इत्र से स्वागत, नाश्ते में काजू-बादाम, पिज्जा-पास्ता: खाटू मेले में कई राज्यों के खाने का स्वाद, किसी ने उधार लेकर लगाया भंडारा, कोई ऑटो ड्राइवर – Rajasthan News h3>
इत्र की फुहारों से स्वागत। वेलकम ड्रिंक में बादाम शेक। फास्टफूड के शौकीनों के लिए पिज्जा, पास्ता, चाउमीन, डोसा, मेदू वड़ा। मीठे में गुलाब जामुन, लड्डू और बर्फी। सेहत को लेकर फिक्रमंद हैं तो मखाने, काजू, बादाम। सादा खाना पसंद करते हैं तो सब्जी, रोटी औ
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…पढ़कर आपको लग सकता है कि किसी शादी में लगी स्टॉल्स की बात हो रही है या किसी रेस्टोरेंट की…लेकिन ऐसा नहीं है। यहां बात हो रही है कि खाटूश्यामजी मेले में लगाए भंडारों की।
रींगस से खाटू के बीच जगह-जगह भक्तों के लिए भंडारे लगाए गए हैं। इन भंडारों में फास्ट फूड से लेकर साउथ इंडियन डिशेज प्रसाद के तौर पर वितरित की जा रही हैं।
कई भंडारों में 500 से भी ज्यादा लोग 24 घंटे सेवा दे रहे हैं। बाबा की ऐसी आस्था है कि किसी ने ब्याज पर रुपए लेकर भंडारा लगाया तो कहीं सब्जी विक्रेता और ऑटो चलाने वाले रोज 500 किलो फलों का प्रसाद श्याम भक्तों को बांट रहे हैं।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
खाटू मेले में श्याम भक्तों की सेवा के लिए सैकड़ों भंडारे लगाए गए हैं।
पांडाल में एक तरफ पिज्जा, डोसा के काउंटर, दूसरी तरफ दाल-रोटी
रींगस से 7 किमी चलने पर श्री श्याम परिवार संघ पंजाब का भंडारा आता है। पांडाल के बाहर मेडिकल कैंप लगाया जा रहा है। पांडाल बाहर से देखने में जितना बड़ा दिखता है, अंदर से उतना ही भव्य।
बिल्कुल सामने श्याम बाबा का दरबार सजा हुआ है, जहां भजन-कीर्तन होते हैं। पौने दो बीघा जमीन पर बनाए पांडाल के दोनों तरफ खाने के काउंटर लगाए गए हैं।
एक तरफ फास्ट फूड की साउथ और नॉर्थ इंडिया वैरायटी भक्तों को परोसी जा रही है। भक्तों को पिज्जा, डोसा, चिल्ला, टिक्की समोसा, दही भल्ला, कांजी भल्ला, ब्रेड पकोड़ा, पानी पूरी, जलेबी, पॉपकॉर्न, भेल पूरी प्रसादी दी जा रही है। दूसरी तरफ के काउंटर पर दाल, सब्जी,रोटी और चावल का प्रसाद है।
मेले में लगाए गए भंडारों में साउथ इंडियन सहित कई तरह के जायकों से भक्तों की सेवा की जा रही है।
26 साल पहले की पूड़ी-सब्जी से भंडारे की शुरुआत
पंजाब के बठिंडा निवासी राजीव शर्मा श्याम परिवार संघ के महामंत्री हैं। उन्होंने दावा किया कि रींगस-खाटू रोड पर 1999 में सबसे पहला भंडारा टैंट लगाकर इसी संस्था ने शुरू किया था। उस समय इस मार्ग पर भक्तों के लिए पानी तक की सुविधा नहीं थी।
550 सदस्य देते हैं सेवा : राजीव शर्मा ने बताया- पंजाब से ही ट्रकों में कच्ची सामग्री लोड कर यहां लाई जाती है। भंडारे के लिए सब्जियां और दूध यहां से खरीदते हैं। दस ट्रकों में सामान और लेबर को लेकर आया जाता है। 300 लोग खाना बनाते हैं। वहीं संस्थान के 250 सदस्य अलग-अलग पारी में 24 घंटे सेवा देते हैं।
इस भंडारे में ड्राईफ्रूट्स-बादाम शेक से भक्तों का स्वागत
इसी मार्ग पर 1 किलोमीटर दूर श्री श्याम गौसेवा सत्संग मंडल मनोहरपुर का पांडाल सजा हुआ है। यहां भक्तों का स्वागत इत्र छिड़ककर किया जाता है। इसके लिए अलग से टैंकर मंगवाया हुआ है।
यहां आने के बाद भक्तों की मनुहार मखाने, बादाम, किशमिश, काजू से की जाती है। बादाम शेक पिलाया जाता है। भक्तों का यहां सुबह से लेकर रात तक तांता लगा रहता है।
ड्राईफ्रूट्स के अलावा पनीर टिक्का, चाउमीन, पॉपकॉर्न, डोसा, स्प्रिंग रोल, पनीर रोल, रेड और व्हाइट पास्ता और कुल्फी के काउंटर भी हैं। भोजन में पूड़ी सब्जी, नान, रोटी, सब्जी,दाल, रायता, गुलाबजामुन, लड्डू, चावल परोसे जा रहे हैं।
श्री श्याम गौसेवा सत्संग मंडल के भंडारे में ड्राइफ्रूट्स से भक्तों का सत्कार किया जा रहा है।
400 लोग दे रहे हैं सेवा : संस्था के सदस्य योगेश गुप्ता से जब पूछा कि कितने लोग दिनभर में आते हैं और कितना खर्चा होता है तो उनका कहना था कि इसका न तो आकलन किया जाता है न ही अंदाजा लगाया जाता है।
हालांकि उन्होंने बताया कि भंडारे में रोज दस क्विंटल सब्जी, पंद्रह क्विंटल से ज्यादा आटा, अस्सी किलो दाल, पांच क्विंटल शक्कर, दो हजार लीटर दूध का उपयोग हो रहा है। वहीं रोज बीस से पच्चीस हजार पानी की बोतलें भी भक्तों को दी जा रही है।
गोलगप्पे, छाछ-राबडी और बेजड़ की रोटी से भक्तों की सेवा
जयपुर से चौमूं रोड पर बड़ा पीपल क्षेत्र में हाईवे के पास श्याम रो ठिकाणो नाम से भंडारा लगाया गया है। एंट्री पर ही सबसे पहले गोलगप्पे का काउंटर है। पांडाल के अंदर पूड़ी, आलू की सब्जी, मिर्ची के टपोरे, छाछ, भुजिया, हलवे का काउंटर लगा हुआ था। पांडाल चलाने वाले आशीष गोयल ने बताया कि 24 साल से भंडारा लगा रहे हैं।
भंडारों में जलेबी तो कहीं लड्डू से भक्तों का मुंह मीठा कराया जा रहा है।
3 दिन करते हैं भक्तों की सेवा : आशा ने बताया कि पहले मेले में पदयात्रा पर जाते थे। बीच में ऐसा हुआ कि यात्रा में जाना नहीं हुआ। फिर भाव आया कि यात्रा में नहीं जा पा रहे तो भक्तों की सेवा के लिए ही कुछ करना चाहिए।
इसके बाद भंडारा लगाना शुरू किया। आशीष का फोटो फ्रेम का काम है। मेले में 3 दिन भंडारा लगाते हैं। पूड़ी सब्जी के अलावा बेजड़ की रोटी, छाछ-राबड़ी, टिक्कड़ भी प्रसाद के रूप में परोसे जाते हैं।
रोज पांच सौ किलो से ज्यादा फल का वितरण
राजावास से पहले श्री श्याम सेवा समिति की ओर से भंडारा लगाया गया है। भंडारे में पूड़ी- सब्जी, रायता और खीर की प्रसादी है। साथ ही केले और संतरे भी वितरित किए जा रहे हैं।
इस भंडारे के आयोजनकर्ता ऑटो चालक,सब्जी विक्रेता, कारीगर और अन्य लोग हैं। सभी जयपुर के सोडाला के रहने वाले हैं। तीन साल से भंडारा लगा रहे हैं।
आयोजनकर्ता ऑटो ड्राइवर रंजीत सिन्हा ने बताया- पहले सभी मिलकर बाबा के दर्शन करने जाते थे। इसी दौरान भंडारा लगाने का विचार आया। उन्होंने बताया भंडारे में 50 लोगों की टीम काम में लगती है।
रोज 500 किलो फलों का प्रसाद भक्तों को वितरित करते हैं। इसी पंडाल से कुछ दूरी पर युवाओं ने एक और पांडाल लगाया हुआ था जहां भक्तों को गन्ने का जूस, आईसक्रीम और ककड़ी वितरित की जा रही थी।
ऑटो चलाने वाले, सब्जी विक्रेताओं ने भी भंडारा लगाया है। भोजन के अलावा रोज 500 किलो फल वितरित किए जा रहे हैं।
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