मादा गोडावण के अंडे से निकला नन्हा मेहमान: ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता, ब्रीडिंग सेंटर में अब संख्या हुई 45 – Jaisalmer News

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मादा गोडावण के अंडे से निकला नन्हा मेहमान:  ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता, ब्रीडिंग सेंटर में अब संख्या हुई 45 – Jaisalmer News

मादा गोडावण के अंडे से निकला नन्हा मेहमान: ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता, ब्रीडिंग सेंटर में अब संख्या हुई 45 – Jaisalmer News

जैसलमेर। ब्रीडिंग सेंटर में आया नन्हा मेहमान गोडावण।

जैसलमेर के सुदासरी स्थित गोडावण ब्रीडिंग सेंटर से एक खुशखबरी आई है। यहां एक अंडे से नन्हा चूजा बाहर आया है और विशेषज्ञों की देखरेख में स्वस्थ है। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (गोडावण) संरक्षण परियोजना के तहत चार वर्षीय मादा गोडावण पक्षी ‘रीवा’ के अंडे से चूज

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अब गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में गोडावण की संख्या में इजाफा हुआ है। अब कुल 45 गोडावण सुदासरी और रामदेवरा में मौजूद है। गोडावण के अंडे से सुरक्षित चूजा बाहर आने से पर्यावरण प्रेमियों और पक्षी प्रेमियों में काफी खुशी है।

सम सेंटर में नर पक्षी ‘लियो’ और मादा ‘रीवा’ की हुई मेटिंग।

नर ‘लियो’ और मादा ‘रीवा’ की हुई मेटिंग

डेजर्ट नेशनल पार्क के DFO बृजमोहन गुप्ता ने बताया- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का ये अंडा जैसलमेर के सम सेंटर में नर पक्षी ‘लियो’ और मादा ‘रीवा’ की मेटिंग के बाद दिया गया। इस महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रिया को वैज्ञानिकों और वन्यजीव विशेषज्ञों ने अत्यंत सावधानीपूर्वक अंजाम दिया। GIB टीम ने तकनीकी कुशलता का परिचय देते हुए अंडे को सुरक्षित निकाला और अनुकूल वातावरण में संरक्षित किया, ताकि इसके सफल निषेचन और हेचिंग की संभावनाएं बढ़ाई जा सके।

गौरतलब है कि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (गोडावण) राजस्थान का राज्य पक्षी है। ये पक्षी भारत में विलुप्ति के कगार पर है। कभी राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में पाए जाने वाले इस पक्षी की संख्या बहुत कम रह गई है। जैसलमेर के थार मरुस्थल में इनकी अधिकतम संख्या दर्ज की गई है, लेकिन बिजली की हाई-टेंशन लाइनों और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण इनकी आबादी तेजी से घट रही है।

विशेषज्ञों ने अंडे को सुरक्षित निकाला और अनुकूल वातावरण में संरक्षित किया

​​​​जैसलमेर में 173 गोडावण है

DFO गुप्ता ने बताया कि जैसलमेर में गोडावण की संख्या 173 है। जिसमें से 128 गोडावण तो फील्ड में घूम रहे हैं। वहीं 45 गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में हैं। इनमें से एक मादा गोडावण कि हाल ही में मौत हुई। जिससे इनकी संख्या घटकर 44 हो गई थी। लेकिन अब एक नन्हा मेहमान आने से इनकी संख्या दुबारा 45 हो गई है।

डेजर्ट नेशनल पार्क गोडावण का सबसे संरक्षित क्षेत्र

जैसलमेर का डेजर्ट नेशनल पार्क गोडावण का सबसे संरक्षित इलाका माना जाता है। यहां पर 70 के करीब क्लोजर हैं, जिसके कारण यहां पर गोडावण के प्रजनन की अनुकूल स्थितियां बनी हुई हैं। पार्क में बनाए गए हैचरी सेंटर में अंडों को वैज्ञानिक तरीके से सेज कर उनसे चूजे निकलवाए जा रहे हैं।

अंडे से सुरक्षित निकला चूजा।

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