मुंबई में डीजल-पेट्रोल गाड़ियों पर बैन की तैयारी: महाराष्ट्र सरकार ने स्टडी के लिए 7 मेंबर्स की कमेटी बनाई, 3 महीने में रिपोर्ट देगी h3>
मुंबई8 मिनट पहले
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आदेश के मुताबिक यह कमेटी स्टडी के लिए अलग-अलग एक्सपर्ट्स को भी पैनल में शामिल कर सकेगी। (फाइल)
महाराष्ट्र सरकार ने बढ़ते प्रदूषण की वजह से मुंबई महानगर पालिका क्षेत्र में डीजल-पेट्रोल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने इसके लिए 7 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है, जो अगले 3 महीने में अपने सुझाव सौंपेगी।
22 जनवरी को जारी आदेश में रिटायर्ड IAS अधिकारी सुधीर श्रीवास्तव कमेटी को लीड करेंगे। इसमें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, जॉइंट पुलिस कमिश्नर ट्रैफिक, महानगर गैस लिमिटेड के MD, पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अध्यक्ष और जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सदस्य होंगे।
आदेश के मुताबिक यह कमेटी स्टडी के लिए अलग-अलग एक्सपर्ट्स को भी पैनल में शामिल कर सकेगी। मुंबई महानगर(MMR) में पड़ोसी ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिले के क्षेत्र भी शामिल हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रदूषण-भीड़भाड़ पर चिंता जताई थी
9 जनवरी को एक जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई शहर में ट्रैफिक और बढ़ते प्रदूषण के कारण क्वालिटी लाइफ और पर्यावरण पर इसके नकारात्मक प्रभाव को लेकर चिंता जताई थी। हाईकोर्ट ने कहा था
कि वाहनों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। मुंबई में वाहनों की संख्या और प्रदूषण को नियंत्रित करने के मौजूदा उपाय अपर्याप्त साबित हो रहे हैं।
कोर्ट ने कहा था कि इस बात पर स्टडी करने की जरूरत है कि क्या डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को फेज वाइज बंद करना उचित होगा। कोर्ट ने राज्य सरकार से एक कमेटी बनाने और 3 महीने में फिजिबिलिटी रिपोर्ट मांगी थी।
कोर्ट का BMC-MPCB को निर्देश
कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को निर्देश दिया कि लकड़ी और कोयले का उपयोग करने वाली शहर की बेकरी निर्धारित एक साल की समय सीमा के बजाय 6 महीने में गैस या अन्य हरित ईंधन का इस्तेमाल करना शुरू करें।
- कोर्ट ने कहा था कि अब से कोयले या लकड़ी पर चलने वाली बेकरी या इसी तरह के व्यवसाय खोलने के लिए कोई नई मंजूरी नहीं दी जाएगी। नए लाइसेंस इस शर्त का पालन करने के बाद दिए जाएंगे कि वे केवल हरित ईंधन का उपयोग करें।
- इसके बाद राज्य सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्र में पेट्रोल-डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने, CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों को अनुमति देने पर स्टडी करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक्सपर्ट्स कमेटी बनाई है। कोर्ट ने BMC और MPCB को निर्माण स्थलों पर प्रदूषण इंडिकेटर्स लगाने का भी निर्देश दिया।
- इसने कहा कि अब से कोयले या लकड़ी पर चलने वाली बेकरी या इसी तरह के व्यवसाय खोलने के लिए कोई नई मंजूरी नहीं दी जाएगी और नए लाइसेंस इस शर्त का पालन करने के बाद दिए जाएंगे कि वे केवल हरित ईंधन का उपयोग करें।
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मुंबई8 मिनट पहले
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आदेश के मुताबिक यह कमेटी स्टडी के लिए अलग-अलग एक्सपर्ट्स को भी पैनल में शामिल कर सकेगी। (फाइल)
महाराष्ट्र सरकार ने बढ़ते प्रदूषण की वजह से मुंबई महानगर पालिका क्षेत्र में डीजल-पेट्रोल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने इसके लिए 7 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है, जो अगले 3 महीने में अपने सुझाव सौंपेगी।
22 जनवरी को जारी आदेश में रिटायर्ड IAS अधिकारी सुधीर श्रीवास्तव कमेटी को लीड करेंगे। इसमें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, जॉइंट पुलिस कमिश्नर ट्रैफिक, महानगर गैस लिमिटेड के MD, पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अध्यक्ष और जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सदस्य होंगे।
आदेश के मुताबिक यह कमेटी स्टडी के लिए अलग-अलग एक्सपर्ट्स को भी पैनल में शामिल कर सकेगी। मुंबई महानगर(MMR) में पड़ोसी ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिले के क्षेत्र भी शामिल हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रदूषण-भीड़भाड़ पर चिंता जताई थी
9 जनवरी को एक जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई शहर में ट्रैफिक और बढ़ते प्रदूषण के कारण क्वालिटी लाइफ और पर्यावरण पर इसके नकारात्मक प्रभाव को लेकर चिंता जताई थी। हाईकोर्ट ने कहा था
कि वाहनों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। मुंबई में वाहनों की संख्या और प्रदूषण को नियंत्रित करने के मौजूदा उपाय अपर्याप्त साबित हो रहे हैं।
कोर्ट ने कहा था कि इस बात पर स्टडी करने की जरूरत है कि क्या डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को फेज वाइज बंद करना उचित होगा। कोर्ट ने राज्य सरकार से एक कमेटी बनाने और 3 महीने में फिजिबिलिटी रिपोर्ट मांगी थी।
कोर्ट का BMC-MPCB को निर्देश
कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को निर्देश दिया कि लकड़ी और कोयले का उपयोग करने वाली शहर की बेकरी निर्धारित एक साल की समय सीमा के बजाय 6 महीने में गैस या अन्य हरित ईंधन का इस्तेमाल करना शुरू करें।
- कोर्ट ने कहा था कि अब से कोयले या लकड़ी पर चलने वाली बेकरी या इसी तरह के व्यवसाय खोलने के लिए कोई नई मंजूरी नहीं दी जाएगी। नए लाइसेंस इस शर्त का पालन करने के बाद दिए जाएंगे कि वे केवल हरित ईंधन का उपयोग करें।
- इसके बाद राज्य सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्र में पेट्रोल-डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने, CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों को अनुमति देने पर स्टडी करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक्सपर्ट्स कमेटी बनाई है। कोर्ट ने BMC और MPCB को निर्माण स्थलों पर प्रदूषण इंडिकेटर्स लगाने का भी निर्देश दिया।
- इसने कहा कि अब से कोयले या लकड़ी पर चलने वाली बेकरी या इसी तरह के व्यवसाय खोलने के लिए कोई नई मंजूरी नहीं दी जाएगी और नए लाइसेंस इस शर्त का पालन करने के बाद दिए जाएंगे कि वे केवल हरित ईंधन का उपयोग करें।