MG रोड पर सिंगल पिलर पर बनेंगे मेट्रो स्टेशन: इससे ट्रैफिक बाधित नहीं होगा, साथ ही भविष्य में रोड चौड़ीकरण में भी नहीं आएगी अड़चन – Agra News h3>
एमजी रोड पर चल रहा मेट्रो का काम।
आगरा के MG रोड पर मेट्रो निर्माण के दौरान ट्रैफिक बाधित नहीं होगा। क्योंकि यहां बनने वाले 6 स्टेशन और कॉरीडोर का निर्माण सिंगल पिलर तकनीक से होगा। जिससे कि स्टेशन निर्माण में ज्यादा जगह न घिरे। साथ ही भविष्य में MG रोड के चौड़ीकरण में भी स्टेशन के पिल
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MG रोड पर आगरा कॉलेज मेट्रो स्टेशन का चल रहा काम।
इस कॉरिडोर में MG रोड पर प्रतापपुरा, कलेक्ट्रेट, आगरा कॉलेज, हरीपर्वत, संजय प्लेस और MG रोड 6 स्टेशन बनेंगे। वर्तमान में MG रोड पर वाहनों का लोड अधिक है। पूरे दिन जाम के हालात रहते हैं। ऐसे में मेट्रो नेटवर्क बनाना चुनौती है। इससे निपटने के लिए UPMRC कॉरिडोर का निर्माण सिंगल पिलर तकनीक से कर रही है। रोड को एक साथ ब्लॉक नहीं किया जाएगा।
200 मीटर को किया जाएगा कवर 200-200 मीटर जगह को कवर करके पिलरों की पाइलिंग की जाएगी। जिससे कि ट्रैफिक चलता रहे। स्टेशनों का निर्माण भी सिंगल पिलर पर होगा। यहां फतेहाबाद रोड की तरह रोड के दोनों ओर पिलर नहीं खड़े किए जाएंगे। रोड के बीचोंबीच लगने वाले पिलर पर स्टेशन बनेगा। ये देखने में आकर्षक होगा। साथ ही एमजी रोड के भविष्य को सुरक्षित करेगा। मजबूत होंगे पिलर नागपुर में इस तकनीक से मेट्रो स्टेशन बनाए गए हैं। ये देखने में आकर्षक तो हैं ही, मजबूत भी अधिक हैं। इसी को देखते हुए दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के अधिकांश एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन सिंगल पिलर तकनीक पर बनाए हैं। इस तकनीक में सड़क के बीचोंबीच थोड़ी-थोड़ी दूरी पर एक-एक पिलर खड़ा करके उनके ऊपर स्टेशन का ढांचा बनाया है।
21 मीटर चौड़ी जगह में बन सकता है स्टेशन
सिंगल पिलर तकनीक से केवल 21 मीटर चौड़ी जगह में स्टेशन बन गए हैं। दिल्ली में इस तकनीक के तहत पाइल, पाइल कैप, साइड आर्म, पाई गर्डर, सेंट्रल आर्म, यू गर्डर, डैक स्लैब आदि को भी कास्टिंग यार्ड में तैयार किया था। फिर, उन्हें सीधे साइट पर लाकर स्टेशन स्ट्रक्चर में लगा दिया।
ये है तकनीक
पुरानी तकनीक में जहां पिलर के ऊपर हिस्से में पिलर कैप लगाने के बाद उसके ऊपर वायाडक्ट लगाना पड़ता था। वहीं, इस तकनीक में सीधे पिलर के ऊपर ही वायाडक्ट लगा दिया जाता है। यानि पिलर और वायाडक्ट के बीच में अलग से कोई जोड़ नहीं होता है। फतेहाबाद रोड के एलिवेटेड स्टेशन में पारंपरिक तकनीक में स्टेशन के ढांचे को खड़ा करने के लिए सड़क के दोनों तरफ अतिरिक्त पिलर्स खड़े किए हैं। इसमें स्थान भी ज्यादा घिरा है।
नई तकनीक से सड़क के बीचोंबीच खड़े किए गए पिलर्स के ऊपर ही स्टेशन का ढांचा खड़ा होगा। पिलर के सबसे ऊपरी हिस्से में ज्यादा लंबी बीम लगाई जाएगी, जो कानकोर्स और प्लेटफार्म दोनों के ढांचे को दोनों तरफ से सहारा देने में सक्षम होगी। पर्याप्त वजन सहन करने की क्षमता होगी।
190 पाइल का निर्माण हुआ
UPMRC द्वारा प्रथम कॉरिडोर के शेष ऐलिवेटेड भाग में तेज गति के साथ निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस भाग में अब तक 190 का पाइल का निर्माण पूर्ण कर लिया है। इसके साथ ही अब तक 26 पाइलकैप एवं 21 पिलर का निर्माण किया जा चुका है। बता दें कि प्रथम कॉरिडोर के शेष ऐलिवेटेड भाग (आईएसबीटी से सिकंदरा) में कुल 654 पाइल, 150 पाइलकैप एवं 150 पियर का निर्माण किया जाना है, जिसमें से अब तक 190 पाइल, 26 पाइलकैप एवं 21 पिलर का निर्माण किया जा चुका है।