जनपद का बाबू सस्पेंड, सीईओ पर शासन लेगा एक्शन: बगैर अनुमोदन खर्च किया लाखों का बजट, खंडवा जिपं CEO ने कार्रवाई की – Khandwa News h3>
सीईओ जिला पंचायत डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा ने कार्रवाई की।
अनुचित तरीके से बजट की राशि खर्च करने के मामले में जनपद पंचायत के एक बाबू पर कार्रवाई हुई है। जनपद सीईओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए जांच प्रकरण तैयार कर इंदौर कमिश्नर के समक्ष रखा गया है, जहां से आगे की कार्रवाई होगी। दरअसल, विधायक की शिकायत पर सीईओ जिल
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मामला खंडवा जिले की छैगांवमाखन जनपद का है। यहां सीईओ के पद स्वर्णलता काजले पदस्थ है, इससे पहले वह पुनासा जनपद की सीईओ थी। जहां घाट घोटाले से सुर्खियों में आई थी, वह घोटाले में दोषी पाई गई थी। बावजूद शासन ने उन्हें छैगांवमाखन में सीईओ के पद पर बनाएं रखा।
ताजा मामला छैगांवमाखन जनपद का है, यहां जनपद की निधि को बगैर साधारण सभा के अनुमोदन के खर्च कर दिया गया। इस केस में पंधाना विधायक छाया मोरे ने सीईओ जिला पंचायत से शिकायत की।
जिपं सीईओ डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा ने जांच के आदेश दिए। जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई। इसी जांच के आधार पर सीईओ डॉ. गौड़ा ने जनपद के बाबू टीकमसिंह गौर को निलंबित कर दिया। वहीं सीईओ के खिलाफ जांच प्रकरण की रिपोर्ट शासन को भेजी है।
जनपद सीईओ स्वर्णलता काजले और बाबू टीकमसिंह गौर।
सदस्य, अध्यक्ष को बगैर जानकारी के खर्च कर दिया बजट
शिकायत में बताया गया कि जनपद सीईओ स्वर्णलता काजले और लिपिक टिकम सिंह गौर ने जनपद पंचायत के आय व्यय के योजनावार पत्रक में 6 अगस्त 2022 से 10 जून 2024 तक कुल व्यय की राशि 13 लाख 65 हजार 711 रूपए बताई है।
किए गए आय-व्यय का जनपद पंचायत की साधारण सभा व सामान्य प्रशासन समिति की बैठकों में आज दिनांक तक अनुमोदन नहीं कराया गया। भुगतान व आहरण इन दोनों अधिकारी-कर्मचारी की सांठगांठ से ही किया गया है। यह कृत्य नियमानुसार सही नहीं है। ऐसे में संबंधित पर कार्रवाई की जाकर खर्च किए बजट की वसूली की जाए।
सीईओ काजले को पद से हटाने की मांग की गई
शिकायत में यह भी बताया गया कि जनपद सीईओ स्वर्णलता काजले ने जनपद पंचायत पुनासा में पदस्थी के दौरान भी घाट निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्यों में भी अनियमितता की थी। इस प्रकरण में पंचायत एक्ट के मुताबिक कार्रवाई करते हुए काजले को दोषी पाया गया था। मामला कमिश्नर कोर्ट में चल रहा है।
वर्तमान में छैगांवमाखन जनपद की सामान्य प्रशासन समिति एवं साधारण सभा की बैठकों में सदस्यों द्वारा सर्वानुमति से लिए गए निर्णयों का आज दिनांक तक पालन नहीं किया गया है, जो घौर कृत्य की श्रेणी में आता है। इन मामलों के बावजूद उन्हें पद पर बनाए रखना वाजिब नहीं है। काजले को पद से हटाया जाए, ताकि जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधि व पंचायत प्रतिनिधियों के काम समय पर हो सकें।