सरकार ने चार जातियों की संख्या कम कर दी: पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने लगाया आरोप, कहा- अधिकार का हो रहा हनन – Begusarai News h3>
पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने बिहार सरकार की जातीय जनगणना में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि बिहार की 4 मेजर जाति कोईरी, भूमिहार, राजपूत और ब्राह्मण की जनसंख्या सरकार ने जानबूझकर कम दिखाई है। जिससे कि उनके अधिकारों का हनन हो सके।
.
बेगूसराय में नागमणि ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने जो जातीय जनगणना कराया, उसमें सरकार ने समाज के साथ गुंडागर्दी की है। बिहार में कोईरी समाज की जनसंख्या 12 प्रतिशत है। नीतीश सरकार ने उसे कम करके मात्र 4.5 प्रतिशत कर दिया है।
नीति बनाई गई कि जिसकी जितनी जनसंख्या उसकी उतनी इतनी हिस्सेदारी, ऐसी स्थिति में हमारे समाज का गर्दन कट रहा है। मैं इसको बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं, इसलिए 23 फरवरी को पटना में होने वाले कोईरी आक्रोश महारैली को लेकर 5 महीने से बिहार के सभी जिला, प्रखंड और कोईरी समाज के सभी गांव-गांव में जाकर संगठित कर रहा हूं।
कोईरी समाज के लाखों लोग वहां जुटेंगे और उसी दिन नीतीश कुमार की राजनीति का अंत हो जाएगा। क्योंकि नीतीश सरकार का जो आधार वोट है, वह लव-कुश (कोईरी-कुर्मी) है। कुर्मी बिहार में मात्र 1.5 प्रतिशत है, कोईरी 12 प्रतिशत है। कोईरी समाज ने विरोध कर दिया तो नीतीश कुमार की राजनीति का अंत हो जाएगा।
पत्रकारों से बात करते नागमणि
सरकार ने और भी जाति की जनसंख्या में गड़बड़ी की
नीतीश कुमार की सरकार ने और भी जाति की जनसंख्या में गड़बड़ी की है। भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण की जनसंख्या 6 से 7 प्रतिशत है, उसे 2-3 प्रतिशत कर दिया गया है। कलाल जाति मुसलमान में आता है, उसे हिंदू में काउंट कर दिया। इसीलिए नीतीश कुमार की जो जातीय जनगणना है वह सिर्फ खानापूर्ति है।
देश के बड़े नेता राहुल गांधी ने भी पटना में कहा है कि बिहार में नीतीश सरकार की जातीय जनगणना बकवास है, खानापूर्ति है। ऐसा करने का एकमात्र उद्देश्य है कि बिहार की यह चारों मेजर जाति कोईरी, भूमिहार, राजपूत और ब्राह्मण से नीतीश कुमार को खतरा है। खासकर कुछ कोईरी समाज से खतरा है।
अगर इसे डिमोरलाइज नहीं करेंगे तो कल कह देगा कि हम 12 प्रतिशत थे तो हमारा मुख्यमंत्री हो। मुख्यमंत्री का पद खत्म हो जाएगा, इसलिए नीतीश कुमार का उद्देश्य है कि जितने भी मेजर कास्ट हैं उसको डिमोरलाइज करो। जिससे यह लोग हक और हिस्सा नहीं मांगे।
कोईरी समाज का हर व्यक्ति इस अपमान का बदला लेना चाहता
नीतीश कुमार की सरकार ने खास कर कोईरी समाज को जलील और अपमानित करने का काम किया है। जानबूझकर योजना के तहत हमें नीचा दिखाने का पूरा प्रयास किया गया है।
जिससे आज पूरे कोईरी समाज में जबरदस्त आक्रोश है। कोईरी समाज का हर व्यक्ति इस अपमान का बदला लेना चाहता है, जरूरत उन्हें एकजुट करने की है। प्रखंड से लेकर प्रदेश तक के 20 सूत्री में कोईरी समाज का प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। न कोई उप कुलपति है, न पब्लिक सर्विस कमीशन का सदस्य, न कॉलेज सर्विस कमीशन का सदस्य।
जो लोग नीतीश कुमार को लव कुश की सरकार बताते हैं, उसका उदाहरण के साथ पर्दाफाश कर रहा हूं जिससे कि कोईरी समाज के युवाओं और छात्रों के बीच गलतफहमी नहीं रहे। बिहार में वही समाज आगे बढ़ता है जिस समाज से मुख्यमंत्री बना, भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण, यादव, कुर्मी और पासवान समाज के मुख्यमंत्री बने हैं, तो यही समाज आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है।
समाज को उनका हक अधिकार दिलाने के लिए मैं लड़ रहा हूं, 15 अक्टूबर से कोईरी आक्रोश महारैली रथ का शुभारंभ शहीद जगदेव प्रसाद के शहादत स्थल कुर्था से किया गया और यह रथ पूरे बिहार के गांव-गांव में घूम रहा है। 23 फरवरी को गांधी मैदान पटना में कोईरी आक्रोश महा रैली होगी, जिसमें लाखों लोगों की भीड़ जुटेगी, हम अपना अधिकार लेकर रहेंगे।