मणिपुर में CRPF जवान ने साथियों पर फायरिंग की: 3 की मौत, फिर खुद को गोली मारी, घटना में 8 जवान घायल; वजह अभी साफ नहीं

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मणिपुर में CRPF जवान ने साथियों पर फायरिंग की:  3 की मौत, फिर खुद को गोली मारी, घटना में 8 जवान घायल; वजह अभी साफ नहीं

मणिपुर में CRPF जवान ने साथियों पर फायरिंग की: 3 की मौत, फिर खुद को गोली मारी, घटना में 8 जवान घायल; वजह अभी साफ नहीं

इंफाल19 मिनट पहले

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घटना में 8 जवान घायल हुए हैं। सभी को RIMS में भर्ती कराया गया है।

मणिपुर के एक कैंप में गुरुवार में एक CRPF जवान ने अपने साथियों पर फायरिंग कर दी और फिर खुद को भी गोली मार ली।। घटना में 3 जवानों की मौत हो गई और 8 घायल हो गए। सभी को इम्फाल के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) में भर्ती कराया गया है।

इम्फाल वेस्ट जिले के लामफेल स्थित CRPF कैंप में गुरुवार रात करीब 8:20 बजे यह घटना हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी हवलदार संजय कुमार ने अपनी सर्विस राइफल से गोलीबारी की, जिसमें एक कॉन्स्टेबल और एक सब-इंस्पेक्टर की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद उसने खुद को भी गोली मार ली, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

आरोपी जवान CRPF की 120वीं बटालियन का सदस्य था। फिलहाल घटना के कारणों की जांच की जा रही है। CRPF की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

घटना में एक कॉन्स्टेबल और एक सब-इंस्पेक्टर की मौके पर ही मौत हो गई।

CRPF के अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया

अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में क्या वजह थी, यह जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगा। CRPF के अधिकारी कैंप में पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। जवानों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्य क्षेत्र में तनाव को कम करने के उपायों पर भी विचार किया जा सकता है।

असम राइफल्स के जवान ने साथियों पर फायरिंग की थी

पिछले साल 23 जनवरी 2024 को भी मणिपुर के चंदेल जिले के साजिक टैम्पक में असम राइफल्स के एक जवान ने अपने 6 साथियों पर फायरिंग कर दी थी। इसके बाद उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।

तब असम राइफल्स के IG ने कहा था- इसका मणिपुर में चल रही हिंसा से कोई लेना देना नहीं है। ये मणिपुर में शांति बनाए रखने के लिए एक साथ काम कर रहे थे।

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया, 9 फरवरी को CM ने इस्तीफा दिया था

मणिपुर में केंद्र सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रपति शासन लगा दिया। यह फैसला मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के 4 दिन बाद लिया गया। सिंह ने 9 फरवरी को गवर्नर को इस्तीफा सौंपा था।

राज्य में 21 महीने (3 मई 2023) से जारी जातीय हिंसा के चलते 300 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

इसी के चलते बीरेन पर इस्तीफे का काफी दबाव था। विपक्षी पार्टियां भी लगातार NDA से इस मुद्दे पर सवाल पूछ रही थीं।

केंद्र की तरफ से लगाए गए राष्ट्रपति शासन का आधिकारिक लेटर।

राहुल बोले- PM को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा, जान-माल के नुकसान के बावजूद पीएम मोदी ने एन बीरेन सिंह को पद पर बनाए रखा। लेकिन अब लोगों की तरफ से बढ़ते दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की वजह से एन बीरेन सिंह इस्तीफा देने को मजबूर हो गए।

X पोस्ट में उन्होंने कहा कि इस वक्त सबसे जरूरी बात यह है कि राज्य में शांति बहाल की जाए और मणिपुर के लोगों के घावों को भरने का काम किया जाए। पीएम मोदी को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए, वहां के लोगों की बात सुननी चाहिए और यह बताना चाहिए कि वे हालात सामान्य करने के लिए क्या योजना बना रहे हैं।

लीक ऑडियो क्लिप में CM पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था

3 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा पर सुनवाई की थी। कुकी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट (KOHUR) की तरफ से कोर्ट में याचिका दाखिल करके कुछ ऑडियो क्लिप्स की जांच की मांग की थी। दावा किया गया था कि ऑडियो में CM कथित तौर पर कह रहे हैं कि उन्होंने मैतियों को हिंसा भड़काने की अनुमति दी और उन्हें बचाया।

याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा- जो टेप सामने आए हैं, वे बहुत गंभीर हैं। इस पर CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने मणिपुर सरकार से कहा कि सुनिश्चित करिए कि ये एक और मुद्दा न बने। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) से सीलबंद लिफाफे में 6 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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मणिपुर में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बाद सुरक्षाबलों ने इंफाल ईस्ट और कांगपोकपी जिलों में बने बंकरों को नष्ट किया। ये बंकर थम्नापोकपी और सनसाबी गांवों की सीमा से लगे इलाकों में बनाए गए थे। जहां से पहाड़ियों पर रहने वाले बंदूकधारी निचले इलाकों के गांवों पर हमला कर रहे थे। इसके अलावा 5 दिनों से सेना-पुलिस का जॉइंट सर्च ऑपरेशन भी चल रहा था। पूरी खबर पढ़ें…

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