मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल सम्बल योजना-2024: दुर्लभ बीमारियों से ग्रसित बच्चों को मिलेगा 50 लाख तक का मुफ्त इलाज, हर महीने मिलेंगे 5 हजार रुपए – Bhilwara News h3>
प्रदेश में दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे बच्चों का 50 लाख तक का इलाज फ्री हो सकेगा। मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल सम्बल योजना 2024 के तहत यह इलाज होगा। इसमें उपचार, देखभाल एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।
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जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधू ने सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल संबल योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार कर आमजन को जागरूक करने के निर्देश दिए। साथ ही योजना के अंतर्गत पात्र लोगों को अधिकाधिक संख्या में लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के अधिकारी नूतन कुमार ने बताया-जिन बच्चों की उम्र 18 वर्ष से कम है। वे केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति 2021 के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं। उनके पालनकर्ता को दुर्लभ बीमारियों से ग्रसित बच्चों के उपचार, पालन पोषण एवं अन्य सुविधाओं के लिए 50 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इसके अंतर्गत उनको 5 हजार रुपए भी प्रतिमाह दिया जाएगा। इनको राशि विभाग के अंतर्गत निधि (जिसमें राज्य सरकार की ओर से अनुदान, क्राउड फंडिंग, दान दाताओं एवं सीएसआर से प्राप्त राशि) से प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया दुर्लभ बीमारी का प्रमाण पत्र एम्स जोधपुर एवं जेके लोन अस्पताल के सक्षम अधिकारी का ही मान्य होगा।
इस तरह करना होगा आवेदन
उन्होंने बताया- योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए मरीज के पालनकर्ता को ईमित्र अथवा खुद की एसएसओ आईडी से सभी तरह की जानकारियों के साथ समाज कल्याण विभाग में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जिसको संबंधित जिले के सीएमएचओ की ओर से पुष्टि की जाएगी।
उसके पश्चात उसके सभी दस्तावेज को एम्स जोधपुर एवं जेके लोन जयपुर भेजा जाएगा। जहां से उसको प्रत्यक्ष उपस्थित होने की सूचना दी जाएगी और उसके चिकित्सकीय परीक्षण के पश्चात उसकी बीमारी का सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा और उसके पश्चात उसके दिए गए बैंक खाते में राशि हस्तांतरित हो जाएगी।
ये बीमारियां है शामिल
इसके अंतर्गत 56 तरह की दुर्लभ बीमारियां हैं। इनमें डचेन मस्कुलर डिस्टॉफी, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी, लारोन सिंड्रोम, हाइपोफॉस्फेटेसिया, एड्रिनोल्यूकोडिस्ट्राफी, आस्टियोपेट्रोसिस, फैनकोनी एनीमिया, टाइरोसीनिमिया, एआरपीकेडी, एपीडीपीकेडी सहित कई अन्य बीमारियां शामिल हैं।