गेस्ट टीचर पर आरएसएस ज्वॉइन करने का बनाया दबाव: इनकार पर हुई मारपीट; हाईकोर्ट ने सीधी एसपी को 7 दिन में कार्रवाई के दिए निर्देश – Jabalpur News h3>
9 दिसंबर को सतना निवासी एक गेस्ट टीचर ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए सीधी एसपी को निर्देश दिया कि वे 7 दिनों के भीतर याचिकाकर्ता की शिकायत पर आवश्य
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डॉ. रामजस चौधरी, जो सीधी जिले के मझौली में स्थित शासकीय आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज में अतिथि विद्वान हैं, ने आरोप लगाया था कि कॉलेज प्रबंधन उन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सदस्यता लेने का दबाव बना रहा है। उनका कहना था कि “आरएसएस की विचारधारा से मेरी विचारधारा मेल नहीं खाती। जब मैंने आरएसएस ज्वाइन करने से इनकार किया, तो न केवल मेरे साथ मारपीट की गई, बल्कि मुझे जान से मारने की धमकी भी दी गई।”
डॉ. चौधरी सीधी जिले के मझौली में स्थित शासकीय आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज में अतिथि विद्वान हैं।
डॉ. रामजस चौधरी ने 9 दिसंबर को मारपीट और धमकी की घटना को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इससे पहले उन्होंने मझौली थाना प्रभारी और सीधी एसपी को भी अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। याचिका दायर होने के बाद, कॉलेज प्रिंसिपल ने डॉ. चौधरी को यह कहते हुए कॉलेज से बर्खास्त कर दिया कि उनकी पढ़ाने की शैली सही नहीं है।
डॉ. चौधरी ने आरोप लगाया कि, अक्टूबर 2023 में कॉलेज के एक टीचर, डॉ. सुरेश कुमार तिवारी ने उनसे आरएसएस की बैठक में शामिल होने की बात कही थी, जिसे उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद 15 फरवरी को, उन्हें कॉलेज के बाथरूम में आधे घंटे तक बंद कर दिया गया और काफी मुश्किल से वे बाहर निकल सके।
चौधरी ने आगे बताया कि, मई 2024 में राज किशोर तिवारी ने उन्हें धमकी दी और कहा, “अब आगे देखना, क्या-क्या होता है।” इसके बाद, 26 जुलाई को, प्रिंसिपल के केबिन में घुसकर 6 लोगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
12 सितंबर 2024 को, जब डॉ. रामजस चौधरी कॉलेज से घर जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहे थे, तभी तीन हथियारबंद लोग वहां पहुंचे और सरेआम उनके साथ मारपीट की। घायल अवस्था में वे अस्पताल पहुंचे। जब पुलिस वहां पहुंची, तो डॉ. चौधरी ने बताया कि, राज किशोर तिवारी, संदीप शर्मा, गीता भारती, सुरेश कुमार तिवारी और उनके साथियों ने यह हमला करवाया था। पुलिस ने नामजद शिकायत दर्ज करने के बजाय मामले में अज्ञात हमलावरों का उल्लेख किया।
डॉ. रामजस ने आरोप लगाया कि, मझगंवा थाना प्रभारी दीपक सिंह ने मदद करने के बजाय उनके साथ गाली गलौज किया और चार घंटे तक थाने में बिठाकर रखा। अगस्त महीने में, जब वे अपनी शिकायत लेकर सीधी एसपी रविंद्र वर्मा के पास पहुंचे, तो एसपी ने उनके आवेदन को फाड़ दिया और धमकी दी कि यदि वे दोबारा आए, तो उन्हें थाने में बंद करवा दिया जाएगा।
डॉ. रामजस चौधरी ने अपने साथ हुई मारपीट की तस्वीरें पहले ही हाईकोर्ट में पेश की थी।
पीड़ित डॉ. रामजस चौधरी ने अपने साथ हुई मारपीट की तस्वीरें पहले ही हाईकोर्ट में पेश की थीं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, रामेश्वर सिंह ने कोर्ट को बताया कि 9 दिसंबर को डॉ. चौधरी ने मारपीट के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका की प्रति एडवोकेट जनरल को भी दी थी।
अगले ही दिन, सीधी के शासकीय आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज की प्रिंसिपल ने डॉ. चौधरी को नौकरी से हटा दिया, यह कहते हुए कि उनकी पढ़ाने की शैली सही नहीं है। इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिका का निराकरण किया और सीधी एसपी को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे इस मामले के आरोपियों के खिलाफ सात दिनों के भीतर कार्रवाई करें।