फॉरेस्ट की 8 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा हटाने पहुंचा अमला: विरोध में ग्रामीणों ने उखाड़े फेंसिंग पोल; महिला वनरक्षक समेत 100 से ज्यादा का अमला तैनात – narmadapuram (hoshangabad) News h3>
नर्मदापुरम के वन परिक्षेत्र बनखेड़ी के बारादेवी बीट में 8 हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध कब्जा कर खेती की जा रही थी। इस अतिक्रमण को हटाने के लिए मंगलवार सुबह से वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई शुरू की।सुबह 6 बजे फॉरेस्ट अफसर, राजस्व विभाग, पुलिस और वन अमला बाराद
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वन विभाग और राजस्व की टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया और आक्रोश में फेंसिंग के लिए लगाए गए कुछ पोल उखाड़ दिए। हालांकि, विरोध के बावजूद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रही। वन विभाग मजदूरों और मशीनों की मदद से फेंसिंग के लिए पोल लगाने और खुदाई का कार्य कर रहा है। विभाग की योजना है कि अतिक्रमण मुक्त कराई गई इस भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा।
वन और पुलिस अमला मौके पर मौजूद।
100 से ज्यादा का अमला मौजूद
आईएएस एसडीएम अनिशा श्रीवास्तव और सोहागपुर एसडीओ रचना शर्मा के नेतृत्व में वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही है। कार्रवाई में डिवीजन के सभी रेंज के रेंजर अफसर, पुरुष वनरक्षक, गार्ड और डिप्टी रेंजर के साथ 18 महिला वनरक्षक भी शामिल हैं। कार्रवाई दल में राजस्व विभाग के पांच अधिकारी-कर्मचारी और पुलिस के पांच जवान भी मौजूद हैं।
आक्रोशित ग्रामीणों ने पोल ऊपर से तोड़ दिए।
विभाग ने महिला वनरक्षकों को विशेष रूप से शामिल किया है, क्योंकि अक्सर ग्रामीण विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाओं को आगे करते हैं। ऐसे में यहां कार्रवाई के लिए लगभग 100 से ज्यादा लोगों का अमला मौजूद है। वहीं डीएफओ गुर्जर स्वयं अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
खेत में लगी फसल के बाजू में गड्ढे खोदे जा रहे हैं।
डीएफओ मयंक सिंह गुर्जर ने बताया कि लगभग 7-8 साल पहले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से विस्थापित ग्रामीणों को बनखेड़ी सामान्य वन परिक्षेत्र के बारादेवी बीट में नया परासपानी भाग-2 में बसाया गया था। इन 11 परिवारों को मकान उपलब्ध कराए गए थे। उन्होंने बताया कि इन ग्रामीणों ने बीट के क्रमांक पीएफ 294 में करीब 8 हजार हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया और इसे खेत में बदलकर फसल उगाना शुरू कर दिया।
वन विभाग की टीम भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 80-अ एवं मध्य प्रदेश विधान क्रमांक 9 वर्ष 1965 की धारा 17 के तहत कार्रवाई कर रही है। इन कानूनी प्रावधानों के अनुसार अतिक्रमणकारियों को वन भूमि से बेदखल किया जा रहा है।
डीएफओ गुर्जर ने बताया अतिक्रमण हटाने वाली जमीन को पहले से चिह्नित कर लिया था। कुछ जगह सोमवार को पोल लगाए थे। आज मंगलवार को जब टीम पहुंची तो कुछ पोल ग्रामीणों ने तोड़ दिए थे। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी है। इसलिए 15, 20 दिन फसल कटने तक का ग्रामीणों को समय दिया है। बाकी हिस्से में मजदूरों से गड्ढे करवा रहे है। ताकि वहां पौधा रोपण हो सकें।
मशीन से भी गड्ढे खोदे जा रहे हैं।
फसल कटने तक का समय देकर चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा अतिक्रमण
डीएफओ गुर्जर ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए पहले से ही जमीन को चिह्नित कर लिया गया था। सोमवार को कुछ स्थानों पर फेंसिंग के लिए पोल लगाए गए थे, लेकिन मंगलवार को जब टीम पहुंची तो पाया कि ग्रामीणों ने कुछ पोल तोड़ दिए हैं। फिलहाल में कुछ हिस्से में फसल लगी है, वहां ग्रामीणों को 15-20 दिन का समय दिया है ताकि वे अपनी फसल काट सकें। इस बीच बाकी क्षेत्रों में मजदूरों से गड्ढे खुदवाए जा रहे हैं, जहां बाद में पौधारोपण किया जाएगा।
पोल तोड़ दिए गए।
ग्रामीण खुद भी कब्जा हटा रहे।
फॉरेस्ट और पुलिस अमला मौजूद।