राममंदिर का मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर शास्त्री को पद्मश्री: साध्वी ऋतंभरा देवी, लेखक रामबहादुर राय सहित यूपी की 10 हस्तियां होंगी सम्मानित – Varanasi News h3>
केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 2025 के लिए पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया। लिस्ट में यूपी की 10 हस्तियां हैं। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुहूर्त निकालने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ को पद्मश्री दिया जाएगा।
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शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में बेहतर काम के लिए लेखक रामबहादुर राय को पद्म भूषण दिया जा रहा है। राम मंदिर आंदोलन के लिए जानी जाने वाली साध्वी शांभवी ऋतंभरा देवी पद्म भूषण दिया जाएगा।
इसके अलावा साइंस एंड इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सराहनीय काम के लिए आशुतोष शर्मा, हृदय नारायण दीक्षित, श्याम बिहारी अग्रवाल, सोनिया नित्यानंद, भूलई भाई को पद्मश्री दिया जाएगा।
पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ पीएम मोदी के प्रस्तावक भी रहे हैं।
गणेश्वर शास्त्री पीएम मोदी के प्रस्तावक रहे हैं पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ मूल रूप से दक्षिण भारत के हैं। वह वाराणसी में ही रहते हैं। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन का मुहूर्त इन्होंने ही निकाला था।
2024 में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे। उन्होंने नामांकन के भी तिथि और समय को निर्धारित किया था।गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने व्यास जी के तहखाना की पूजा पाठ कराई थी इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाले प्रमुख आयोजनों में वह मुख्य भूमिका में होते हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा मुहूर्त को लेकर उनसे सर्वप्रथम परामर्श लिया जाता है।
राष्ट्रवादी लेखक हैं हृदय नारायण दीक्षित पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित साहित्यकार, पत्रकार और राजनेता हैं। उन्हें राष्ट्रवादी चिंतन में अग्रिम पंक्ति का लेखक माना जाता है। वह उन्नाव में भाजपा के जिलाध्यक्ष, यूपी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, वरिष्ठ मुख्य प्रवक्ता भी रहे हैं।
अब तक उनकी दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वह सपा और बसपा के टिकट पर भी चुनाव लड़ चुके हैं। 2017 में उन्नाव की भगवंत नगर विधानसभा सीट से चुनाव जीते। भाजपा ने उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया।
हृदय नारायण दीक्षित की वैदिक साहित्य और भारतीय संस्कृति में खास पकड़ है।
जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे राम बहादुर गाजीपुर के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे। राष्ट्रवादी चिंतन के लेखक हैं। एक समाचार एजेंसी से पत्रकारिता की शुरुआत की। वह कई समाचार पत्रों से जुड़े रहे। आपातकाल के दौरान जेल में भी रहे।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर की जीवनी रहबरी के सवाल और पूर्व पीएम वीपी सिंह की जीवनी मंजिल से ज्यादा सफर भी लिखी। आपातकाल के आंदोलन में जयप्रकाश नारायण के सहयोगी की भूमिका में रहे।
राम बहादुर राय की पहचान जय प्रकाश नारायण आंदोलन के लिए है।
जनसंघ के विधायक रहे भूलई भाई श्रीनारायण भूलई भाई कुशीनगर की नौरंगिया सीट से 1970 के दशक में दो बार जनसंघ से विधायक रहे। उनका 111 वर्ष की आयु में अक्टूबर, 2024 में निधन हुआ। भाजपा के सबसे पुराने कार्यकर्ता भी रहे। 2022 में जब यूपी में भाजपा की दोबारा सरकार बनी तो भूलई भाई खास मेहमान थे। गृहमंत्री अमित शाह ने मंच से नीचे उतरकर उनका सम्मान किया था।
भूलई भाई का अक्टूबर, 2024 में निधन हो चुका है।
KGMU की वाइस चांसलर हैं डॉ. सोनिया डॉ. सोनिया नित्यानंद KGMU की वाइस चांसलर हैं। वह SGPGI की प्रोफेसर और HOD, हिमेटोलॉजी एंड स्टेम सेल रिसर्च सेंटर के पद पर तैनात थीं। वह केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. नित्यानंद की बेटी हैं। कोविड काल में उन्हें लखनऊ के सुपर स्पेशियलिटी इंस्टीट्यूट आरएमएल की जिम्मेदारी दी गई।
डॉ. सोनिया नित्यानंद KGMU की वाइस चांसलर हैं।
राम मंदिर आंदोलन में शामिल रही साध्वी ऋतंभरा साध्वी ऋतंभरा का जन्म लुधियाना के दोराहा में हुआ था। पहले उनका नाम निशा था। हरिद्वार के संत स्वामी परमानंद गिरी की शिष्या बनने के बाद उन्हें ऋतंभरा का नाम मिला। राम मंदिर आंदोलन में शामिल रही। साध्वी ऋतंभरा गंगा माता भारत माता यात्रा निकाल चुकी हैं। वह आरएसएस और विहिप में महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं।
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान संतों की पंक्ति में साध्वी ऋतंभरा रोती हुई देखी गईं थीं।
लेखक और शिक्षक हैं डॉ. श्याम बिहारी डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल प्रबुद्ध लेखक और शिक्षक है। 4 जनवरी, 1968 को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग में लेक्चरर बने। उन्होंने इलाहाबाद विवि में दृश्य कला संकाय की स्थापना की। डॉ. अग्रवाल राज्य ललित कला अकादमी, लखनऊ के सदस्य भी रहे। अकादमी से प्रकाशित ‘कला त्रैमासिक’का सम्पादन किया। उन्होंने कला पर एक दर्जन से अधिक पुस्तकें भी लिखी हैं।
3 श्रेणियों में दिया जाता है पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों- पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण में प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार कला, समाज सेवा, साइंस, इंजीनियरिंग, बिजनेस, इंडस्ट्री, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए दिए जाते हैं।
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