सेवामुक्ति के बाद अकाल तख्त साहिब पहुंचे ज्ञानी रघबीर सिंह: बोले- गुरु के हुक्म पर राजी; मेरी की गई सेवा सतगुरु प्रवाण करें – Amritsar News

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सेवामुक्ति के बाद अकाल तख्त साहिब पहुंचे ज्ञानी रघबीर सिंह:  बोले- गुरु के हुक्म पर राजी; मेरी की गई सेवा सतगुरु प्रवाण करें – Amritsar News

सेवामुक्ति के बाद अकाल तख्त साहिब पहुंचे ज्ञानी रघबीर सिंह: बोले- गुरु के हुक्म पर राजी; मेरी की गई सेवा सतगुरु प्रवाण करें – Amritsar News

गोल्डन टेंपल में श्री अकाल तख्त पर पहुंचे ज्ञानी रघबीर सिंह।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के आदेशों के बाद सेवामुक्त हुए ज्ञानी रघबीर सिंह आज एक बार फिर श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे। मीडिया से बातचीत करते हुए बीते दिन हुए घटनाक्रम के बाद उन्होंने पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे गुरुओं का आदे

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ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- जब तक गुरु का आदेश होता है, तब तक ही सेवा कर सकते हैं। जितनी देर के लिए गुरु ने आदेश दिया है, उसमें प्रसन्न और संतुष्ट हैं। अभी गुरु का धन्यवाद करके आए हैं कि उन्होंने एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी, एक महान तख्त की सेवा, अपने कृपा भरे हाथ से सिर पर रखी है। गुरु का धन्यवाद करके आए हैं और प्रार्थना की है कि जो भी भूल हो गई हो, उसे क्षमा करें।

गोल्डन टेंपल में श्री अकाल तख्त पर नतमस्तक होते हुए ज्ञानी रघबीर सिंह।

बीते दिन खत्म की गई सेवाएं

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की सेवाएं बीते दिन ही समाप्त कर दी गईं। उन्हें हरमंदिर साहिब का मुख्य ग्रंथी बनाया गया है। शुक्रवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की अंतरिम कमेटी की मीटिंग में यह फैसला हुआ। इसके अलावा तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह को भी हटाया गया।

श्री केसगढ़ साहिब की जिम्मेदारी अब ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज के पास है। साथ ही वह श्री अकाल तख्त साहिब का एडिशनल चार्ज भी संभाल रहे हैं। ज्ञानी बाबा टेक सिंह को श्री दमदमा साहिब की जिम्मेदारी दी गई है।

श्री दमदमा साहिब के नए जत्थेदार ज्ञानी बाबा टेक सिंह (बीच में) और केसगढ़ साहिब के नए जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज।

रघुजीत बोले- ऐसे हालात पैदा किए, जिससे पंथक शक्ति बिखर रही

समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार रघुजीत सिंह ने बताया कि अंतरिम समिति का मानना है कि वर्तमान समय में पंथ गंभीर चुनौतियों से गुजर रहा है। देश-विदेश में सिख पहचान संकट में है और सिख संस्थाओं को कमजोर करने के लिए विरोधी ताकतें सक्रिय हैं। ऐसे नाजुक समय में, जब पंथक शक्ति को मजबूत करने की आवश्यकता है, जत्थेदार साहिब ऐसे हालात पैदा कर रहे हैं, जिससे पंथक शक्ति बिखर रही हैं।

जत्थेदार के रूप में ज्ञानी रघबीर सिंह अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाने में असफल रहे। उन्होंने कई मौकों पर अपने बयान बदले और उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठे। उनकी कार्यशैली से श्री अकाल तख्त साहिब के प्रतिष्ठित पद की गरिमा को ठेस पहुंची है।

इसके अलावा, अंतरिम समिति ने यह भी महसूस किया कि पंथ के खिलाफ हो रही गंभीर घटनाओं पर रघबीर सिंह की चुप्पी और निष्क्रियता निराशाजनक थी। इसी के चलते समिति ने उन्हें जत्थेदार के पद से हटाने का निर्णय लिया।

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