खिलचीपुर के बैडमिंटन खिलाड़ियों का संघर्ष: 3 शिक्षकों ने कंक्रीट के मैदान पर प्रैक्टिस कर संभागीय स्तर तक बनाई जगह – rajgarh (MP) News

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खिलचीपुर के बैडमिंटन खिलाड़ियों का संघर्ष:  3 शिक्षकों ने कंक्रीट के मैदान पर प्रैक्टिस कर संभागीय स्तर तक बनाई जगह – rajgarh (MP) News

खिलचीपुर के बैडमिंटन खिलाड़ियों का संघर्ष: 3 शिक्षकों ने कंक्रीट के मैदान पर प्रैक्टिस कर संभागीय स्तर तक बनाई जगह – rajgarh (MP) News

राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जहां बुनियादी खेल सुविधाओं के अभाव में भी तीन शिक्षकों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। यहां के तीन शिक्षकों ने 11वीं विभागीय खेल प्रतियोगिता में बैडमिंटन खेलते हुए ऐसा प्रदर्शन किया कि

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खिलचीपुर के नरपतपाल सिंह खिंची, आलोक शर्मा और सावन ढाबी ने जिलेभर में आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिता में अपने खेल कौशल का लोहा मनवाया और संभागीय स्तर के लिए क्वालीफाई किया। यह तीनों शिक्षक रायसेन में 18 और 19 जनवरी को होने वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। उनकी यह उपलब्धि नगर और जिले दोनों के लिए गौरव का विषय है।

कंक्रीट के मैदान पर तैयार हुई सफलता की कहानी

बता दें कि खिलचीपुर में बैडमिंटन खेलने के लिए कोई ग्राउंड या सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। बावजूद इसके, यहां के खिलाड़ी कंक्रीट के मैदान पर सुबह 5 बजे से नियमित अभ्यास करते हैं। हर मौसम में मेहनत और लगन से अभ्यास करने वाले इन खिलाड़ियों ने साबित कर दिया कि सफलता के लिए संसाधन नहीं, बल्कि जज्बा और अनुशासन जरूरी है।

नगरवासियों की मांग: खिलचीपुर को मिले बैडमिंटन ग्राउंड

इस उपलब्धि ने नगरवासियों को गर्व का अनुभव कराया, लेकिन साथ ही उन्होंने शासन से अपील की है कि खिलचीपुर को एक बैडमिंटन ग्राउंड की सौगात दी जाए। नगर में लगभग 20-25 बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिनकी प्रतिभा संसाधनों की कमी के बावजूद निखर रही है। यदि यहां बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों, तो ये खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नगर और जिले का नाम रोशन कर सकते हैं।

संघर्ष और सफलता का संदेश

बिना किसी खेल ग्राउंड और सुविधाओं के खिलचीपुर के खिलाड़ियों ने यह साबित किया है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। शिक्षकों और खिलाड़ियों की यह उपलब्धि न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि एक संदेश भी देती है कि अवसर मिलने पर यह नगर और भी ऊंचाइयों को छू सकता है।

खिलचीपुर की इस उपलब्धि ने न केवल नगरवासियों को गर्व का अनुभव कराया है, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि अगर सही मार्गदर्शन और संसाधन मिलें, तो यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर चमक सकते हैं।

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