6 साल में दो करोड़ की आरसी, वसूले 68 लाख: 2024 में हुई सबसे कम वसूली; खाद्य सुरक्षा विभाग मिलावटखोरों से वसूली में नाकाम – Kanpur News h3>
कानपुर में मिलावटखोरों पर लंबी प्रक्रिया के बाद तय हुई जुर्माने की राशि को विभाग द्वारा वसूला नहीं जा सका है। एडीएम सिटी कोर्ट ने 6 साल में लैब में फेल सैंपल पर 3 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया, इसके बाद करीब दो करोड़ रुपए से अधिक की आरसी काटी गई। आरस
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कानपुर स्थित खाद्य सुरक्षा विभाग।
68 लाख रुपए की हो सकी वसूली दरअसल, प्रशासन के खाद्य एवं औषधि विभाग की लापरवाही के चलते और फिर कोर्ट से तय जुर्माने में लेटलतीफी से मिलावटखोर चांदी काट रहे हैं। 2018 से 2024 तक 523 आरसी जारी की गई, इसमें 2 करोड़ 74 लाख 55 हजार रुपए का जुर्माना हुआ।
इसके विपरित 68 लाख 30 हजार रुपए रिकवरी हो सकी। मामले में सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय संजय प्रताप सिंह ने बताया कि जिन्होंने जुर्माना नहीं जमा किया है, उनपर कार्रवाई की जाएगी।
2024 में सबसे कम वसूली इस वर्ष 2024 में पिछले छह साल में सबसे कम रिकवरी हुई है। एडीएम सिटी कोर्ट की ओर से 84 आरसी जारी हुई, इसमें 39 लाख से अधिक की जुर्माना राशि थी, लेकिन 25 हजार रुपए ही वसूली की जा सकी है।
साल भर हुई छापेमारी की कार्रवाई के बाद रिपोर्ट आने में लंबा वक्त लग जाता है। इसके बाद जब कार्रवाई होती है तो विभाग मिलावटखोरों से वसूली भी नहीं कर पा रहा है।
सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय संजय प्रताप सिंह ने लापरवाहों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
इस प्रकार होती है देरी पर देरी जिले का खाद्य एवं औषधि विभाग खाद्य व पेय पदार्थ को लेकर छापेमारी करता है। दुकानों से नमूने लेकर उन्हें लैब टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है। नमूने के रिजल्ट आने का समय 14 दिन है। लेकिन कम लैब का हवाला देकर यह रिजल्ट महीनों बाद आते हैं।
करीब दो या इससे अधिक महीने बाद रिजल्ट फेल होने वाले प्रतिष्ठानों की सूची आती है। जिसका एडीएम सिटी कोर्ट में केस चलता है। करीब दो से तीन महीने और लग जाते हैं जुर्माना लगाने में। इसके बाद जुर्माना जमा करना होता है।
जुर्माना अदा न करने के बाद एडीएम कोर्ट से आरसी जारी होती है। आरसी संबंधित तहसीलों के अमीनों को दी जाती है जो जुर्माना वसूल करें। अब दो से तीन और महीने लग जाते हैं।
अब तक जारी आरसी और वसूली गई धनराशि वर्ष- आरसी कटी- जुर्माना धनराशि (लाख)- वसूली 2018- 15- 10.35 -2.80 लाख 2020- 69- 23.05-7.50 लाख 2021- 42- 21.70-11.60 लाख 2022- 64- 36.15-13.30 लाख 2023-249- 1.44 करोड़-32.85 लाख 2024- 84- 39.25- 25 हजार