RSRDC एमडी को लोकायुक्त का समन: एलिवेटेड रोड मामले में कई अफसर-इंजीनियर जांच के घेरे में, सुनवाई 15 अप्रैल को – Ajmer News h3>
अजमेर में करीब पौने तीन सौ करोड रुपए खर्च कर बनाए गए एलिवेटेड रोड के मामले में निर्माण एजेंसी आरएसआरडीसी के एमडी को लोकायुक्त ने जांच के लिए समन जारी किया है। लोकायुक्त पूर्व में तीन पत्र जारी कर चुके हैं। मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।
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इससे पूर्व कलेक्टर ने भी आरएसआरडीसी के दो प्रोजेक्ट डायरेक्टरों को चार्जशीट जारी हुए थी लेकिन मामले में हुआ कुछ नहीं। लोकायुक्त में याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने आरएसआरडीसी अधिकारियों पर एलिवेटेड रोड के निर्माण में अनियमितताओं की जांच और गबन राशि वसूलने की मांग की है। नियम कायदे ताक पर रखकर एलिवेटेड रोड का निर्माण किया गया है।
निर्माण के नाम पर 60 करोड़ के गबन का आरोप
- शिकायत के अनुसार एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य 5 साल की देरी। 5 मई 2020 में ही पूरा होना था। 22 करोड़ की पेनल्टी लगनी थी, नहीं लगाई। एईएन चारू मित्तल, नरेश शेरसिया, पीडी अरुण माथुर, हर्ष राय, राजेश शर्मा को जिम्मेदार बताया है। निर्माण मशीनरी, मैटेरियल रखने के लिए सरकारी जमीन का 15-22 करोड़ का किराया नहीं वसूला।
- नवंबर 2019 से ठेकेदार को 4 टाइम एक्सटेंशन दिया गया। 38 करोड़ की राशि का मूल्य वृद्धि के रूप में अतिरिक्त भुगतान। 60 करोड़ राशि का गबन। 5 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान किया, जबकि 1185 मीटर लम्बाई में कार्य करने पर अनुपातिक रूप से मात्र 60.45 करोड़ का भुगतान ही देने योग्य होता है।
- सड़क की कुल चौड़ाई कागजों में 8.5 मीटर। कई जगह चौड़ाई कम है। सीमेंट कंक्रीट की ठेकेदार ने डामर सड़क बनाई। 6 करोड़ रुपए की राशि का फर्जी भुगतान किया गया। इस आइटम में राशि लगभग 10 करोड़ का अधिक भुगतान फर्जी भुगतान किया गया। इस सड़क पर समुचित ड्रेनेज सिस्टम नहीं है।
- 39350 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में सर्विस रोड व स्लिप लेन बननी थी। सर्विस रोड निर्माण नहीं हुआ है। आरएसआरडीसी द्वारा दसवें बिल (मार्च 2020) से ही सर्विस रोड के 8 करोड़ का भुगतान किया गया।
- इस सड़क पर साइनेज, ट्रैफिक लाइटें, सड़क लाइटिंग, स्मार्ट रोड के हिसाब से स्मार्ट साइनेज, सीसी टीवी कैमरा आदि लगाने थे। अगस्त 2022 तक ऐसा कोई कार्य प्रारंभ भी नहीं किया गया लेकिन 5 करोड़ से अधिक का भुगतान कर दिया गया।
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