लुधियाना में आज पहुंचेगे गर्वनर गुलाब चंद कटारिया: कल PAU मैदान में करेंगे गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण,बुड्डा दरिया का लेंगे आज जायजा – Ludhiana News h3>
पंजाब के गर्वनर गुलाब चंद कटारिया।
पंजाब के लुधियाना में आज गर्वनर गुलाब चंद कटारिया पहुंच रहे है। वह आज शाम साढ़े 4 बजे चुहड़पुर रोड विवेकानंद केन्द्र ग्रीन इक्लेव जाएंगे। यहां से वह जिसके बाद गौशाला रोड जमालपुर ड्रेन सिस्टम और बुड्डा दरिया का जायजा लेंगे।
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इस पश्चात गुरुद्वारा गौघाट में नतमस्तक होंगे। गर्वनर आज रात लुधियाना में ही रुकेगा। सुबह PAU मैदान में 10 बजे ध्वाजारोहण कर सलामी देंगे। जिसके बाद कल दोपहर 2 बजे के बाद वह वापस पंजाब भवन लौट जाएंगे। गर्वनर कटारिया के आने के कारण शहर में सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध पुलिस किए हुए है।
पंजाब का गर्वनर पद ग्रहण करते समय शपथ समारोह की तस्वीर। (फाइल)
कौन है गुलाब चंद कटारिया
गुलाबचंद कटारिया का जन्म 13 अक्टूबर 1944 को राजसमंद के देलवाड़ा में हुआ था। कटारिया ने एमए, बीएड और एलएलबी तक पढ़ाई की है। उनकी पांच बेटियां हैं। हायर एजुकेशन के बाद वे उदयपुर में प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने लगे थे। कॉलेज के समय में आरएसएस से जुड़ गए। कटारिया जनसंघ के दिग्गज नेता सुंदरसिंह भंडारी और भानुकुमार शास्त्री के साथ काम करने लगे थे।
कटारिया 1993 से लगातार विधायक हैं। उदयपुर विधानसभा सीट से 2003 से 2018 तक लगातार चार बार चुनाव जीते। 1993 में भी उदयपुर शहर से विधानसभा चुनाव जीते थे। 1998 में भी कटारिया ने विधानसभा चुनाव जीता था, मगर तब वे बड़ी सादड़ी सीट से चुनाव लड़े थे।
पैसों की जरूरत पड़ी तो नौकरी करने लगे थे कटारिया
गुलाबचंद कटारिया की छवि एक बेबाक और ईमानदार नेता की है। कटारिया के बारे में एक किस्सा है। विधायक बनने के बाद भी कटारिया को जब पैसे की जरूरत पड़ी तो वे उदयपुर में नौकरी करने लग गए थे। जब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उनके नौकरी करने के बारे में पता लगा तो उन्हें समझाया कि पार्टी के लिए यह ठीक नहीं रहेगा कि आप जैसा नेता नौकरी करे। काफी समझाने के बााद वे नौकरी छोड़ने को तैयार हुए।
मोटरसाइकिल पर कई बार पूरे मेवाड़ का दौरा करते थे, वही मोटरसाइकिल एक विधायक को दी गुलाबचंद कटारिया ने जिस दौर में राजनीति शुरू की, वह जनसंघ के लिए मुश्किल दौर था। राजनीति में उस वक्त आज के दौर की तरह पैसा नहीं था। कटारिया प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते हुए ही चुनाव लड़े थे। कटारिया के पास वाहन के नाम पर एक मोटरसाइकिल हुआ करती थी, उसी से उदयपुर संभाग के आदिवासी इलाकों में पार्टी का काम करते थे।
बाद में वही मोटरसाइकिल उन्होंने उदयपुर के मावली से विधायक धर्मनरायण जोशी को दी। बीजेपी नेता सुनील भार्गव कटारिया ने उनके साथ काम करने के अनुभव को याद करते हुए कहा- गुलाबचंद कटारिया ने राजनीति से कभी पैसा नहीं कमाया। हम जैसे कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी के समय से ही उन्हें देखा है, किस तरह पार्टी के लिए वे दिन रात मेहनत करते थे। आदिवासी इलाकों में चुनाव लड़वाने के लिए कटारिया पाई-पाई इकट्ठा करते थे। उस वक्त आदिवासी इलाकों के उम्मीदवारों के पास चुनाव लड़ने के पैसे नहीं होते थे, उनके लिए फंड जुटाने में बहुत मेहनत करते थे।