धर्मांतरण-खतना केस में 3 दोषियों को 10-10 साल सजा: बच्चे के पिता ने कराई थी FIR; बेटे को लेकर प्रेमी के पास चली गई थी पत्नी – Barmer News h3>
तस्वीरों में आरोपी इलियास अहमद, प्रार्थना शिवहरे और अनाज व्यापारी महेश नाहटा।
8 साल के बच्चे के जबरन धर्मांतरण और खतना करने के मामले में इंदौर (मध्यप्रदेश) की कोर्ट ने मां समेत 3 लोगों को 10-10 साल की सजा सुनाई है। बच्चे के पिता बाड़मेर (राजस्थान) निवासी अनाज व्यापारी महेश नाहटा ने जुलाई 2023 में इंदौर के खजराना थाने में जबरन ध
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दरअसल, अनाज व्यापारी की पत्नी प्रार्थना शिवहरे (27) तीन साल के बेटे को लेकर 2018 में फरार हो गई थी। वह अपने प्रेमी इलियास अहमद (33) निवासी इंदौर के पास चली गई थी। 2023 में 8 साल के बच्चे का उन्होंने मोहम्मद जफर अली (37) निवासी शाजापुर के सहयोग से धर्मांतरण व खतना कराया था। इसी मामले में इंदौर कोर्ट ने मंगलवार (18 फरवरी) को प्रार्थना, इलियास और जफर को 10-10 साल की सजा सुनाई है।
तस्वीर में प्रार्थना, अनाज व्यापारी महेश नाहटा और उनका बेटा।
7 साल पहले बेटे को लेकर फरार हो गई थी पत्नी
बाड़मेर के अनाज व्यापारी महेश नाहटा ने बताया- जून 2014 में मेरी शादी शाजापुर (मध्य प्रदेश) निवासी प्रार्थना से हुई थी। अगले साल 2015 में बेटा हुआ। तीन साल बाद 25 फरवरी 2018 को मैं पत्नी और बेटे के साथ शाजापुर में एक सगाई कार्यक्रम अटैंड करने गया था।
कार्यक्रम से अपने गांव सिवाना (बाड़मेर, राजस्थान) लौटते वक्त पत्नी और बेटा रतलाम (मध्य प्रदेश) के आगे सालाखेड़ी गांव में बस से लापता हो गए। दोनों की गुमशुदगी रतलाम थाने में दर्ज कराई।
इलियास इंदौर का रहने वाला है। प्रार्थना और उसके बेटे के साथ वह इंदौर में ही रह रहा था।
पिता को पता चला, बेटे को खतना करा दिया
रतलाम पुलिस ने इलियास को शादीशुदा महिला को भगाने के आरोप में जेल में बंद कर दिया। प्रार्थना बेटे को लेकर अपने पीहर शाजापुर चली गई। इलियास जेल से छूटा तो उसने फिर से प्रार्थना से संपर्क किया और उसे अपने पास बुला लिया। मैंने प्रार्थना से कहा कि बेटे को मेरे पास रहने दे। लेकिन वह नहीं मानी और बेटे को लेकर इलियास के पास चली गई।
वे लोग कहां चले गए, मुझे नहीं पता। मैं उन्हें ढूंढता रहा। काफी समय तक कुछ पता नहीं चला। मैंने शाजापुर कोर्ट में मैंने बेटे की अभिरक्षा को लेकर आवेदन दिया। शाजापुर पुलिस को भी उनका (प्रार्थना-इलियास) पता नहीं मिला, इस कारण वारंट तामील नहीं हो पाया।
महेश ने बताया- 2023 में पता चला कि प्रार्थना इंदौर (मध्य प्रदेश) में खजराना की रजा कॉलोनी में इलियास के साथ रह रही है। यहां उसने मेरे बेटे का खतना करा दिया है। इलियास ने खुद को बच्चे का पिता बताकर नाम और जन्म प्रमाण पत्र भी बदलवा दिए हैं। जबरन मजहबी स्कूल (मदरसा) में एडमिशन करा दिया। इसके बाद मैंने जुलाई 2023 में इंदौर के खजराना थाने में मामला दर्ज कराया था।
इंदौर का खजराना थाना।
धर्म परिवर्तन को लेकर रैकेट काम कर रहा
महेश ने खजराना पुलिस को बताया था- पत्नी प्रार्थना और आरोपी इलियास दोनों शाजापुर के रहने वाले हैं। वे पहले से एक-दूसरे को जानते हैं।
इलियास के साथ धर्म परिवर्तन को लेकर एक पूरा रैकेट काम कर रहा है। इलियास के पिता पर भी शाजापुर में केस दर्ज था। इलियास का परिवार सिलाई का काम करता था। बाद में इलियास शाजापुर से इंदौर जाकर रहने लगा।
इलियास और उसके साथी हिंदू लड़कियों और महिलाओं को फंसाते हैं। वे उनके साथ उनके बच्चों का भी जबरन धर्मांतरण कराते हैं। इलियास का चचेरा भाई सरफराज और रिश्तेदार सईद हाफिज अहमद पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के सक्रिय सदस्य हैं। वे दोनों जेल भी जा चुके हैं।
एक दिन इलियास ने मुझे मोबाइल पर कॉल किया। धमकी देते हुए कहा- पत्नी और बेटे को सही सलामत चाहते हो तो 5 लाख रुपए दे दो और दोनों को ले जाओ। मैंने डेढ़ लाख रुपए देने की बात कही तो इलियास तैयार भी हो गया। इसके बाद उसने मुझे कोई कॉल नहीं किया। इसे लेकर मैंने सिवाना (बाड़मेर) में भी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मध्य प्रदेश की शाजापुर कोर्ट में प्रार्थना के खिलाफ तलाक की अर्जी भी दी थी।
बाड़मेर के अनाज व्यापारी महेश नाहटा बीते 8 साल से लगातार पुलिस और कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। मंगलवार को इंदौर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया।
इन धाराओं में सुनाई गई सजा
कोर्ट ने तीनों आरोपियों को धारा 467 एवं 471 में 10-10 साल के सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपए के जुर्माना, धारा 5 धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 में 7-7 साल के सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए के जुर्माने जबकि धारा 420 और 468 में 5-5 साल के सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
इलियास की गिरफ्तारी के साथ ही बेटे की कस्टडी पिता महेश को मिल गई थी। एक मंदिर में बेटे के साथ व्यापारी महेश नाहटा।
बेटे की कस्टडी मिली तो पहुंचे भगवान की शरण
महेश का बेटा 3 साल का था, जब मां उसे लेकर इलियास के पास चली गई थी। इसके बाद पिता महेश नाहटा ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। पत्नी को तो वह वापस नहीं ला सके लेकिन बेटे के जबरन धर्मांतरण और खतना होने का पता चला तो पुलिस और कोर्ट की मदद ली।
15 जुलाई 2023 को इलियास को गिरफ्तार कर लिया गया और इस गिरफ्तारी के 5 दिन बाद 20 जुलाई 2023 को कोर्ट के आदेशानुसार बेटे की कस्टडी पिता को दे दी गई। पिता महेश नाहटा बेटे को लेकर राजस्थान आए और मंदिर ले गए।