रंगों का पर्व होली इस बार एक परिवार के लिए कभी न भूलने वाला दर्द लेकर आया। छपरा के अमनौर थाना क्षेत्र के सहादी गांव निवासी राजेश सिंह की शुक्रवार की देर शाम एक सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसा तब हुआ जब वह अबीर-गुलाल खेलकर ससुराल जा रहे थे। अज्ञात वाहन की चपेट में आने से घायल हुए राजेश सिंह ने शनिवार दोपहर को पटना के पीएमसीएच में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
होली का रंग हुआ बेरंग
जानकारी के मुताबिक, होली के दिन जहां पूरा गांव रंगों में सराबोर था। वहीं, राजेश सिंह की मौत की खबर मिलते ही उनके गांव सहादी में मातम छा गया। जिस घर में कुछ घंटे पहले होली गीत गूंज रहे थे, वहां अब सिर्फ आंसू और सन्नाटा बच गया है। मृतक की पत्नी पूनम देवी, मां राजकुमारी देवी और तीनों बच्चों की चीख-पुकार सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।
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लंबे समय बाद घर आया, होली ही आखिरी बन गई
राजेश सिंह कोलकाता की एक जूट मिल में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे। वह तीन महीने बाद घर लौटे थे, ताकि परिवार के साथ होली मना सकें। शुक्रवार की सुबह ही वह घर पहुंचे और पूरे उत्साह से परिवार के साथ होली खेली। परिजनों के अनुसार, उनकी ससुराल पास के तारा अमनौर गांव में है। जहां अबीर-गुलाल खेलने के लिए वह अकेले बाइक से निकल पड़े थे।
परिजनों ने बताया कि राजेश सिंह सामान्यतः ससुराल नहीं जाते थे, लेकिन इस बार उन्होंने अचानक ससुराल जाने का निर्णय लिया। पत्नी और बच्चे भी साथ चलने की जिद कर रहे थे, लेकिन उन्होंने कहा कि होली के बाद चलेंगे, अभी मैं अकेले जाता हूं। मगर किसी को क्या पता था कि यह सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा।
अज्ञात वाहन की चपेट में आई बाइक
घटना शुक्रवार की देर शाम नरसिंह भानपुर (RVS) ईंट भट्ठा के पास नहर मार्ग पर हुई। अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार राजेश सिंह सड़क पर गिर पड़े और तड़पते रहे। उसी रास्ते से गुजर रहे एक ग्रामीण ने उन्हें देखा और शोर मचाया। लोगों की मदद से उन्हें अमनौर सामुदायिक अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच पटना रेफर किया गया।
हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद शनिवार दोपहर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। खबर मिलते ही परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। घर में अबीर-गुलाल से सजी थालियां वहीं गिर गईं और रंग-बिरंगी होली मातमी रंग में बदल गई।
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पत्नी और तीन बच्चों को पीछे छोड़ गए
राजेश सिंह चार भाइयों में सबसे बड़े थे और उनके दो बेटियां और एक बेटा हैं। उनकी मां और पत्नी की हालत घटना के बाद बेहद खराब है और पूरे गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने घटना पर शोक जताते हुए सरकार से पीड़ित परिवार को मुआवजा और बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाने की मांग की है।
अज्ञात वाहन का सुराग नहीं
अब तक इस हादसे में अज्ञात वाहन का पता नहीं चल पाया है, जिससे परिजनों में आक्रोश भी है। स्थानीय प्रशासन की ओर से हादसे की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, ग्रामीणों ने इस सड़क पर वाहनों की तेज गति और सुरक्षा इंतजामों की कमी पर सवाल उठाए हैं।