असम कोयला खदान हादसा, 5 मजदूर अब भी लापता: पानी निकालने में 60 दिन लग सकते हैं; 220 रैट होल माइन्स बंद होंगी, जांच SIT करेगी h3>
नई दिल्ली40 मिनट पहले
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6 जनवरी को हुए हादसे को गुरुवार को 11 दिन बीत चुके है। सैपर्स इसमें फंसे मजदूरों को निकालने में लगे हुए हैं।
असम सरकार ने गुरुवार को उमरंगसो कोयला खदान हादसे की जांच ज्युडीशियल और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम से करवाने की घोषणा की है। सरकार सभी पीड़ितों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए के मुआवजा देगी। साथ ही सभी 220 ऐसी ही खदानों को बंद करने का भी फैसला लिया गया है।
बचाव एजेंसियों का कहना है कि पानी निकालने का काम पूरा होने में लगभग 30 से 60 दिन लगेंगे। अभी NDRF की टीम 15 पंपों के जरिए 7.9 लाख लीटर प्रति घंटे की दर से पानी निकाल रही है।
असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि 48 घंटों तक पानी निकालने के बाद भी पानी का लेवल केवल 1 फुट से कम कम हुआ है। ऐसा लगता है कि खदान कहीं न कहीं कोपिली नदी से जुड़ी हुई है।
6 जनवरी को दीमा हसाओ जिले में 3 किलो उमरंगसो की कोयला खदान में पानी भर गया था। जिसमें 9 मजदूर फंस गए थे। अब तक 4 मजदूर के शव निकाले जा चुके हैं। जबकि 5 मजदूरों का कोई पता नहीं चल सका है।
उमरंगसो खदान हादसे के खिलाफ मांगों को लेकर गुवाहाटी में असम खनिज विकास निगम के बाहर असम सोनमिलिटो मोर्चा (एएसओएम) के सदस्यों ने प्रदर्शन किया।
उमरांगसो कोयला खदान में फंसे 5 मजदूरों के नाम
- हुसैन अली, बागरीबारी, जिला: दर्रांग, असम
- जाकिर हुसैन, 4 नंबर सियालमारी खुटी, जिला: दर्रांग, असम
- सर्पा बर्मन, खलिसनिमारी, गोसाईगांव, जिला: कोकराझार, असम
- मुस्तफा शेख, बागरीबारी, दलगांव, जिला: दर्रांग, असम
- संजीत सरकार, रायचेंगा, जिला: जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल
न्यायिक समिति 3 महीने में सरकार को देगी जांच रिपोर्ट हिमंता सरमा कैबिनेट ने खदान हादसे की न्यायिक जांच को भी मंजूरी दे दी है। इसके लिए जांच समिति बनाई जाएगी। जिसे रिटायर्ड जस्टिस अनिमा हजारिका लीड करेंगी। यह कमेटी तीन महीने के अंदर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। यही टीम SIT के काम की निगरानी भी करेगी। कैबिनेट में इस बात पर चर्चा की गई कि एक ही क्षेत्र में खदानों के खुलने का समय निर्धारित करने के लिए सैटेलाइट मैपिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
500 GPM मशीन शुरू नहीं हो सकी राज्य के खान एवं खनिज मंत्री कौशिक राय ने 12 जनवरी को बताया था कि नागपुर से मंगाई गई 500 GPM मशीन से असेंबल तो कर ली गई, लेकिन इसे शुरू नहीं किया जा सका। कोल इंडिया के मुताबिक अगर की मशीन काम करना शुरू कर देती तो एक मिनट में 500 गैलन पानी बाहर निकल जाता और मजदूरों का पता लगाया जा सकता था।
खदान हादसे में 2 गिरफ्तारियां, 2 पर FIR असम पुलिस ने खदान हादसे के सिलसिले में हनान लस्कर और पुनुश नुनिसा को गिरफ्तार किया था। वहीं, कांग्रेस की दिमा हसाओ यूनिट के कोम केम्पराई और पितुश लंगथासा ने उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) देबोलाल गोरलोसा और उनकी पत्नी कनिका होजाई के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इसमें गोरलोसा और होजाई की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई है। दावा है कि ये दोनों खदान में अवैध खनन करवा रहे थे।
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खदान हादसे से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
नौसेना ने गोताखोर वापस बुलाए, अधिकारी बोले- 5 रैट माइनर्स के बचने की उम्मीद कम
दीमा हसाओ के उमरंगसो में रैट माइनर्स के रेस्क्यू ऑपरेशन के 9वें दिन भारतीय नौसेना ने अपने गोताखोरों को वापस बुला लिया। हादसे वाले दिन खदान में वाटर लेवल 30 मीटर था, अब यह 12 मीटर से भी कम हो गया है। हालांकि पानी निकालने का काम अभी जारी है। 5 मजदूर अब भी खदान में फंसे हैं, हालांकि अधिकारियों का मानना है कि इनके बचने की उम्मीद कम है। पढ़ें पूरी खबर…
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नई दिल्ली40 मिनट पहले
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6 जनवरी को हुए हादसे को गुरुवार को 11 दिन बीत चुके है। सैपर्स इसमें फंसे मजदूरों को निकालने में लगे हुए हैं।
असम सरकार ने गुरुवार को उमरंगसो कोयला खदान हादसे की जांच ज्युडीशियल और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम से करवाने की घोषणा की है। सरकार सभी पीड़ितों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए के मुआवजा देगी। साथ ही सभी 220 ऐसी ही खदानों को बंद करने का भी फैसला लिया गया है।
बचाव एजेंसियों का कहना है कि पानी निकालने का काम पूरा होने में लगभग 30 से 60 दिन लगेंगे। अभी NDRF की टीम 15 पंपों के जरिए 7.9 लाख लीटर प्रति घंटे की दर से पानी निकाल रही है।
असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि 48 घंटों तक पानी निकालने के बाद भी पानी का लेवल केवल 1 फुट से कम कम हुआ है। ऐसा लगता है कि खदान कहीं न कहीं कोपिली नदी से जुड़ी हुई है।
6 जनवरी को दीमा हसाओ जिले में 3 किलो उमरंगसो की कोयला खदान में पानी भर गया था। जिसमें 9 मजदूर फंस गए थे। अब तक 4 मजदूर के शव निकाले जा चुके हैं। जबकि 5 मजदूरों का कोई पता नहीं चल सका है।
उमरंगसो खदान हादसे के खिलाफ मांगों को लेकर गुवाहाटी में असम खनिज विकास निगम के बाहर असम सोनमिलिटो मोर्चा (एएसओएम) के सदस्यों ने प्रदर्शन किया।
उमरांगसो कोयला खदान में फंसे 5 मजदूरों के नाम
- हुसैन अली, बागरीबारी, जिला: दर्रांग, असम
- जाकिर हुसैन, 4 नंबर सियालमारी खुटी, जिला: दर्रांग, असम
- सर्पा बर्मन, खलिसनिमारी, गोसाईगांव, जिला: कोकराझार, असम
- मुस्तफा शेख, बागरीबारी, दलगांव, जिला: दर्रांग, असम
- संजीत सरकार, रायचेंगा, जिला: जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल
न्यायिक समिति 3 महीने में सरकार को देगी जांच रिपोर्ट हिमंता सरमा कैबिनेट ने खदान हादसे की न्यायिक जांच को भी मंजूरी दे दी है। इसके लिए जांच समिति बनाई जाएगी। जिसे रिटायर्ड जस्टिस अनिमा हजारिका लीड करेंगी। यह कमेटी तीन महीने के अंदर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। यही टीम SIT के काम की निगरानी भी करेगी। कैबिनेट में इस बात पर चर्चा की गई कि एक ही क्षेत्र में खदानों के खुलने का समय निर्धारित करने के लिए सैटेलाइट मैपिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
500 GPM मशीन शुरू नहीं हो सकी राज्य के खान एवं खनिज मंत्री कौशिक राय ने 12 जनवरी को बताया था कि नागपुर से मंगाई गई 500 GPM मशीन से असेंबल तो कर ली गई, लेकिन इसे शुरू नहीं किया जा सका। कोल इंडिया के मुताबिक अगर की मशीन काम करना शुरू कर देती तो एक मिनट में 500 गैलन पानी बाहर निकल जाता और मजदूरों का पता लगाया जा सकता था।
खदान हादसे में 2 गिरफ्तारियां, 2 पर FIR असम पुलिस ने खदान हादसे के सिलसिले में हनान लस्कर और पुनुश नुनिसा को गिरफ्तार किया था। वहीं, कांग्रेस की दिमा हसाओ यूनिट के कोम केम्पराई और पितुश लंगथासा ने उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) देबोलाल गोरलोसा और उनकी पत्नी कनिका होजाई के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इसमें गोरलोसा और होजाई की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई है। दावा है कि ये दोनों खदान में अवैध खनन करवा रहे थे।
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