आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि बिहार अब पिछड़े राज्यों में नहीं रहा, बल्कि यह निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में नए अवसरों का निर्माण हो रहा है, जिससे बिहार की छवि सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में उभर रही है।
‘भागलपुर की धरती तपस्वियों की भूमि’
भागलपुर आगमन पर उन्होंने इसे तपस्वी मुनियों की भूमि बताया। उन्होंने कहा कि भागलपुर का नाम बहुत सुना था, पर पहली बार यहां आ सका हूं। यहां आने की इच्छा लंबे समय से थी। उन्होंने स्थानीय संस्कृति और लोगों के उत्साह की भी सराहना की।
भागलपुर हवाई अड्डे पर सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए श्री श्री रविशंकर ने आयुर्वेद शिक्षा के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में आयुर्वेद कॉलेज की पूरी संभावना है और भागलपुर में इसकी नींव पहले ही रखी जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आयुर्वेद को उचित दिशा और संसाधन मिले, तो यह स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
एलोपैथी बनाम आयुर्वेद: जड़ से उपचार की बात
आधुनिक चिकित्सा पद्धति और आयुर्वेद की तुलना करते हुए श्री श्री रविशंकर ने कहा कि एलोपैथी तात्कालिक राहत देती है। लेकिन यह बीमारी को जड़ से खत्म नहीं करती। इसके विपरीत आयुर्वेदिक चिकित्सा न केवल रोग का उपचार करती है, बल्कि शरीर को प्राकृतिक रूप से संतुलित और स्वस्थ बनाती है। उन्होंने कहा कि अगर आयुर्वेद का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, तो यह क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव ला सकता है।
‘युवाओं में है परिवर्तन की शक्ति’
राज्य के युवाओं की ऊर्जा और मेहनत की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के युवा आत्मविश्वास से भरपूर हैं। उनमें आगे बढ़ने की अपार क्षमता है। आवश्यकता इस बात की है कि उनके कौशल विकास के लिए समग्र रणनीति तैयार की जाए, ताकि राज्य में बेरोजगारी की समस्या दूर हो सके।
श्री श्री रविशंकर ने कहा कि बिहार सरकार और स्थानीय प्रशासन आयुर्वेद चिकित्सा और शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगर भागलपुर में आयुर्वेद कॉलेज की स्थापना पूर्ण रूप से हो जाती है, तो यह न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
‘स्वास्थ्य और शिक्षा में हो रहे नवाचारों से तेज हो रहा विकास’
श्री श्री रविशंकर ने यह भी कहा कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और शिक्षा क्षेत्र में नवाचार देखने को मिल रहे हैं। अगर यह रफ्तार बनी रही, तो बिहार निकट भविष्य में स्वास्थ्य और शिक्षा का एक सशक्त केंद्र बनकर उभरेगा।
अंत में उन्होंने कहा कि बिहार अब एक नया, उन्नत और आत्मनिर्भर राज्य बन रहा है। आयुर्वेद कॉलेज की स्थापना और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार इसकी दिशा में एक बड़ा कदम होगा, जिससे न केवल समाज के हर वर्ग को लाभ मिलेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह स्थायी और समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा।