रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम के पानी से हो रहा रिचार्ज, छप्पड़ के पानी से हो रही खेतों में सिंचाई – Jalandhar News h3>
पीएयू से टेस्टिंग में सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने की अप्रूवल के बाद ही लगता है प्रोजेक्ट NEWS4SOCIALन्यूज | जालंधर पानी बचाने और जमीन के नीचे पानी को रिचार्ज करने के लिए केंद्र और पंजाब सरकार लगातार लोगों को जागरूक करने के साथ प्रयास कर रही है। जालंधर मे
.
जालंधर जिले में अगले दो से तीन महीनों में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के बड़े गांव डल्ला, धन्नी, ढंडा, गांधरा और गिल में थॉपर या सीचेवाल मॉडल से डेवलप हो चुके तालाबों के फिल्टर पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने का काम शुरू हो जाएगा। इससे किसानों को सुविधा मिलने के साथ ही जमीन के नीचे से निकलने वाला पानी कम होगा, जबकि विभाग की तरफ से साल पिछले सेशन में गांव नौगज्जा, बोलीना, दोसांझ, रुड़का, दूहड़े में यह प्रोजेक्ट पूरा किया जा चुका है। क्योंकि इस समय खेतों में फसल की बिजाई हो चुकी है, कुछ काम बाकी है, जो फसल की कटाई के बाद तुरंत किया जाएगा। नौगज्जा में जल संरक्षण विभाग ने सोलर पावर से चलने वाली मोटर लगाई ।
इस वर्ष पूरा होगा काम, जल्द मिलेगा पानी दीपक कुमार ने बताया कि इस साल यह काम पूरा हो जाएगा। विभाग की तरफ से करीब डेढ़ से दो किल्ले में जो तालाब जिसे पहले से सीचेवाल या फिर थापर मॉडल के तहत डेवलप किया गया हो, उसके फिल्टर हुए पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे किसानों को पानी की जरूरत भी पूरी होती है। उन्होंने बताया कि इसके लिए 5 हॉर्स पावर सोलर मोटर लगाई जाती है। इसके अलावा एक किलोमीटर तक पाइप लाइन भी बिछाई जाती है। प्रोजेक्ट और जरूरत के मुताबिक ही 6 या 8 इंच पाइप का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि 3 से 4 हफ्तों में काम पूरा किया जाता है। इसमें 10 से 11 लाख रुपए खर्च आता है।
विभाग की तरफ से तीन साल तक मेंटेनेंस चार्ज भी लिया जाता है। गांव में वाटर यूजर कमेटी गठित की जाती है, जो पानी की बारी और समय निर्धारित करती है। प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले विभाग की तरफ से पीएयू पौंड के पानी की टेस्टिंग करवाई जाती है। उनकी मंजूरी के बाद ही प्रोजेक्ट आगे बढ़ता है। साल 2024-25 में ऑल इंडिया रेडियो, कैंट बोर्ड ऑफिस, पुलिस कमिश्नर ऑफिस, सिल्वर ओक पब्लिक स्कूल, एसएसपी ऑफिस, सरकारी हाई स्कूल कोट राम दास, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल नूरपुर में रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम का काम पूरा कर बरसाती पानी को बचाने का काम भी किया गया है, जबकि इस साल तक कम्युनिटी हॉल अलावलपुर, नगर काउंसिल अलावलपुर, कंपोस्ट पिट अलावलपुर में तीन नए हॉर्वेस्टिंग सिस्टम लगने का काम पूरा होगा। भूमि व जल संरक्षण विभाग में सब-डिवीजन अधिकारी लुपिंदर सिंह ने कहा कि पानी बचाने के िलए विभाग की तरफ से स्मार्ट सिटी के तहत भी काम किया गया है। उन्होंने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से भी हजारों लीटर पानी अब रिचार्ज हो रहा है। उन्होंने कहा कि पानी को बचाना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।