गुना में मां ने की थी बेटे की हत्या: पुलिस से बोली- कपड़े, बिंदी के लिए रोकटोक करता था; पुलिस को गुमराह करने झूठी कहानी बनाई – Guna News

77
गुना में मां ने की थी बेटे की हत्या:  पुलिस से बोली- कपड़े, बिंदी के लिए रोकटोक करता था; पुलिस को गुमराह करने झूठी कहानी बनाई – Guna News

गुना में मां ने की थी बेटे की हत्या: पुलिस से बोली- कपड़े, बिंदी के लिए रोकटोक करता था; पुलिस को गुमराह करने झूठी कहानी बनाई – Guna News

अपनी मां के साथ अभ्युदय। (फाइल फोटो)

शहर की चौधरन कॉलोनी के 15 साल के बच्चे की मौत की गुत्थी सुलझ गई है। यह तो साफ हो गया है कि उसकी मां ने हत्या की। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उसने कैसे मर्डर किया। कुछ परिस्थितियों और आखिरी बार घर में मां बेटे को साथ देखे जाने के आधार पर मां

.

मामला 14 फरवरी का है। शहर की चौधरन कॉलोनी में किराए के मकान में रहने वाले अनुपम जैन प्राइवेट बैंक में नौकरी करते हैं। वह ऑडिट ऑफिसर हैं। इस कारण कई अक्सर शहर से बाहर जाना पड़ता है। वह चौधरन कॉलोनी में किराए के मकान में रहते हैं। उनकी पत्नी गृहिणी हैं। बेटा अभ्युदय जैन(15) कक्षा 8 में पड़ता था। अनुपम जैन ने अपना ट्रांसफर भोपाल करा लिया था और वहीं पर बच्चे का एडमिशन कराने की प्रक्रिया भी कर रहे थे।

14 फरवरी को वह बैंक के काम से शहर से बाहर गए हुए थे। शाम के समय बच्चे की मां भी शहर में ही काम से चली गईं। घर में बेटा अभ्युदय अकेला ही था। बच्चे के एग्जाम चल रहे थे, इसलिए वह घर पर ही पढ़ाई कर रहा था। शाम 7 बजे के आसपास जब वह वापस लौटीं, तो घर का दरवाजा बंद था। उन्होंने कई बार डोर बेल बजाई, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद उन्होंने मकान मालिक से दूसरी चाबी लेकर घर का दरवाजा खोला।

वह ऊपर अपने कमरे में गईं, तो बेटा अभ्युदय बदहवास हालत में पड़ा हुआ था। उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। उसके पैर भी बंधे हुए थे। उन्होंने मकान मालिक और पड़ोसियों को बुलाया। वह सभी लोग उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बच्चे के गले पर निशान थे। वहीं उसके गले पर दुपट्टा भी कसा हुआ था। जिला अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम किया गया। तीन डॉक्टरों के पैनल ने उसका पोस्टमार्टम किया था।

एसपी संजीव कुमार सिन्हा के निर्देशन में इंटेलिजेंट पुलिसिंग और डीएसपी भरत नौटिया के नेतृत्व में कोतवाली पुलिस टीम ने इस केस की विवेचना की। बच्चे की मां अल्का ने पहले दिन जो कहानी पुलिस को सुनाई थी, पुलिस ने उसकी हर एंगल से पड़ताल की। जिसमें कहानी बनावटी साबित हुई। दरअसल, पोस्टमॉर्टम में सामने आया था कि अभ्युदय की मौत गला दबाने से दम घुटने पर हुई है। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर केस की विधिवत विवेचना शुरू की। पुलिस ने चौधरन कॉलोनी में घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चैक कर घर की गली में आने जाने वाले हर व्यक्ति पर निगाह रखकर पूछताछ की। कॉल डिटेल खंगाले और घटनास्थल से अनेक साक्ष्य इकठ्ठे किए। इस दौरान बहुत कुछ ऐसा सामने आता गया जिससे मामले का खुलासा हो गया।

पुलिस को शुरू से ही उसकी मां पर शक था, क्योंकि पुलिस ने जब आसपास के CCTV खंगाले तो घर में कोई आता जाता नहीं दिखा था। केवल बच्चे की मां ही घर में गई थी। पुलिस को ऐसे सबूत मिले थे कि उसकी मां ने ही उसकी हत्या कर पूरी घटना को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। पुलिस ने शनिवार को बच्चे की मां अल्का जैन को गिरफ्तार कर लिया है।

इसी घर में अभ्युदय का शव बाथरूम में मिला था।

अब जानिए, उस दिन हुआ क्या...

पुलिस की जांच, गवाहों के बयान, CCTV की फुटेज में यह सामने आया कि उस दिन अभ्युदय ने लगभग 1:30 बजे खाना खाया। उस समय अल्का की नौकरानी भी हैं पर थी। उसने पुलिस को भी अभ्युदय के खाना खाने का यही समय बताया। इसके बाद दोपहर करीब 2:22 बजे अल्का के घर से काम वाली बाई घर का काम करके चली गई। उस समय सिर्फ अभ्युदय और अल्का ही घर पर थे। अल्का मोबाइल पर किसी से बात कर रही थी। इसके बाद ढाई बजे से पौने तीन बजे के बीच अल्का के घर से बर्तन गिरने, धम धम और दरवाजे में जोर-जोर से धक्के देने की आवाजें आई थीं। फिर आटा चक्की चलने की आवाज आने लगी थी। कुछ मिनट बाद सारी आवाजें बंद हो गई थीं।

इसके बाद अल्का जैन शाम 3:48 बजे बैडमिंटन खेलने घर से निकली और शाम को 6:19 बजे वापस घर लौटी थी। उनकी सहेली उन्हें गली के बाहर से लेकर गई और वापस भी सहेली ने ही छोड़ा। कुछ देर उसने गली के कोने पर खड़े होकर अपनी सहेली से भी बात की। मोबाइल कॉल डिटेल के अनुसार वह चाबी मांगने करीब पौने आठ बजे नीचे मकान मालकिन के पास आई। किचिन में काम कर रहीं मालकिन ने 7:48 बजे अपने पति को फोन लगाकर 2 मिनट 48 सेकेंड बात करते हुए घर की अलमारी में चाबियां ढूंढी और एक पर्स में से चाबियों का गुच्छा निकालकर अल्का के सामने रख दिया कि इसमें देख लो। इस दौरान वह अल्का से बातचीत करते हुए किचिन में काम भी करती रही। करीब दो मिनिट बाद अल्का यह कहते हुए चली गई कि चाबी मिल गई।

करीब आठ बजे ऊपर के पोर्शन से अल्का के चिल्लाने की आवाज आने पर मालकिन ऊपर गईं। उन्होंने देखा कि बाथरूम में अभ्युदय पड़ा हुआ था। उसका सिर गेट की ओर, पैर टॉयलेट सीट की ओर थे। अल्का उसके बगल में दीवार से सटी बैठी थी। मकान मालकिन ने तत्काल नीचे आकर बेटी से पापा को फोन लगाकर बुलाने और पास में रह रहे डॉक्टर को बुलाने कहा और खुद ने भी लोगों को बुलाया। अभ्युदय को अस्पताल ले जाने पहुंचे।

अभ्युदय को रील्स बनाने, डांस करने का भी शौक था।

पुलिस से बोलीबेटा कपड़ों के लिए टोकता था

पुलिस को दिए बयानों में अल्का ने बताया कि उसका बेटा अभ्युदय उसे बात बात पर टोकता था। वह कभी कहता कि ऐसे कपड़े मत पहना करो, ये कपड़े मत पहना करो। ऐसी बिंदी मत लगाया करो। यह बात अल्का ने एक कॉपी में भी लखी थी। इसके अलावा वह पढ़ाई में भी कुछ कमजोर ही थी। उसका पेपर भी बिगड़ा था। संभवतः उस दिन इन्हीं दोनों में से किसी बात को लेकर दोनों में बहस हुई और अल्का ने किचन में अभ्युदय के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान कुछ बर्तन गिरने लगे, तो उसने चक्की चला दी, जिससे किसी को कुछ सुनाई न दे।

पीएम के बाद शव को ले जाते परिजन।

वो पांच सबूत जो अहम साबित हुए

पहला सबूत: मां बोल रही थीमैंने नहीं मारा

पुलिस ने जांच के दौरान अभ्युदय को घर से अस्पताल ले जाने वाले कई लोगों के बयान दर्ज किए। इस दौरान अल्का बार बार यही कह रही थी कि मैंने नहीं मारा। सब लोगों को उसकी ये बात सुनकर हैरानी भी हुई, क्योंकि तब तक तो सब यही सोचा रहे थे कि उसने सुसाइड किया है। उन्हें अल्का की यह बार अजीब लगी। एक और बात जो अजीब लगी, वो ये थी कि परिवार वाले पोस्टमार्टम रूम में से उसके गले से चैन निकालकर ले गए थे। इस बात पर भी पुलिस को शंका हुई कि आखिर इतनी भी क्या जल्दी थी चैन ले जाने की।

दूसरा सबूत: अभ्युदय के पेट में खाना पूरा नहीं पचा

पुलिस को सबसे पहले यही पता करना था कि अभ्युदय की मौत किस समय हुई होगी। इसलिए पुलिस ने डिटेल्ड पीएम रिपोर्ट की स्टडी की। साथ ही डॉक्टरों से भी जानकारी ली। इसमें यह सामने आया कि पीएम के समय अभ्युदय के पेट में जो खाना था, वो पूरा पचा नहीं था। अभ्युदय ने उस दिन डेढ़ बजे खाना खाया था। लेकिन उसके पेट में सिर्फ एक घंटे की अवधि में पच सकने वाला खाना मिला है, बाकी खाना अधपचा मिला। खाना पचने की प्रोसेस मृत्यु के साथ ही बंद हो जाती है। साथ ही रात आठ बजे मृतक के मुंह से पीला झाग निकलना भी मृतक की मौत चार पांच घंटे पहले होने का संकेत था। इससे यह साफ हो गया कि अल्का जब बैडमिंटन खेलने के लिए घर से निकली, तब अभ्युदय की मौत हो चुकी थी।

तीसरा सबूत : दुपट्टा, लेगी एकदम तरीके से कटे मिले

घर से लेगी तीन बराबर टुकड़ों में कटी हुई और दुपट्टा बीच से दो टुकड़ों में कटा मिला। जबकि उनमें कोई गठान नहीं मिली थी। ऐसा केवल तभी हो सकता है, जब पूरा समय लेकर किसी चीज को काटा जाए। जल्दबाजी में कपड़ा आड़ा टेढ़ा हो कटता है। पुलिस को अल्का की वह कहानी भी प्रैक्टिकल नहीं लगी जो उसने सुनाई थी। टॉवेल हैंगर छोटे स्क्रू से दीवार पर कसा था। उस पर कोई लाश उस पोजिशन में लटकी नहीं रह सकती, जिस तरह बताई गई थी।

अभ्युदय की मां भी रील्स बनाती थी।

चौथा सबूत : उस दिन जल्दी बैडमिंटन खेलने गई

पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया कि रोजाना आपका 4 बजे बैडमिंटन खेलने जाती थी। लेकिन, घटना वाले दिन अल्का करीब 3 बजे ही बेडमिंटन खेलने जाने के लिए अपनी सहेली को फोन लगाने लगी थी। उस दिन वह 5:10 बजे खेल कर फ्री हो गई थी, लेकिन फिर भी सीधे घर आने के बजाए रास्ते में सहेली के घर गई। घर पर पहुंचने के बाद भी कुछ देर गली के कोने पर ही बातें करती खड़ी रही जैसे उसे घर जाने की कोई जल्दी न हो।

पांचवां सबूत : डेढ़ घंटे चुपचाप घर के बाहर रही

CCTV के मुताबिक बैडमिंटन खेलने के बाद जब अल्का अपने घर वापस आई और ऊपर गई, तो लगभग डेढ़ घंटे तक वह घर के बाहर खड़ी रही। घर आने के बाद शाम 6:19 बजे से रात पौने आठ बजे तक करीब डेढ़ घंटे अल्का द्वारा दरवाजा पीटने, अभ्युदय को आवाज लगाने की बात भी प्रमाणित नहीं हुई, क्योंकि आसपास किसी ने भी ऐसी कोई आवाज नहीं सुनी। पौने आठ बजे उसने मालकिन से आकर चाबी मांगी।

कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि अभ्युदय की हत्या के मामले में पुलिस ने उसकी मां अल्का जैन को गिरफ्तार कर लिया है। अल्का ने उसकी हत्या की, इसके पर्याप्त सबूत पुलिस ने जुटाए हैं। उसकी मां ने स्वीकार नहीं किया है कि उसने मर्डर किया, लेकिन पुलिस के पास सबूत मजबूत होने से उसको गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस कोर्ट से उसका रिमांड मांगेगी।

मध्यप्रदेश की और खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News