डल्लेवाल बोले- मांगे पूरी होने तक अनशन चलेगा: आज से श्री अखंड साहिब का भोग, 12 फरवरी को महापंचायत, 14 को सरकार के साथ बैठक – Punjab News h3>
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल लोगों को संदेश देते हुए।
फसलों के MSP की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल आज (मंगलवार) 64वें दिन में प्रवेश कर गई।
.
आज जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर से जनता को संदेश दिया। उन्होंने लोगों को 12 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर होने वाली महापंचायत में शामिल होने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि आपके आने से उन्हें ऊर्जा मिलती है।
डल्लेवाल ने 8 मिनट के संदेश मुख्य रूप से चार बातों को उठाया-
पंजाब के पानी को बचाने के लिए एमएसपी की जरूरत
डल्लेवाल ने कहा कि देश में यह भावना थी कि देश को एमएसपी गारंटी कानून मिलना चाहिए। जब पिछला आंदोलन स्थगित हुआ था, तब दूसरे राज्यों ने शिकायत की थी कि पंजाब के लोग आंदोलन को बीच चौराहे पर छोड़कर जा रहे हैं। हम चाहते थे कि पंजाब पर इस तरह के आरोप न लगाए जाएं। पूरे देश को एमएसपी गारंटी की जरूरत है।
पंजाब के पानी को बचाने के लिए पंजाब को भी एमएसपी की जरूरत है। इसके लिए मैं जो कुछ भी कर सकता था, मैंने किया। हालांकि, मैं यह भी कहना चाहता हूं कि मैंने यह खुद नहीं किया, बल्कि भगवान ने हमसे करवाया। जिसने यह किया, वह वाहेगुरु है। मैं इसके लिए पूरे देश का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।
फोरम के साथियों पर कहने से मेडिकल एड ली
18 तारीख की रात को सरकार ने जो पत्र दिया कि आप के साथ सरकार 14 फरवरी को बैठक करेगी। उस समय सभी साथियों और दोनों फोरमों ने कहा कि आप मेडिकल एड ले लीजिए। मैंने मेडिकल एड ले ली है।
अनशन उसी तरह जारी है। मेरा मन है कि अनशन तक जारी रहेगा, जब जब तक सरकार मांगे पूरी नहीं करती हैं। 14 तारीख को आप सब की भावना है कि हम मीटिंग में जाए। लेकिन तबीयत अनुमति नहीं दे रही है। जाने की शक्ति नहीं है।
मोर्चे की सफलता लिए करेंगे अरदास
मैं चाहता हूं कि हमारे आंदोलन को जैसे आज ऊपर वाले की शक्ति मिली है। उसने जिस मेहर की निगाह से इस आंदोलन को कामयाब किया। मैं चाहता था इसके लिए गुरुजी का शुक्राना किया जाए। ऐसे में आज श्री अखंड साहिब के प्रकाश होंगे, 30 तारीख को भोग डाले जाएंगे।
उस दिन गुरुजी का शुक्राना करेंगे, जिनकी कृपा से सरकार को सद्बुद्धि आई। वह हमसे बातचीत के लिए तैयार हुई। वहीं, उस दिन अरदास भी करेंगे मोर्चे की जीत हो । किसानों की सारी मांगे पूरी हो जाए।
आपके आने से मुझे शक्ति मिलेगी
मेरी भावना है कि 12 तारीख को खनौरी बॉर्डर पर चार तारीख की तरह किसान, मजदूर सभी देशवासी इकट्ठे हो। सब मिलकर अकाल पुरख के चरणों में अरदास करे । लोगों की भावना है कि चौदह तारीख की मीटिंग में हम जा पाए। आपके आने से ऊर्जा मिलती है। हो सकता कि आपकी आने से मैं मीटिंग में जाने के सक्षम हो जाऊं। 12 तारीख को सभी एकत्रित हो। पूरी संख्या में आकर एक ऊर्जा प्रदान करने का करे।
सुप्रीम कोर्ट की हाईपावर कमेटी डल्लेवाल से मुलाकात करते हुए । (फाइल फोटो)
फरवरी महीने में होंगी तीन महापंचायत
किसान आंदोलन को 13 फरवरी को एक साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में 11 से 13 फरवरी तक तीन महापंचायत की जाएंगी। 11 फरवरी को रत्नपुरा मोर्चे पर महापंचायत होगी। इसके लिए किसानों ने राजस्थान के हनुमानगढ़ एवं श्रीगंगानगर जिलों में गांव-गांव में प्रचार शुरू कर दिया गया है। 12 फरवरी को दाता सिंह वाला-खनौरी किसान मोर्चे पर होने वाली किसान महापंचायत के लिए हरियाणा के हिसार में किसानों की मीटिंग कर के गांव-अनुसार ड्यूटियां लगाई गई हैं।
जबकि 13 फरवरी को को शंभू में महापंचायत होगी। दूसरी तरफ दाता सिंह वाला-खनौरी किसान मोर्चे पर उत्तर प्रदेश के किसानों का एक बड़ा डेलिगेशन किसान नेता राजबीर सिंह, उधम चौधरी, जीवन सिंह, अंकित चौधरी, अक्षय त्यागी, कौशल क्रांतिकारी के नेतृत्व में जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने व उन्हें समर्थन देने के लिए पहुंचा।
शुभकरन की बरसी पर होगा समागम
किसान आंदोलन के दौरान गत साल युवा किसान शुभकरन की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसको 21 फरवरी को एक साल होने वाला है। इस दौरान भी एक समागम किसानों की तरफ से करवाया जाएगा। इसे लेकर भी किसानों की तैयारियां चल रही हैं। जल्दी इस बारे में फैसला लिया जाएगा। हालांकि परिवार वाले गांव में समागम चाहते हैं।
किसान महापंचायत के लिए किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ मीटिंग करते हुए।
अब तक किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ?
पिछले साल 13 फरवरी को किसान ने फसलों की एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। क्योंकि उस समय लोकसभा चुनाव होने थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने शुरू में तत्परता दिखाई। साथ ही तत्कालीन कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत सीनियर नेता चंडीगढ़ भेजे।
साथ ही सेक्टर-26 में किसान नेताओं से मीटिंग की। इन मीटिंगों में पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे। यह मीटिंग देर रात दो बजे तक चलती रही थी, लेकिन जब किसानों की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला लिया था।
लेकिन हरियाणा सरकार ने बैरिकेड लगाकर किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया। साथ ही दलील दी कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर मॉडिफाई किए हुए हैं। अगर किसान आगे आते हैं तो राज्य का माहौल खराब होगा। इस दौरान खनौरी बॉर्डर पर पुलिस व किसानों की झड़प में युवा किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई। हालांकि जब किसान वहीं रुक गए तो उन दोनों रास्तों से पंजाब हरियाणा का संपर्क टूट गया। इस वजह से कारोबारियों को नुकसान होने लगा।
मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया। 10 जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बैरिकेड खोलने के आदेश दिए तो सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई पावर कमेटी गठित की । फिर 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन शुरू किया। साथ ही किसी तरह की मेडिकल सुविधा न लेने का फैसला लिया।
लेकिन जैसे ही संघर्ष को 50 दिन पूरे हुए तो केंद्र सरकार के अधिकारी खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को मीटिंग के लिए न्योता दिया। इसके बाद डल्लेवाल ने अनशन जारी रखने व मेडिकल सुविधा लेने का फैसला लिया। साथ ही 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला।