पांच गांवों को नगरपरिषद सीमा में शामिल करने की मांग: पकोड़ी की ढाणी, कालेरी ढाणी, जीवाराम की ढ़ाणी, बुडाना और सोती को भी करें शामिल – Jhunjhunu News h3>
पांच गांवों को नगरपरिषद सीमा में शामिल करने की मांग
नगर निकायों में दोबारा परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होते ही भागदोड़ शुरू हो गई है। झुंझुनूं शहर से सटे गांवों को नगरपरिषद सीमा विस्तार में शामिल करने की मांग की गई है। इस संबंध में शुक्रवार को पंचायत समिति सदस्य दिनेश सैनी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जिल
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जिसमें पकोड़ी की ढाणी, कालेरी ढाणी, जीवाराम की ढ़ाणी, बुडाना और सोती को झुंझुनूं नगरपरिषद की सीमा में सम्मलित करने की मांग की है।
पंचायत समिति सदस्य दिनेश सैनी ने बताया कि इन गांवो को नगरपरिषद में शामिल करने से इनका विकास हो सकेगा। जनहित को आधारभूत सुविधाओं का लाभ मिलेगा। इस दौरान मुरारी सैनी, अशोक प्रजापत, सुमेर कुमार सैनी, रोहन गोपाल सैनी, संदीप चांवरिया, सुमेर सैनी समेत अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।
गौरतलब है कि जिले के सभी 18 नगर निकायों का नए सिरे परिसीमन हो रहा हैं। इससे पहले दो बार परिसीमन का प्रस्ताव बन चुका है। लेकिन स्वायत्त शासन विभाग ने अब नए सिरे प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं इसमें नवगठित निकायों के साथ फरवरी 2026 तक कार्यकाल पूरा करने वाले सभी शहरी निकायों शामिल किया गया है।
16 फरवरी से प्रक्रिया शुरू हो गई थी, 15 मई तक पूरी होगी। 16 फरवरी से 20 मार्च तक 33 दिन में वार्ड निर्धारण व परिसीमन प्रस्ताव तैयार कर प्रकाशित किए जाएंगे। नगर निकाय के प्रस्ताव पर 21 मार्च से 10 अप्रैल तक 21 दिन में आपत्ति व संशोधन सुझाव लेंगे। राज्य सरकार को नगर निकाय के परिसीमन प्रस्ताव 11 अप्रैल से 1 मई तक भेजे जाएंगे। जिनको लेकर 2 मई से 15 मई तक राज्य अनुमोदन व मंजूरी देगी।
स्वायत्त शासन विभाग ने नए परिसीमन निर्देश में शहरी निकाय में 2011 की जनगणना को आधार बनाया हैं। इसके आधार पर ही वार्डों की संख्या तय होगी। वहीं इसी अनुपात के आधार पर वार्ड में आबादी तय कर ब्लॉक गठित किए जाएगे। निकाय के सभी वार्डों की जनसंख्या का अनुपात समान करने के लिए 15 प्रतिशत का फार्मूला तैयार किया हैं। जिसमें एक वार्ड में अनुपात का 15 प्रतिशत अधिक या कम जनसंख्या शामिल होगी। किसी भी परिस्थिति में इस सीमा का उल्लंघन नहीं होगा। नगरीय निकायों की सीमा वृद्धि में पूरे राजस्व ग्राम को शामिल करना होगा। वार्ड की सीमा सड़क या गली के आधार पर निर्धारित होगी। वार्डों का गठन लंबे या सड़क के आकार के रूप में नहीं होगा। नगरपालिका के वार्डों के गठन में प्रशासनिक, जलदाय, सार्वजनिक विभाग व डिस्कॉम के क्षेत्र को ध्यान में रखने के निर्देश दिए गए हैं। नगर निकाय में वार्डों का संख्यांकन नगर निकाय के उत्तर पश्चिमी कोने से एंटी क्लॉकवाइज चक्रीय क्रम में किया जाएगा।
फरवरी 2026 तक कार्यकाल पूरा करने वाले सभी निकायों में होगा परिसीमन
नए निर्देश के मुताबिक जिले में नवंबर 2024 से फरवरी 2026 तक कार्यकाल पूरा करने वाले सभी शहरी निकायों में परिसीमन होगा। इसमें झुंझुनूं नगर परिषद, बिसाऊ, पिलानी, विद्याविहार, उदयपुरवाटी, गुढ़ागौड़जी, नवलगढ़, मुकुंदगढ़, मंडावा, बगड़, चिड़ावा, सूरजगढ़ में नए सिरे से परिसीमन होगा। इसके अलावा जिले की नवगठित पांच नगरपालिकाओं पौंख, सिंघाना, जाखल, डूंडलोद और सुलताना में भी परिसीमन व वार्ड सीमांकन का काम होगा।
तीसरी बार बनेगा परिसीमन प्रस्ताव
झुंझुनूं नगर परिषद में परिसीमन को लेकर दो बार प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं। नवंबर 2024 में कार्यकाल समाप्त होने पर दिसंबर में परिसीमन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। जिसमें पैराफेरी के 6 गांवों को शामिल करते हुए परिसीमन प्रस्ताव तैयार किया था। जिसका 20 जनवरी को प्रकाशन होना था। लेकिन उसके बाद राज्य सरकार के नए सिरे से शहरी निकायों में सीमा वृद्धि के प्रस्ताव तैयार के निर्देश आ गए। इसके बाद नगर परिषद पैराफेरी के 16 गांवों के साथ 23 गांवों को शामिल करने का नया परिसीमन प्रस्ताव के आधार वार्ड सीमांकन का काम पूरा कर रही थी। इसका 15 फरवरी को प्रकाशन होना था। उससे पहले ही स्वायत्त शासन विभाग ने नए सिरे से परिसीमन के निर्देश जारी कर दिए।