शेर ‘पटौदी’ की मटन डाइट- हाथी ‘गंगा प्रसाद’ की थाली: चिड़ियाघर में जानवरों की सेहत, खुशहाली- प्राकृतिक माहौल का खास ख्याल – Gorakhpur News h3>
गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां चिड़ियाघर में जानवरों की देखभाल और उनके खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यहां शेर ‘पटौदी’ और हाथी ‘गंगा प्रसाद’ को उनके स्वभाव और जरूरत के हिसाब से खास डाइट दी जा रही है, ताकि वे स्वस्थ और खुशहाल रहें।
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शेर ‘पटौदी’ की खास मटन डाइट
गोरखपुर चिड़ियाघर का शेर ‘पटौदी’ अपनी ताकत और सेहत बनाए रखने के लिए रोजाना 12 किलो ताजा मटन खाता है। यह मांस उच्च गुणवत्ता का होता है, जिसे खासतौर पर उसकी सेहत को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है।
चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार, पटौदी की डाइट में पोषण का पूरा ध्यान रखा जाता है, ताकि उसकी हड्डियां मजबूत रहें और वह एक्टिव बना रहे। इसके अलावा, उसके रहने की जगह को भी प्राकृतिक माहौल में डिजाइन किया गया है, जहां उसे खुली हवा और आराम का पूरा अनुभव मिल सके। पटौदी की सेहत की नियमित जांच की जाती है, ताकि किसी भी तरह की बीमारी से बचाव किया जा सके।
हाथी ‘गंगा प्रसाद’ की हरी-भरी थाली
वहीं, चिड़ियाघर में मौजूद हाथी ‘गंगा प्रसाद’ की डाइट पूरी तरह वेजिटेरियन है। उसे रोजाना 40 किलो हरी सब्जियां, पेड़ों की छाल, पत्तियां और गन्ना दिया जाता है। गन्ना गंगा प्रसाद की सबसे पसंदीदा चीज है, जिसे वह बड़े चाव से खाता है।
गंगा प्रसाद की डाइट में पोषण का खास ख्याल रखा जाता है, ताकि उसे सभी जरूरी विटामिन और मिनरल्स मिल सकें। इसके अलावा, उसके स्वास्थ्य की समय-समय पर जांच भी की जाती है।
चिड़ियाघर प्रशासन की विशेष टीम रखती है नजर
चिड़ियाघर प्रशासन ने शेर और हाथी समेत अन्य जानवरों की देखभाल के लिए एक विशेष टीम तैनात की है, जो उनकी डाइट से लेकर उनके स्वास्थ्य पर पूरी नजर रखती है। जानवरों को समय पर खाना दिया जाता है और उनकी सेहत की नियमित जांच की जाती है।
प्रशासन का कहना है कि जानवरों को प्राकृतिक माहौल देने के लिए उनके रहने की जगह को भी जंगल जैसा बनाया गया है, ताकि वे तनावमुक्त और खुश रह सकें।
पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं ‘पटौदी’ और ‘गंगा प्रसाद’
गोरखपुर चिड़ियाघर में आने वाले पर्यटकों के लिए शेर ‘पटौदी’ और हाथी ‘गंगा प्रसाद’ आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। लोग पटौदी की दहाड़ और गंगा प्रसाद की मस्ती देखने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं।
चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि आने वाले समय में जानवरों की देखभाल और उनके खान-पान में और सुधार किए जाएंगे, ताकि गोरखपुर चिड़ियाघर देश के बेहतरीन चिड़ियाघरों में गिना जा सके।