साइबर ठगी के लिए बैंक अकाउंट खुलवाने वाले 4 गिरफ्तार: कार में चलते-फिरते करते थे काम, 23 अकाउंट मिले, लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन – Ajmer News

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साइबर ठगी के लिए बैंक अकाउंट खुलवाने वाले 4 गिरफ्तार:  कार में चलते-फिरते करते थे काम, 23 अकाउंट मिले, लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन – Ajmer News

साइबर ठगी के लिए बैंक अकाउंट खुलवाने वाले 4 गिरफ्तार: कार में चलते-फिरते करते थे काम, 23 अकाउंट मिले, लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन – Ajmer News

अजमेर की साइबर थाना पुलिस ने पब्लिक को झांसा देकर साइबर ठगी के लिए बैंक खाता खुलवाने वाले 4 युवकों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से 4 मोबाइल, 5 एटीएम, सिम कार्ड और एक स्विफ्ट कार बरामद की गई है। चारों आरोपियों के कब्जे से अब तक 23 बैंक खातों की जा

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चारों आरोपी कार में चलते फिरते निचले लोगों को 3-4 हजार का कमीशन देकर उनके डॉक्यूमेंट से बैक अकाउंट खुलवाते थे। बाद में उन्हें साइबर ठगी करने वाले बदमाशों को दिया करते थे। बुधवार को मामले का खुलासा अजमेर एसपी वंदिता राणा की ओर से किया गया।

एसपी वंदिता राणा ने बताया कि 28 जनवरी को मुखबिर और पोर्टल से प्राप्त संदिग्ध नंबरों की सूचना साइबर थाने को मिली थी। सूचना मिलने पर पुलिस ने नाकाबंदी कर एक संदिग्ध कार को रुकवाया था। 4 युवकों से पूछताछ करने पर चारों युवकों ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद टीम ने कार्रवाई करते हुए फायसागर रोड निवासी गौरी शंकर(25) पुत्र गोपाल, शानू उर्फ रोनी (26)पुत्र बलबंत, पृथ्वी सिंह(24) पुत्र शक्ति सिंह और पीलीखान निवासी पवन सिंह (25) पुत्र गोपाल को गिरफ्तार किया है। चारों आरोपियों के कब्जे से चार मोबाइल पांच एटीएम कार्ड सिम कार्ड और एक कर जप्त की गई है। चारों आरोपियों का मास्टरमाइंड पृथ्वी है। पृथ्वी इंजीनियरिंग कर रहा था। इसके साथ एक गौरी और रोनी 12वीं व पवन 11वीं पास है।

अब तक 30 से ज्यादा खाते सामने आए

एसपी राणा ने बताया कि अब तक की पूछताछ में यह सामने आया कि आरोपियों ने कुल 30 खाते साइबर ठगों को देकर साइबर ठगी करना कबूल किया है। करीब 30 लाख रुपए आमजन से ठगने की बात सामने आई है। इसके अलावा आरोपियों द्वारा उपयोग में लिए गए बैंक खातों में लाखों रुपए गलत गतिविधियों में हेराफेरी करना सामने आया है। गिरोह में कई लोग शामिल हैं, जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी अन्य आरोपियों को चिन्हित किया जा चुका है, जिनको जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

3 से 5 हजार का लालच देकर अकाउंट खुलवाते थे

एसपी वंदिता राणा ने बताया कि गिरोह एक चैन के रूप में काम करता है। यह सबसे निचले लोगों से 3 से 5 हजार के कमीशन पर बैंक अकाउंट मय लिंक सिम कार्ड लेता है। इसके बाद जो लोग इस चैन के बीच में है वह लाखों रुपए के कमीशन पर आगे भेज देते हैं। जांच में यह पाया गया की सेविंग, करंट, कोऑपरेटिव इस तीन टाइप के अलग-अलग बैंक अकाउंट जिनके अलग-अलग लिमिट होती है, उन बैंक अकाउंट को खरीदने और कुछ अकाउंट में लाखों-करोड़ों रुपए की ट्रांजैक्शन लिमिट होती है, जिन्हें फ्रॉड में इस्तेमाल किया जाता है। अभी तक 23 बैंक खातों की जानकारी मिली है। जिनमें से कई खाते साइबर ठगी में शामिल थे और वह बैंक खाते फ्रीज करवाए गए हैं।

6 महीने में 10 से ज्यादा मोबाइल बदलें

एसपी राणा ने बताया कि आरोपियों से बैंक से संबंधित एटीएम कार्ड सहित अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। यह सभी अलग-अलग सिटी और जिलों में जाकर बैंक जैसे एसबीआई, यूनियन बैंक, यूको बैंक, सिटीबैंक और अन्य बैंकों में अपने नाम पर भी कम से कम 5 से 6 बैंक खाता खुला चुके हैं। जिनका इस्तेमाल साइबर अपराध और गलत गतिविधियों में किया गया है। पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि इन लोगों ने पिछले 6 महीने से 10 से ज्यादा मोबाइल सेट बदले हैं, जिनके खिलाफ साइबर शिकायतें हुई है और उपयोग में लिए हुए सिम कार्ड के खिलाफ भी शिकायत दर्ज होना पाया है।

गिरफ्तार चारों आरोपियों के नाम से कम से कम पांच अकाउंट मिले हैं। बड़े पैमाने पर अलग-अलग शहरों में विभिन्न ब्रांचो में बैंक खाता खुलवाकर अन्य बैंक लोगों से बैंक खाता लेकर साइबर ठगों को पहुंचकर आमजन को साइबर ठगी का शिकार कर लाखों रुपए हड़पना पाया गया। यह ग्रुप पूरे राजस्थान में सक्रिय रूप से कार्यरत था जिन्हें कार्रवाई कर यहां गिरफ्तार किया है।

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