एकल पट्टा मामला: सरकार ने समय मांगा, हाई कोर्ट बोला- सुप्रीम कोर्ट से जल्द निपटारे का आदेश लाए, यहां समय मांग रहे – Jaipur News

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एकल पट्टा मामला:  सरकार ने समय मांगा, हाई कोर्ट बोला- सुप्रीम कोर्ट से जल्द निपटारे का आदेश लाए, यहां समय मांग रहे – Jaipur News

एकल पट्टा मामला: सरकार ने समय मांगा, हाई कोर्ट बोला- सुप्रीम कोर्ट से जल्द निपटारे का आदेश लाए, यहां समय मांग रहे – Jaipur News

पूर्व मंत्री शांति धारीवाल से जुड़े चर्चित एकल पट्टा मामले में सोमवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस एमएम श्रीवास्तव ने टिप्पणी करते हुए एएसजी ए.वी. राजू को कहा कि एक तरफ तो सरकार सुप्रीम कोर्ट से मामले

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हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की उस रिवीजन याचिका को भी फिलहाल वापस लेने की मंजूरी नहीं दी, जिसमें एसीबी कोर्ट के आरोपियों के खिलाफ दी गई अभियोजन स्वीकृति को वापस लेने से मना कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा कि वे इस रिवीजन याचिका को मेरिट पर तय करेंगे। अदालत ने मामले में अंतिम सुनवाई 19 मार्च को तय करते हुए सरकार को मामले से जुड़े अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने का समय दे दिया।

मामले में सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थी रहे अशोक पाठक को इंटर्वीनर बनने की मंजूरी देते हुए अर्जी दायर करने के लिए कहा है। पाठक ने मामले में खुद का वकील बदलने के लिए कहा तो अदालत ने फटकार लगाते हुए कहा कि केस की जल्द सुनवाई करनी है, वकील अभी तक क्यों नहीं बदला।

एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि सरकार ने दो अर्जियां दायर की हैं। इनमें कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्ट्स अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थीं और इसके चलते पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को बरी कर दिया। इसकी जांच के लिए गठित हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस राठौड़ की कमेटी ने भी इस मामले की समीक्षा की थी और प्रारंभिक रिपोर्ट में कई गंभीर खामियां बताई थीं। ऐसे में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने में गंभीर चूक हुई थी, जिससे महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ठोस सबूतों की अनदेखी की गई।

रिवीजन याचिका वापस लेने पर पक्षकारों ने जताई आपत्ति

सुनवाई के दौरान एएसजी ने अदालत से कहा कि वे रिवीजन याचिका को वापस लेना चाहते हैं। इस पर अदालत ने कहा कि वे इसे मेरिट पर तय करेंगे। पूर्व आईएएस जीएस संधू व अन्य पक्षकारों की ओर से अधिवक्ता एसएस होरा ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वे इस रिवीजन याचिका में जवाब देंगे।

पक्षकारों की ओर से कहा गया कि ट्रायल कोर्ट में लोक अभियोजक के जरिए अभियोजन मंजूरी को वापस लेने की अनुमति मांगी गई थी, जबकि यहां पर सरकार ने रिवीजन याचिका दायर की है। ऐसे में सरकार को रिवीजन याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है। सरकार केवल राजनीतिक कारणों से ही केस को जारी रखना चाह रही है।

कोर्ट रूम- लाइव- मेरिट पर तय करेंगे : कोर्ट

सरकार के एएसजी एस.वी. राजू- मामले से जुड़े कुछ अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने हैं, आगामी सुनवाई के लिए समय दिया जाए। सीजे- आप इस मामले में क्या स्थगन के लिए आएं हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट से ही जल्द निस्तारण का आदेश लाए हैं, अब समय मांग रहे हैं। एएसजी- यदि आप मामले से जुड़े अतिरिक्त दस्तावेज नहीं देखना चाह रहे हैं तो मैं आज ही अंतिम बहस करने के लिए तैयार हूं। सीजे- हम समय दे रहे हैं।एएसजी- रिवीजन याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए। सीजे- अभी वापस लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती, मेरिट पर तय करेंगे।

2023 में सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा था-कार्रवाई चाहते हैं सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर 2024 को राजस्थान हाई कोर्ट के 15 नवंबर 2022 व 17 जनवरी 2023 के उन आदेशों को रद्द कर दिया था, जिनमें पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल व पूर्व आईएएस जीएस संधू सहित जेडीए के तत्कालीन अफसरों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई खत्म कर दी थी।

मामले को समीक्षा के लिए वापस हाई कोर्ट के सीजे को भिजवाते हुए कहा कि वे इसमें नए सिरे से सुनवाई कर छह महीने में फैसला दें। राज्य सरकार को भी कहा कि वह मामले में हाई कोर्ट को सहयोग करे। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दिए जवाब में कहा था कि मामले में अपराध बनना पाया है और वह कार्रवाई चाहती है। इस पर अदालत ने कहा कि जो भी कहना है हाई कोर्ट में कहे।

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