नौकरी के नाम पर बैंकॉक भेजने वाला गिरफ्तार:  म्यांमार में बंधक बना कराते थे साइबर ठगी, दो साथी पहले पकड़े जा चुके – Lucknow News

लखनऊ में नौकरी के नाम पर बैंकॉक भेजने वाला गिरफ्तार: म्यांमार में बंधक बना कराते थे साइबर ठगी, दो साथी पहले पकड़े जा चुके – Lucknow News

पुलिस आरोपी से जुड़े अन्य साथियों के विषय में पता लगा रही है।

लखनऊ पुलिस ने लोगों को बैंकॉक (थाईलैण्ड) में डेटा इंट्री और सेल्स मार्केटिंग की जॉब दिलाने का झांसा देकर साइबर ठगी कराने वाले गिरोह का एक और सदस्य पकड़ा है। यह गिरोह लोगों को नौकरी के नाम पर म्यांमार में बंधक बनाकर साइबर ठगी करा रहे थे। पुलिस शनिवार

.

पुलिस ने एक पीड़ित की शिकायत पर आरोपियों की धरपकड़ शुरू की।

म्यांमार के म्यावाडी में भारतीयों को बंधक बना कर साइबर ठगी कराने वाले गिरोह से जुड़े चौक मंसूरनगर निवासी जीशान खान को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मूल रूप से औरंगाबाद मैगलगंज निवासी जीशान लोगों को बैंकाक में डाटा इंट्री ऑपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा देकर साइबर ठगी गिरोह के हाथों सौंप दिया था। साइबर ठगों के चंगुल से छूटे लखनऊ के पांच युवकों में से सुलतान ने मदेयगंज कोतवाली में इनके खिलाफ रिपोर्ट रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

सरगना राफाक राही को बताया एचआर हेड

आरोपी अहमद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को गिरोह से जुड़े कई अहम सबूत हाथ लगे।

जीशान ने पूछताछ में बताया कि वह लोगों को विदेश में नौकरी के नाम पर बातों में फंसाता था। उनसे कहता था कि म्यांमार में मेरा मित्र राफाक राही राही एक कंपनी में एचआर हेड है। उसकी मदद से नौकरी दिला देंगे। जबकि वह म्यांमार मे साइबर ठगी का गिरोह चलाता है। जिसके कहने पर हम लोग थाइलैण्ड बैंकॉक में डेटा इंट्री के नाम पर नौकरी दिलवाने का लालच देकर लोगों को बैंकॉक भेज देते है। इसमें उसका साथ अहमद खान देता था।

आरोपियों के खिलाफ 41 शिकायत दर्ज हैं

म्यांमार से छूट कर आए लोगों से पुलिस ने पूछताछ कर घटना से जुड़े साक्ष्य जुटाए थे।

पुलिस पड़ताल में सामने आया कि इन लोगों के प्रयोग खातों में देश के कई राज्यों 41 साईबर शिकायतें दर्ज हैं। बैंकाक में भी गिरोह के सदस्य मौजूद आरोपित जावेद खान ने पुलिस को बताया कि भारत से वह लोग युवकों को बैंकाक भेजते हैं। वहीं, बैंकाक से म्यांमार तक युवकों के भेजने का जिम्मा राफाक राही संभालता है। इंस्पेक्टर राजेश सिंह के मुताबिक जीशान के साथी छोटू, समीर, नफीस और अशरफ की तलाश की जा रही है।

विदेश में नौकरी करो, मिलेगी 30 हजार थाई भात

विदेश में नौकरी पाने के चक्कर में बन गए साइबर ठग।

म्यांमार से बंधनमुक्त होकर लौटे मशालचीटोला निवासी सुलतान सलाहुद्दीन ने मदेयगंज कोतवाली में जावेद इकबाल, मो. अहमद खान उर्फ भय्या, और जिशान खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इंस्पेक्टर मदेयगंज राजेश सिंह ने बताया कि शनिवार जीशान के खदरा निवासी साथी मो. अहमद खान और जानकीपुरम सुलभ आवास निवासी जावेद इकबाल को गिरफ्तार किया गया था। जावेद ने एक कैफे में मुलाकात के दौरान सुलतान को बैंकाक में डॉटा इंट्री ऑपरेटर की जॉब दिलाने और 30 हजार थाई भात (77 हजार रुपए) सैलरी दिलाने का झांसा दिया था।

पांच लाख लेने के बाद भेजा बैंकाक सुलतान ने पुलिस को बताया कि बैंकाक का वीजा और हवाई टिकट देने के बदले रुपए लिए गए थे। सुलतान से 50 हजार, मो. अनस से एक लाख, सादिक मिर्जा से करीब तीन लाख और तौसीफ से भी रुपए लिए थे। पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि लगभग पांच लाख देने के बाद उन्हें बैंकाक भेजा गया था।

सरकार के हस्तक्षेप के बाद देश लौटे थे पीड़ित केंद्र सरकार ने म्यांमार में बंधक बनाए गये कुल 540 युवकों को मुक्त कराया है। उन्हें वायुसेना के सी-17 विमान से सोमवार और मंगलवार को दिल्ली पहुंचा लाया गया। इसमें उत्तर प्रदेश के 38 युवक शामिल थे। जिसमें 17 युवक मेरठ और 21 लखनऊ के हैं। इन युवकों को दिल्ली से साहिबाबाद डिपो की विशेष बस से लखनऊ और मेरठ पहुंचाया गया था।

उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News