सरकारी अस्पताल में लापरवाही से नवजातों पर संकट‎: नौ माह में 104 और सात दिन में दो शिशुओं की मौत, सिविल सर्जन से मांगा गया जवाब – Ashoknagar News

1
सरकारी अस्पताल में लापरवाही से नवजातों पर संकट‎:  नौ माह में 104 और सात दिन में दो शिशुओं की मौत, सिविल सर्जन से मांगा गया जवाब – Ashoknagar News

सरकारी अस्पताल में लापरवाही से नवजातों पर संकट‎: नौ माह में 104 और सात दिन में दो शिशुओं की मौत, सिविल सर्जन से मांगा गया जवाब – Ashoknagar News

सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान शिशु की मौत के मामले थम नहीं रहे। 7 दिन के अंदर 2 नवजात की मौतें हो चुकी हैं और ये दोनों ही केस एक ही महिला डॉक्टर के इलाज के दौरान हुए। वहीं बीते 9 माह में डिलीवरी के दौरान 104 शिशुओं की मौत के मामले सामने आ चुके

.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लक्ष्मी पाराशर को प्रसव के लिए उसके परिजन दोपहर करीब 1 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। उनके पति सुमित ने बताया कि महिला का बीपी बढ़ा हुआ था और बच्चे की धड़कने भी चल रही थीं। शाम करीब 7:30 बजे डॉ. नीलम धुर्वे पहुंची तो उन्होंने सीजर के लिए बोल दिया। डिलीवरी के दौरान शिशु की मौत हो गई।

डॉक्टर ने कहा था- जिए या मरे, हमें नहीं पता…

लक्ष्मी पाराशर की सास उर्मिला ने अपने बयान में अधिकारियों को आरोप लगाते हुए बताया कि डॉक्टर से जब उन्होंने कहा कि मेरी बहू व बच्चे को बचा लो तो डॉक्टर ने कहा जिए या मरे हमें नहीं पता, हम हमारा काम कर रहे हैं। जबकि इस संबंध में डॉ. नीलम धुर्वे से बात की तो उन्होंने कहा मैं ऐसे किसी भी मरीज से नहीं कहतीं।

इधर… जनसुनवाई में सीजर की शिकायत

वार्ड 8 के रहने वाले मनोज दुबे ने जनसुनवाई में शिकायत की। उन्होंने बताया कि 27 नवंबर 2024 की रात 1:30 बजे मेरी पत्नी श्रीवति दुबे की डिलीवरी होना थी। उसे सरकारी अस्पताल ले गया था। डिलीवरी के लिए प्रसूती वार्ड में भर्ती करा दिया था। मैंने कीर्ति गोल्या व उनकी सहायक 2 नर्सों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि सीजर ऑपरेशन होगा और 20 हजार रुपए की मांग की। जब मैंने उनसे कहा कि रुपए होते तो सरकारी अस्पताल में लेकर क्यों आता, इस पर उन्होंने कहा रुपए नहीं हैं तो घर ले जाओ और अस्पताल से भगा दिया।

मामले की जांच चल रही है। एनएचएम ने भी इसे गंभीरता से लिया है और संपूर्ण जानकारी मांगी है। मैं इसमें ज्यादा क्या कह सकता हूं? -डॉ. डीके भार्गव, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, अशोकनगर।

राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचकर परिजनों, डॉक्टर और ड्यूटी स्टाफ के कथन लिए गए। प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम मैडम को सौंप दी है। -रोहित रघुवंशी, तहसीलदार

मध्यप्रदेश की और खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News