Punjab: चार बहनों का इकलौता भाई, 45 लाख खर्च किए, US से डिपोर्ट जसकरण बोला- जिंदा लौट आया ये बड़ी बात

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Punjab: चार बहनों का इकलौता भाई, 45 लाख खर्च किए, US से डिपोर्ट जसकरण बोला- जिंदा लौट आया ये बड़ी बात

Punjab: चार बहनों का इकलौता भाई, 45 लाख खर्च किए, US से डिपोर्ट जसकरण बोला- जिंदा लौट आया ये बड़ी बात


अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटा जसकरण सिंह।
– फोटो : संवाद

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अमेरिका (यूएस) से डिपोर्ट हुए पंजाब के 30 लोगों में फगवाड़ा का युवक भी शामिल है। युवक अपने घर पहुंचा तो उसने मीडिया के सामने अपनी दर्द भरी दास्तां बयां की। 

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चार बहनों का इकलौता भाई डॉलर कमाने के हसीन सपने पूरे करने के लिए गैरकानूनी ढंग (डंकी रूट) से अमेरिका गया था। युवक ने 45 लाख रुपये खर्च एजेंट को दिए थे। उसे अमेरिका पहुंचने के लिए सात महीने लगे। लेकिन जब वह अमेरिका के बॉर्डर पर पहुंचा तो मात्र 9 दिन बाद ही उसे डिपोर्ट कर वापस पंजाब भेज दिया गया। युवक का कहना है कि पंजाब पहुंचते ही सारे सपने मिट्टी में मिल गए। गनीमत ये रही कि जान सलामत है। अब दूसरों से अपील करता हूं कि जाना है तो सही तरीके से जाओ। डंकी लगा कर नहीं। 

फगवाड़ा के गांव नानक नगरी चहेड़ू का जसकरण सिंह के पिता जोगा सिंह किसान हैं। जसकरण सिंह पहले अपने पिता के साथ खेती बाड़ी करता था। एजेंट के बहकावे में आकर 45 लाख रुपये में डंकी के जरिये अमेरिका भेजने की बात तय हुई।

25 जनवरी को बॉर्डर पर पकड़ा गया

जसकरण ने बताया कि एजेंट ने उसे यहां से 29 जुलाई को दुबई भेजा था। तीन महीने दुबई में रहा और वहां से अलग-अलग देशों से होते हुए 25 जनवरी को अमेरिका का बॉर्डर पार किया। इस दौरान साउथ अफ्रीका, ब्राजील, पेरू, बोलीविया, इक्वाडोर, पनामा से होते हुए कोस्टरीका, निकारागुआ, होंडरस, गोवाटेमाला, मैक्सिको पहुंचा। उसके बाद अमेरिका का बॉर्डर क्रॉस किया। बॉर्डर पर वह 25 जनवरी को पकड़ा गया और वहां की पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। 3 फरवरी को बाकी भारतीयों के साथ ही जसकरण को भी हथकड़ी लगाकर जहाज में बैठाकर भारत भेजा गया। 

बिस्कुट व चिप्स खाकर किया गुजारा

जसकरण ने बताया कि अमेरिका पहुंचने के लिए वह दूसरे देशों में किसी न किसी वाहन से ही चले। पनामा के जंगल में तीन दिन पैदल चले। इस दौरान खाने को भी ज्यादा कुछ नहीं था। बस बिस्कुट व चिप्स खाकर ही गुजारा किया।

बेटे को यहां नौकरी मिल जाती तो नहीं भेजता विदेश-पिता

सरपंच सरवन सिंह दियो ने कहा कि अमेरिका सरकार का भारतीयों को डिपोर्ट करने का तरीका ठीक नहीं था। उन्हें हथकड़ियां लगा कर, पैर बेड़ियों में जकड़ कर भूखे-प्यासे सेना के जहाज से लाया गया, जो कि जायज नहीं था। अमेरिका ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है जो कि किसी भी तरह मंजूर नहीं है। भारत सरकार को इस बारे में अमेरिका सरकार से विरोध जताना चाहिए। जसकरण के पिता जोगा सिंह ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि यदि बेटे को यहीं रोजगार मिल जाता तो वह कभी उसे विदेश भेजने की कोशिश न करते।

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