शहर के कई बड़े व्यापारियों को डराकर वसूलने की साजिश: बांसवाड़ा पुलिस ने पहले ही आरोपियों को किया गिरफ्तार, एक आरोपी ने पुलिस की रिमांड में किया खुलासा – Banswara News

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शहर के कई बड़े व्यापारियों को डराकर वसूलने की साजिश:  बांसवाड़ा पुलिस ने पहले ही आरोपियों को किया गिरफ्तार, एक आरोपी ने पुलिस की रिमांड में किया खुलासा – Banswara News

शहर के कई बड़े व्यापारियों को डराकर वसूलने की साजिश: बांसवाड़ा पुलिस ने पहले ही आरोपियों को किया गिरफ्तार, एक आरोपी ने पुलिस की रिमांड में किया खुलासा – Banswara News

राज तालाब थाना पुलिस ने गिरफ्तार किए आरोपी।

शहर के अगरपुरा में 21 दिसंबर 2024 को सास को गोली मारने वाले आरोपी अजय भोई को पिस्टल मुहैया कराने वाले आरोपी दीपक भाटिया ने पुलिस रिमांड में सनसनीखेज खुलासा किया है। उसने अजय को पिस्टल शहर के न्यू लुक स्कूल के मालिक दीप कोठारी पर फायरिंग करने के लिए द

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इसके लिए अजय भोई को 5 लाख रुपए में सुपारी दी थी। फायरिंग का स्थान डूंगरपुर रोड पर लोधा दरगाह तय किया था। फायरिंग 19 दिसंबर को करनी थी, लेकिन 19 और 20 दिसंबर को कोठारी अपनी कार से वहां से गुजरे नहीं। तीसरे दिन 21 दिसंबर को अजय और उसके दो साथी लोधा दरगाह पर कोठारी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उसकी किस्मत अच्छी थी कि वो उस दिन भी नहीं आया। इससे अजय गुस्से में आ गया था। इसी गुस्से में वो अपने दोनों साथी सोयम और भाविक वैष्णव के साथ स्पोर्ट्स बाइक से अरगपुरा अपने ससुराल आया। सास नंदा से उसकी पत्नी की दूसरी शादी कराने को लेकर झगड़ा पहले से चल रहा था। गुस्से में वे लोग दरवाजे पर बैठी सास नंदा पर तीन गोलियां चलाकर फरार हो गए थे। पुलिस पूछताछ में एक और खुलासा हुआ है कि कोठारी को डराने के बाद उनका दूसरा टारगेट शहर के ही पीएम ज्वेलर्स के मालिक थे। साजिश रचने का मुख्य आरोपी शहर के अरिहंत विहार, अगरपुरा निवासी प्रतीक शर्मा पुत्र हितेंद्र शर्मा है।

उसी ने दीपक भाटिया को इंदौर बुलाकर 8 कारतूसों के साथ पिस्टल दी थी और उसके कहे अनुसार उसने अजय को फायरिंग के तैयार किया था। अजय ने सास को गोली मारकर सीधा प्रतीक को फोन कर पूरी घटना बताई थी। प्रतीक ने तत्काल दीपक को फोन कर बोला था-अजय ने सब उल्टा कर दिया, अब तू बांसवाड़ा छोड़ दे, पुलिस की पकड़ में नहीं आना है। इसके बाद दीपक भाटिया अपनी पत्नी और बेटी को लेकर 21 दिसंबर की रात को ही निकल गया। दीपक भाटिया पुलिस से खुद को छिपाता हुआ सबसे पहले इंदौर पहुंचा। यहां से आगरा, लखनऊ और यहां से गोरखपुर के होटलों में रुका। गोरखपुर से नेपाल बॉर्डर पर बसे सुनोली गांव और सुनोली से भुटवल नेपाल पहुंचा। नेपाल के जिन-जिन जिले से पटना और यहां से जयपुर आया था। वो जहां-जहां रुका, वहां के होटलों का खर्चा उसके क्यूआर कोड पर प्रतीक ने ऑनलाइन पेमेंट किया था। करीब डेढ़ लाख रुपए कुल खर्च हुआ था। दीपक ने सबसे पहले प्लानिंग के लिए अजय और कालिका माता क्षेत्र निवासी मीतराज सिंह पुत्र दीपेश सिंह चंद्रावत को बुलाया था।

सभी आरोपी पहली बड़ी वारदात करने से पहले ​पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इनमें से अजय के खिलाफ बांसवाड़ा में अपहरण, हत्या, मारपीट समेत अन्य धाराओं में कई मामले दर्ज हैं। मुख्य आरोपी प्रतीक और उसके दो साथी अभी फरार हैं। पुलिस रिमांड पर दीपक भाटिया ने खुलासा किया है कि मुख्य आरोपी प्रतीक शर्मा बांसवाड़ा में रहने के साथ ही मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में भी रहता है। वह वहां पर पीडब्ल्यूडी की ठेकेदारी और खदानों का काम करता है। उसके साथ पन्ना के ही रणजीत और देवेंद्र नाम के व्यक्ति रहते हैं, ये मध्यप्रदेश में अपना दबदबा बताते हैं। काम के सिलसिले में ही उसकी प्रतीक से जान-पहचान हुई थी। 21 दिसंबर से 10 दिन पहले प्रतीक अपने दोनों साथियों के साथ बांसवाड़ा आया था, तीनों ने दीप कोठारी और पीएम ज्वेलर्स के मालिक की चार-पांच दिन रैकी की थी। 18 दिसंबर को प्रतीक से उसे समाई माता पहाड़ी पर बुलाया और अजय भोई से फायरिंग करने का सौदा तय करने की बात की। अजय ने 5 लाख रुपए मांगे, जो प्रतीक ने हामी भी दी थी। इसके बाद प्रतीक ने उसे इंदौर बुलाकर 8 कारतूस और पिस्टल दी थी।

उसने घटना के दो दिन पहले ही अजय को पिस्टल और फायरिंग करने का स्थान बताया था। इसी आधार पर वह रैकी कर रहे थे। 19-20 दिसंबर को फायरिंग करने के लिए इंतजार भी किया। प्रतीक ने दीपक को बताया कि कोठारी पर फायर करने के बाद और भी बड़ी-बड़ी फर्मों से वसूली और फिरौती लेनी है। बड़ी अच्छी वसूली होने पर प्रतीक ने दीपक को बांसवाड़ा में नया मकान बनाकर देने का भी वादा किया था। साजिश के अनुसार प्रतीक रैकी के लिए न्यू लुक स्कूल और उनके रॉयल केसरी गार्डन भी गया। वहां पर चौकीदार से स्कूल मालिक का मोबाइल नंबर लिया। उसके पास कोठारी की कार और इससे संबंधित फोटो और वीडियो थे, जो उसने दीपक को मोबाइल पर भेज दिए थे। इसी तरह उन्होंने पीएम गोल्ड के मालिक की भी रैकी की थी। प्रतीक को यह डर था कि दीपक पुलिस के हाथ लग जाएगा। इसलिए उसने उसको बाहर भेज दिया।

उसका पूरा खर्च भी प्रतीक ने ही उठाया। प्रतीक, अजय, दीपक, मितराज सिंह हमेशा मोबाइल पर बात करने की बजाय इंस्टाग्राम आईडी पर बात करते थे। अजय ने उसकी पत्नी गुंजन के नाम से एक आईडी बनाकर रखी थी। यह लोग उसी पर आपस में बातचीत करते थे। अब पुलिस ने इस मामले में प्रतीक, रणजीत, देवेंद्र, अजय, दीपक, मीतराज सिंह, सौयम और भाविक वैष्णव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 55 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

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