नशा मुक्ति केंद्र पहुंचे सेहत मंत्री डॉ. बलबीर ने दाखिल मरीजों का पूछा हाल, रोजगार दिलाने पर भी दिया जोर – Jalandhar News h3>
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सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में सुबह साढ़े दस बजे सेहत मंत्री डा. बलबीर सिंह पहुंचे। उन्होंने दाखिल मरीजों से इलाज के बारे में पता किया। जो युवा नशा छोड़ चुके हैं, उन्हें रोजगार दिलाने पर जोर दिया। इसके लिए प्रशासन और सेहत विभाग की जिम्मेदारी तय कि युवाओं को रोजगार के लिए इंडस्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की जाए। इंडस्ट्री संचालकों से रोजगार के लिए बात की जाए, ताकि युवा अपना भविष्य सवार सकें।
सेहत मंत्री के साथ डीसी हिमांशु अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर, सिविल सर्जन डा. गुरमीत लाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने अधिकारियों से नशा तस्करों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को लेकर मंथन किया। इस मौके पर 14 प्राइवेट सेंटर संचालकों के साथ मीटिंग की। इसमें संचालकों को आदेश दिए कि सेंटरों में इलाज की पुख्ता इंतजाम किए जाए, क्योंिक सरकार की जंग नशे के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है। इसलिए सेंटर पर मरीजों की संख्या बढ़ेगी।
सेहत मंत्री ने कहा िक पंजाब में हमारी सरकार आने से पर 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों का बिजली का बिल नहीं आता। वहीं सेहत विभाग द्वारा खोले गए मोहल्ला क्लीनिकों में लगभग 2 करोड़ 99 लाख से ज्यादा लोगों का मुफ्त में इलाज भी किया है। सिविल अस्पताल में मुफ्त में दवाइयां मिल रही हैं। मैं खुद इसकी रिपोर्ट ले रहा हूं कि कौन दवा मौजूद है और कौन सी नहीं। जो दवाएं नहीं मौजूद होतीं, उन्हें जल्द सेंटर पर उपलब्ध कराई जाती हैं।
सेहत िवभाग बड़े स्तर पर नारकोटिक्स एनॉनिमस ग्रुप का गठन कराएगा सेहत मंत्री ने कहा कि नशा करने वाले मरीज अपना दर्द दूसरे मरीजों से बांट कर मानसिक ताकत हासिल करते हैं, जिससे वह नशे को हरा सकें। यूरोप में एल्कोहल एनॉनिमस तथा नारकोटिक्स एनॉनिमस के नाम से ऐसी संस्थाएं चलती हैं। एनोनिमस का अर्थ है कि बेनाम। हर रोज ग्रुप के लोग एक निश्चित जगह पर एकत्र होते हैं और इनके सदस्य एक दूसरे की मदद नशा छोड़ने में करते हैं। वह एक दूसरे की गलतियों से सीखते हैं। ये ग्रुप पहले भी जालंधर में चल रहा है। अब सेहत िवभाग बड़े स्तर पर इन ग्रुप को गठन कराएगा। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा िक गांव और मोहल्ला स्तर पर स्वास्थ्य समितियां स्थापित करने के अलावा प्रत्येक नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र पर नारकोटिक्स एनॉनिमस सहायता समूह स्थापित किए जाएंगे। जालंधर नशा मुक्ति केंद्र का बड़ा सेंटर : मंत्री बलबीर ने आगे कहा कि जालंधर हमारा नशा मुक्ति केंद्र का सबसे बड़ा सेंटर है। हमारी कोशिश है कि जो नशे के आदी हैं और नशे के लिए किसी वारदात को अंजाम देते हैं, उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल किया जाए। हम ऐसे लोगों को भी मिलेंगे जो नशे के आदी होने के बाद उसे छोड़ चुके हैं, ताकि लोगों को बताया जा सके कि कैसी स्थिति में उन्होंने नशा छोड़ा है।
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सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में सुबह साढ़े दस बजे सेहत मंत्री डा. बलबीर सिंह पहुंचे। उन्होंने दाखिल मरीजों से इलाज के बारे में पता किया। जो युवा नशा छोड़ चुके हैं, उन्हें रोजगार दिलाने पर जोर दिया। इसके लिए प्रशासन और सेहत विभाग की जिम्मेदारी तय कि युवाओं को रोजगार के लिए इंडस्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की जाए। इंडस्ट्री संचालकों से रोजगार के लिए बात की जाए, ताकि युवा अपना भविष्य सवार सकें।
सेहत मंत्री के साथ डीसी हिमांशु अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर, सिविल सर्जन डा. गुरमीत लाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने अधिकारियों से नशा तस्करों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को लेकर मंथन किया। इस मौके पर 14 प्राइवेट सेंटर संचालकों के साथ मीटिंग की। इसमें संचालकों को आदेश दिए कि सेंटरों में इलाज की पुख्ता इंतजाम किए जाए, क्योंिक सरकार की जंग नशे के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है। इसलिए सेंटर पर मरीजों की संख्या बढ़ेगी।
सेहत मंत्री ने कहा िक पंजाब में हमारी सरकार आने से पर 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों का बिजली का बिल नहीं आता। वहीं सेहत विभाग द्वारा खोले गए मोहल्ला क्लीनिकों में लगभग 2 करोड़ 99 लाख से ज्यादा लोगों का मुफ्त में इलाज भी किया है। सिविल अस्पताल में मुफ्त में दवाइयां मिल रही हैं। मैं खुद इसकी रिपोर्ट ले रहा हूं कि कौन दवा मौजूद है और कौन सी नहीं। जो दवाएं नहीं मौजूद होतीं, उन्हें जल्द सेंटर पर उपलब्ध कराई जाती हैं।
सेहत िवभाग बड़े स्तर पर नारकोटिक्स एनॉनिमस ग्रुप का गठन कराएगा सेहत मंत्री ने कहा कि नशा करने वाले मरीज अपना दर्द दूसरे मरीजों से बांट कर मानसिक ताकत हासिल करते हैं, जिससे वह नशे को हरा सकें। यूरोप में एल्कोहल एनॉनिमस तथा नारकोटिक्स एनॉनिमस के नाम से ऐसी संस्थाएं चलती हैं। एनोनिमस का अर्थ है कि बेनाम। हर रोज ग्रुप के लोग एक निश्चित जगह पर एकत्र होते हैं और इनके सदस्य एक दूसरे की मदद नशा छोड़ने में करते हैं। वह एक दूसरे की गलतियों से सीखते हैं। ये ग्रुप पहले भी जालंधर में चल रहा है। अब सेहत िवभाग बड़े स्तर पर इन ग्रुप को गठन कराएगा। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा िक गांव और मोहल्ला स्तर पर स्वास्थ्य समितियां स्थापित करने के अलावा प्रत्येक नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र पर नारकोटिक्स एनॉनिमस सहायता समूह स्थापित किए जाएंगे। जालंधर नशा मुक्ति केंद्र का बड़ा सेंटर : मंत्री बलबीर ने आगे कहा कि जालंधर हमारा नशा मुक्ति केंद्र का सबसे बड़ा सेंटर है। हमारी कोशिश है कि जो नशे के आदी हैं और नशे के लिए किसी वारदात को अंजाम देते हैं, उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल किया जाए। हम ऐसे लोगों को भी मिलेंगे जो नशे के आदी होने के बाद उसे छोड़ चुके हैं, ताकि लोगों को बताया जा सके कि कैसी स्थिति में उन्होंने नशा छोड़ा है।